राइस मिल ने खरीदी धान, आढ़तियों ने भेजी मिट्टी की बोरियां

Edited By Isha, Updated: 18 Oct, 2019 11:45 AM

rice mill bought paddy aadhati sent clay bags

चीका अनाज मंडी में धान के सीजन के चलते एक कच्चे आढ़ती ने पी.आर.-14 धान के स्थान पर मिट्टी की बोरियां भेज दीं। इसका खुलासा उस समय हुआ जब राइस मिल के मुंशी ने धान सुखाई के लिए परखी लगाई तो उसमें .......

गुहला-चीका (गोयल) : चीका अनाज मंडी में धान के सीजन के चलते एक कच्चे आढ़ती ने पी.आर.-14 धान के स्थान पर मिट्टी की बोरियां भेज दीं। इसका खुलासा उस समय हुआ जब राइस मिल के मुंशी ने धान सुखाई के लिए परखी लगाई तो उसमें धान की जगह मिट्टी निकली। प्रेम राइस मिल के मालिक मंगत राम ने बताया कि उसने हरियाणा सरकार की खरीद एजैंसी वेयरहाऊस के खाते में पी.आर.-14 धान की खरीद की थी। खरीदी धान का उठान 2-3 दिन बाद कर उसे राइस मिल में भेज दिया।

राइस मिल में मुंशी द्वारा परखी लगाकर अधिक नमी वाला धान को फड़ में सुखाया जाता है। मंगत राम ने बताया कि आढ़ती से खरीदे धान की जब जांच की तो कुछ बोरी में से मिट्टी निकली। राइस मिल मालिक ने उसी वक्त आढ़ती को फोन कर धान की जगह मिट्टी होने की सूचना दी। एक बार आढ़ती ने राइस मिल मालिक की बात को अनसुना कर दिया और कहा ऐसे कैसे हो सकता हैं। राइस मिल मालिक मिट्टी से भरी बोरियों को गाड़ी में लोड कर आढ़ती की दुकान पर पहुंचा।

आढ़ती ने मिल मालिक की फिर भी एक न सुनी और कहा कि गलती से मिट्टी जा सकती है। इसे बदलकर धान की बोरी ले जाओ। राइस मिल मालिक धान की बोरी ले जाने को राजी नहीं हुआ। उसने मंडी के मुख्य चौक में आढ़तियों को इकट्ठा किया और हेराफेरी करने वाले आढ़ती का कच्चा चिट्ठा पेश किया। आढ़तियों ने हेराफेरी करने वाले आढ़ती की खिलाफत की। मंगत राम ने कहा कि जिस आढ़ती ने हेराफेरी की है, उसका भुगतान वेयरहाऊस के अधिकारियों को रोकने को कहा है। जब तक आढ़ती हेराफेरी कबूल नहीं करेगा, तब तक उसका भुगतान करना उचित नहीं होगा। इस बीच आढ़ती धान की जगह मिट्टी भेजने की बात से साफ इंकार करता रहा।

आढ़ती एसोसिएशन के उपाध्यक्ष का कथन
ईश्वर सीड़ा ने कहा कि जिस आढ़ती ने राइस मिल मालिक के साथ धान की जगह मिट्टी भेजने का कार्य किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वे इस मामले में राइस मिल मालिक के साथ हैं। मिट्टी भेजने वाले आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करवाने में वे अहम भूमिका निभाएंगे।

मिल मालिक को नहीं बख्शा, किसानों को कैसे बख्शेंगे : कसाना
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि जब आढ़ती ने राइस मिल मालिक को नहीं बख्शा तो किसानों को कैसे बख्शेंगे। ऐसे आढ़ती का आढ़त का लाइसैंस रद्द होना चाहिए। किसानों की बेची धान की जांच खरीद एजैंसी व राइस मिल मालिक के साथ होनी चाहिए। किसानों का अधिकतर धान आढ़ती सरकार के खाते में लिखवा रहे हैं, जबकि किसान को उक्त धान सरकारी समर्थन मूल्य से कम भाव में बेचने की बात कह रहे हैं।

आढ़ती के खिलाफ नोटिस लेंगे : खरीद अधिकारी 
वेयरहाऊस के सहायक प्रबंधक विकास ने कहा कि यह गैर-कानूनी है। वे भी आढ़ती के खिलाफ नोटिस लेंगे और राइस मिल मालिक के अनुसार उक्त आढ़ती का भुगतान रोक दिया है। जब तक राइस मिल मालिक उक्त बात को लेकर राजी नहीं होता, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा।  

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