Edited By Rakhi Yadav, Updated: 16 Jul, 2018 01:47 PM
जींद के रायचंद वाला गांव के कपिल रुहिल ने साल 2012 में माऊंट एवरैस्ट को फतेह किया। 2 बार उसने भारत को कबड्डी में विश्वकप दिलवाया लेकिन हरियाणा पुलिस में वह सिपाही ही रहा। उसके बाद...
जींद(ब्यूरो): जींद के रायचंद वाला गांव के कपिल रुहिल ने साल 2012 में माऊंट एवरैस्ट को फतेह किया। 2 बार उसने भारत को कबड्डी में विश्वकप दिलवाया लेकिन हरियाणा पुलिस में वह सिपाही ही रहा। उसके बाद माऊंट एवरैस्ट फतह करने वाली कैथल की ममता सौदा को सीधे हरियाणा पुलिस में डी.एस.पी. के पद पर नौकरी दे दी गई लेकिन कपिल रुहिल को डी.एस.पी. नहीं बनाया गया। वह 6 साल से अपने लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ता आ रहा है।
इसमें राजनेताओं ने कपिल रुहिल को उसका हक नहीं दिया तो उसने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए कहा है कि कपिल रुहिल को डी.एस.पी. बनाओ और 21 लाख रुपए नकद दो। हाईकोर्ट के इस फैसले से कपिल रुहिल के साथ-साथ उसके गांव और जींद जिले के लोगों को उम्मीद बनी है कि जींद के इस जांबाज को उसका हक मिल पाएगा।
कपिल रुहिल इस समय हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है। कपिल 2008 में हरियाणा पुलिस में भर्ती हुआ था। पुलिस में रहते उसने साल 2012 में माऊंट एवरैस्ट की चोटी को फतह कर विश्व पटल पर देश का नाम रोशन किया और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर तिरंगा लहराने का काम किया था। उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर दूसरे राजनेताओं से कई बार गुहार लगाई लेकिन उसे उसका हक नहीं मिल पाया।
जूनियर को बनाया इंस्पैक्टर,कपिल की उपेक्षा
जींद के रायचंदवाला गांव के कपिल रुहिल के साथ पुलिस विभाग में पदोन्नति में भी खूब भेदभाव हुआ। साल 2014 में कपिल रुहिल की इंस्पैक्टर पद के लिए वैरीफिकेशन हुई लेकिन 13 जुलाई 2014 को कपिल रुहिल का नाम हटाकर उससे जूनियर हिसार की अनीता कुंडू और कांता दूहन को इंस्पैक्टर बना दिया गया। कपिल इससे आहत हुआ।