Edited By Updated: 27 Apr, 2016 09:10 AM
हरियाणा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू की गई खेल नीति ‘पदक लाओ पद पाओ’ जहां अकसर विवादों और भेदभाव के आरोपों से घिरी रही है।
हिसार: हरियाणा की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू की गई खेल नीति ‘पदक लाओ पद पाओ’ जहां अकसर विवादों और भेदभाव के आरोपों से घिरी रही है। वहीं अनेकों बार खिलाड़यों को अपना हक पाने के लिए अदालत की शरण तक लेनी पड़ी है।
अब इसी कड़ी में हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद ब्लॉक के नाड़ा गांव की 2 महिला कबड्डी खिलाडिय़ों का नाम भी जुड़ गया है। अपने शानदार खेल से देश को विश्वकप कबड्डी में चैपिंयन बनाने वाली कबड्डी खिलाड़ियों सुमनलता और सोनिया ने खेल कोटे से सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
खिलाड़ियों ने कहा है कि वे गत कई वर्षों से कबड्डी के खेल में शानदार प्रदर्शन करती आ रही हैं। वे विश्वकप कबड्डी चैंपियनशिप जीतने वाली टीम का हिस्सा रही हैं। वे इसी प्रदर्शन के आधार पर सरकार से सरकारी नौकरी की मांग करती आ रही हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई।
गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने खेल में नाम कमाया लेकिन प्रदेश सरकार ने उनको उनका हक नहीं दिया। सुमनलता ने वर्ष 2011 और 2013 के विश्व कप कबड्डी टूर्नामेंट में तथा सोनिया ने 2012 में विश्व कप कबड्डी टूर्नामेंट में अपने शानदार खेल से भारत को चैंपियन बनाया था। खिलाड़ियों ने अपना हक पाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अदालत ने हरियाणा सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर मामले की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई निर्धारित की है।