विज के ट्वीट से राजनीतिक गलियारों में हलचल, किस और कर रहे हैं इशारा?

Edited By Isha, Updated: 21 Mar, 2024 03:37 PM

vij s tweet creates stir in political circles what else is he hinting at

हरियाणा की राजनीति में एक ऐसा नाम अनिल विज  जो विपक्ष में थे तो सत्ता पक्ष के लिए सर दर्द बन रहे। बात उस दौर की करें जब भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश में नामलेवा भी कहीं-कहीं था उस वक्त बड़े नेताओं के लिए अनिल विज ने पुलिस की

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा की राजनीति में एक ऐसा नाम अनिल विज  जो विपक्ष में थे तो सत्ता पक्ष के लिए सर दर्द बन रहे। बात उस दौर की करें जब भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश में नामलेवा भी कहीं-कहीं था उस वक्त बड़े नेताओं के लिए अनिल विज ने पुलिस की लाठियां खाई, बड़े-बड़े आंदोलनों में अग्रिम भूमिका में अनिल विज खड़े नजर आए। वहीं सत्ता के दौरान अनिल विज ने प्रदेश के लापरवाह -कामचोर और भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों पर खूब नकेल कसी। रोजाना खुला दरबार लगाकर सैकड़ों लोगों के दुख दर्द दूर किया, वहीं कोरोना कॉल के दौरान अपने बिगड़े स्वास्थ्य की परवाह किए बिना यानि अपनी जान पर खेल कर एक उत्तम नेता की भूमिका निभाई। अपनी कार्यप्रणाली से लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे।

वह अनिल विज जो सुषमा स्वराज जैसी हस्ती के केंद्रीय राजनीति में जाने के बाद उपचुनाव लड़े थे, 1990 में पहली बार अम्बाला से विधायक बने, वह अनिल विज जो अम्बाला से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवम पूर्व राज्यपाल स्व0 सूरजभान जैसे ताकतवर लोगों के अम्बाला में रहते अपने दमखम पर राजनीति में स्थापित हुए। ऐसे वरिष्ठ नेता के सामने आज बेहद अजीबोगरीब परिस्थितियां पैदा हो चुकी हैं। हालांकि आज प्रदेश में आम जनमानस की चर्चाओं में अनिल विज सबसे बड़ा विषय बने हुए हैं। नए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बेशक अनिल विज के चेहरे- अंदाज और रहन-सहन के ढंग पर कोई फर्क ना पड़ रहा हो, लेकिन प्रदेश की जनता इससे काफी दुखी नजर आ रही है। हर दर से मायूस जनता का आखिरी सहारा कुछ समय पहले तक अनिल विज था, प्रदेश के कोने-कोने से पीड़ित लोग इंसाफ के लिए विज दरबार में पहुंचते थे, जहां उनकी सुनवाई भी होती थी और कार्रवाई भी। आज उन्हें ऐसा लगने लगा है कि उनके सर से जैसे छत उठ गई हो।

बेशक आज स्थितियां विज के अनुकूल न हो, लेकिन बेहद सूझबूझ और अनुभवी नेता कभी भी किसी बड़ी उपलब्धि से ज्यादा खुश और उत्साहित नजर नहीं आते। आज की विकट परिस्थितियों में भी विज पूरी तरह से शांत- चिंतारहित और आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं। अपने ट्विटर हैंडल पर अनिल विज ने एक ट्वीट कर राजनीतिक गलियारों तथा ब्यूरोक्रेसी में एक बड़ी चर्चा बना डाली। उनके एक-एक शब्द में बेहद गहराई छुपी थी। दरअसल अनिल विज अंबाला कैंट के अजय प्रत्याशी माने जाते हैं। आज वह मात्र एक विधायक है। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल बेशक न किया गया हो, लेकिन उनकी अपनी निजी हस्ती बहुत ताकतवर और बड़ी है। दो बार वह अपने दम पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा के उम्मीदवार को हराकर विधायक बन चुके हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र समेत 15 से 18 सीटों पर उनका बड़ा प्रभाव है। 3 लोकसभा क्षेत्र उनकी केवल चुप्पी से प्रभावित हो सकते हैं। प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे लोगों की गृह मंत्री रहने के दौरान जिस प्रकार से उन्होंने दुख दुविधाओं और समस्याओं को दूर किया, इनकी चुप्पी और दुख ऐसे साइलेंट वोटरों के दिलों दिमाग पर गहरा असर डाल सकते हैं।

समय और परिस्थितियों कुछ भी रही अनिल विज के मुंह से कभी भी भारतीय जनता पार्टी व केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ एक भी शब्द नहीं सुना गया। हर मौके पर वह अपने आपको भाजपा के अनन्य भक्त बताते रहे हैं। पार्टी के प्रति समर्पित भाव उनके जग जाहिर है। आज का उनका ट्वीट "कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा।।" साफ संदेश दे रहा है कि समय-समय पर उनकी हस्ती मिटाने की कोशिशें होती रही है, लेकिन उनकी हस्ती मिट नहीं सकती। क्योंकि जनता का प्यार - दुलार और आशीर्वाद उनके साथ था, है और रहेगा।  अनिल विज सेलफ मेड नेता हैं।उनका कभी भी कोई राजनैतिक सरंक्षक नही रहा।आर एस एस की नीतियों को बचपन से अपनाने वाले व राष्टवादी सोच के कारण एबीवीपी,युवा मोर्चा जैसे जनसंघ के विंभिन्न इकाईयों की भट्ठी की आग में तप कर हरियाणा की राजनीति में चमके।छ बार विधायक बने अनिल विज का अम्बाला से विधायक बनना सहज नही है।

 

 

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