Edited By Manisha rana, Updated: 11 Nov, 2024 04:19 PM
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आए एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन नतीजों को लेकर विवाद जारी है। चुनाव से पहले अपनी जीत तय मानकर चलने वाली कांग्रेस के गले से नीचे ये परिमाम नहीं उतर रहा।
होडल (हरिओम) : हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आए एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन नतीजों को लेकर विवाद जारी है। चुनाव से पहले अपनी जीत तय मानकर चलने वाली कांग्रेस के गले से नीचे ये परिमाम नहीं उतर रहा। लिहाजा पार्टी हर रोज चुनाव में धांधली की नई थ्योरी को लेकर पब्लिक के सामने आ रही है। चुनाव आयोग में ईवीएम बैट्री का मुद्दा मुंह के बल गिरने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के एक नए दावे के साथ सामने आए हैं।
उदयभान ने अपने निर्वाचन क्षेत्र होडल में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 5 अक्टूबर को वोटिंग के बाद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने बताया था कि बाहर से 15 लोगों की एक टीम ईवीएम को हैक करने पहुंची है। अगर आप कुछ कर सको तो कर लो, इसके अगले दिन यानी कि छह अक्टूबर को बाहर से आई टीम ने अपना काम पूरा कर लिया। जिसके बाद सात अक्टूबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया के सामने आकर कहते हैं कि हमारी सब तरह की व्यवस्थाएं हो चुकी हैं, अब हम तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। नतीजे के बाद कांग्रेसी फिर से ईवीएम का रोना रोएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने किया ये दावा
इतना ही नहीं उदयभान ने मंच से उन सीटों के नाम भी गिनाए जहां पर उनके मुताबिक ईवीएम के जरिए धांधली को अंजाम दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि ये सूचना उन्हें बीजेपी के किसी अंदर के व्यक्ति ने दी। जिसका वो नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते, क्योंकि इससे उसका जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
चौधरी उदयभान खुद होडल से चुनाव जीतने में रहे नाकामयाब
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान खुद होडल से चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे। उन्हें बीजपी के हरिंदर सिंह के हाथों करीब 2600 मतों से हार का सामना करना पड़ा। ये उनकी लगातार दूसरी हार है। बहरहाल नतीजे के बाद से कांग्रेस लगातार ईवीएम पर सवाल खड़े करने में जुटी है। हालांकि इस पर पार्टी में दोराय नजर आ रही है। हुड्डा खेमा जहां ईवीएम पक ठीकरा फोड़ने में जुटा है। वहीं सैलजा खेमा ईवीएम के बजाय गुटबाजी और हुड्डा खेमे के तरीकों को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
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