विनेश की जीत पर रात को जश्न मनाकर गोल्ड की थी उम्मीद, फिर सुबह बदला अचानक इतिहास, गम में डूबा गांव

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 07 Aug, 2024 09:09 PM

there was hope of gold after celebrating vinesh s victory at night

अंतरराष्ट्रीय रेसलर विनेश फोगाट द्वारा मंगलवार देर रात जहां फाइनल में पहुंचने का उसके गांव बलाली में द्रोणाचार्य अवार्डी व ताऊ महाबीर फोगाट के साथ ग्रामीणों द्वारा जश्न मनाते हुए बेटी के गोल्ड जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी।

चरखी दादरी (पुनीत श्योराण): अंतरराष्ट्रीय रेसलर विनेश फोगाट द्वारा मंगलवार देर रात जहां फाइनल में पहुंचने का उसके गांव बलाली में द्रोणाचार्य अवार्डी व ताऊ महाबीर फोगाट के साथ ग्रामीणों द्वारा जश्न मनाते हुए बेटी के गोल्ड जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी। वहीं सुबह आई खबरों के बाद इतिहास की बदल गया। विनेश फोगाट के ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई करने की जैसे की सूचना मिली तो गांव में सन्नाटा सा छाया गया। द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट की आंखों में आंसू रुक नहीं पा रहे थे। ग्रामीणों ने बेटी के साथ साजिश होने की बात कही तो परिजनों ने तीसरे ओलंपिक में अचानक हुए घटनाक्रम को लेकर खासा मलाल है। महाबीर फोगाट ने दुखी मन से 2028 में विनेश से गोल्ड की उम्मीद जताई साथ ही कहा कि बेटी के साथ जो हुआ, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।

बता दें कि मंगलवार को देर रात गांव बलाली में विनेश फोगाट के घर ताऊ व द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट ग्रामीणों के साथ बेटी के फाइनल में पहुंचने का जश्न मनाया और इस बार गोल्ड मेडल जीतने का प्रबल दावेदार भी बताया। देर रात जश्न मनाने के बाद अगले दिन होने वाले फाइनल मैच में गोल्ड का इतिहास बनाने की तैयारियां चल रही थी, इसी दौरान सूचना आई कि विनेश फोगाट को वजन ज्यादा होने के चलते ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई कर दिया। जिसके बाद से जहां पूरे गांव में सन्नाटा छा गया वहीं विनेश के गुरु महाबीर फोगाट की आंखों में आंसू आ गये। बेटी के साथ हुए घटनाक्रम को लेकर महाबीर फोगाट ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया। कहा कि बेटी जो सोना जीतकर इतिहास रचने जा रही थी, घटनाक्रम के बाद इतिहास ही पलट गया।

महाबीर सिंह ने कहा कि इस सूचना को पाकर उन्हे काफी दुख हुआ है। इस बारे में अधिक जानकारी फेडरेशन के अध्यक्ष दे पाएंगे। जिस प्रकार से विनेश फोगाट डिस्क्वालीफाई हुई है, उससे देशवासियों की उम्मीदें टूटी है। वे उम्मीद करते है कि भविष्य में विनेश और भी मेहनत करेंगी तथा ओलंपिक के मुकाम को फिर से प्राप्त करेंगी। वही उनके चाचा विनेश के चाचा विजेंद्र सांगवान व अन्य ग्रामीण बलजीत, मनोज व रामबीर ने बताया कि इस सूचना को पाकर उन्हे काफी दुख हुआ है। उन्हे उम्मीद थी कि बेटी गोल्ड लेकर लौटेंगी, लेकिन नियमों के फेर में विनेश को डिस्क्वालिफाईकर दिया। इस बात का दुख पूरे देश को है।

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