कांग्रेसी नेताओं में प्राण नहीं और उनके संगठन में जान नहीं है: राम बिलास शर्मा

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 01 Jul, 2024 07:57 PM

there is no life in congress leaders and there is no life in their organization

कांग्रेस के नेताओं में प्राण नहीं है और उनके संगठन में जान नहीं है ये शब्द वरिष्ठ भाजपा नेता प्रोफेसर रामविलास शर्मा ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान कहे। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा व उदयभान द्वारा आगामी...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): कांग्रेस के नेताओं में प्राण नहीं है और उनके संगठन में जान नहीं है ये शब्द वरिष्ठ भाजपा नेता प्रोफेसर रामविलास शर्मा ने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान कहे। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा व उदयभान द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों में 65 से 70 सीटें जीतने के दावे को पूरी तरह से सपना करार देते हुए कहा कि अगर उन्होंने 5 सीटें जीती हैं तो 5 सीटें हारी भी तो हैं। तीसरी बार कांग्रेस पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष बदलना पड़ा जबकि भारतीय जनता पार्टी 90 में से 85 विधानसभाओं के पन्ना प्रमुखों का सम्मेलन तक कर चुकी है। शर्मा ने दावा किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह का हरियाणा दौरा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक के साथ-साथ उत्साहवर्धक रहा है और जो कन्फ्यूजन कांग्रेसी पैदा कर रहे थे वह बिल्कुल साफ हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा का चुनाव लड़ेगी और मोदी के नेतृत्व में उनके नाम पर और भाजपा की डबल इंजन की सरकार के काम पर हम तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता की कुर्सी के लिए छटपटा रही है। हमारा हरियाणा प्रदेश हाली पाली का प्रदेश है। गरीब किसान मजदूर का प्रदेश है और अंत्योदय की सोच के साथ जो भला इन वर्गों का हुआ है उसके दम पर हम सरकार बनाएंगे।

7 बार विधायक और 2 बार उपमुख्यमंत्री रहे ईमानदारी के प्रतीक डॉ मंगल सेन जी का किराए के मकान में निधन हुआ: शर्मा

भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ रहे-एक युग पुरुष माने जाने वाले प्रोफेसर रामविलास शर्मा कई बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और भाजपा के झंडे को पार्टी के बुरे दौर के दौरान बुलंद कर चुके हैं अनिल विज की तरह रामविलास शर्मा भी पार्टी के हर संघर्ष में आगामी भूमिका में रहे हैं। कई बार तत्कालीन सरकारों के जन विरोधी कार्यों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए जेल जा चुके हैं। 1982 में पहली बार विधायक बनने का सौभाग्य प्रोफेसर रामविलास शर्मा को महेंद्रगढ़ की जनता ने दिया था और स्व0 डॉक्टर मंगल सेन के बेहद करीबी रहे रामविलास शर्मा ने प्रदेश में भाजपा को अकेले चुनाव लड़ने का हौसला दिया था। इस बारे उन्होंने बताया कि 1974 में कुरुक्षेत्र में अध्यापक पद पर तैनात रहने के दौरान स्वर्गीय डॉक्टर मंगल सेन उन्हें अपनी फियट गाड़ी में बिठाकर रोहतक लेकर गए थे और संघ की जिम्मेदारी दी। 1982 में विधायक बनने के बाद डॉक्टर मंगल सेन की अध्यक्षता वाली विधानसभा कमेटी का वह सदस्य रहे। उन्होंने बताया कि डॉ मंगल सेन बेहद अनुभवी और ज्ञानी महापुरुष थे और उन्होंने आंखों में आंसू भरते हुए मुझे गले लगाकर कहा था कि 36 बिरादरी तुम्हें पसंद करती है और सुनना चाहती है। गठबंधन की राजनीति को छोड़ हमें संपूर्ण राजनीति करनी है। उन्होंने बताया कि 7 बार रोहतक से विधायक रहे डॉक्टर मंगल सेन प्रदेश के दो बार उप मुख्यमंत्री रहे। दीनानाथ बहल जी के मकान पर किराएदार रहने के दौरान ईमानदारी के प्रतीक उस नेता का निधन हुआ। उसके बाद उनके शब्दों को मैंने ताकत मानते हुए अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने मजबूती से अकेले चुनाव लड़ने की बात रखी और पार्टी ने उसे स्वीकार किया। जिसका नतीजा हमें 2014 में मिला। हमारी पूर्ण बहुमत से सरकार बनी और रोहतक में हमने एक जनसभा करते हुए डॉक्टर मंगल सेन जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने जो आशीर्वाद हमें दिया था उस संकल्प को हरियाणा की जनता ने पूरा किया।

 

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