Edited By Nitish Jamwal, Updated: 18 Mar, 2024 08:22 PM
इनेलो पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल भारद्वाज ने भाजपा- जेजेपी के हुए गठबंधन तथा उसके टूटने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई थी, लेकिन जाट वोटरस ने भाजपा को ना के बराबर वोट दिया था।
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): इनेलो पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल भारद्वाज ने भाजपा- जेजेपी के हुए गठबंधन तथा उसके टूटने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई थी, लेकिन जाट वोटरस ने भाजपा को ना के बराबर वोट दिया था। वहीं 2019 में भाजपा हरियाणा में सरकार अपने दम पर बनाने में नाकामयाब रही। हालांकि मात्र 5 विधायकों की जरूरत थी। निर्दलीय विधायक इनकी जरूरत पूरी कर सकते थे। लेकिन जेजेपी और इनेलो को कमजोर करने की रणनीति के साथ काम किया गया।
भारद्वाज के अनुसार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कथित तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम उछला। जिससे उनका प्रदेश में राजनीतिक पद छोटा हुआ। विकल्प में इनेलो और जेजेपी ही थी। लेकिन इनेलो की बढ़ती शक्ति को रोकने के लिए चौ0 देवीलाल की नकल करके बोलने वाले दुष्यंत के साथ गठबंधन किया गया। दुष्यंत चौटाला भी भावी मुख्यमंत्री के सपने देखने लगा और भाजपा के फॉर्मूले में फस गया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की एक थ्योरी है कि कांग्रेस को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों का उपयोग करो और फिर उन क्षेत्रीय दलों को पूरी तरह से कमजोर बना दो। देश के कई राज्यों के क्षत्रिय दल इसके उदाहरण भी है। शिरोमणि अकाली दल, रामविलास की लोसपा, मायावती की बसपा, जम्मू कश्मीर की नेशनल कांफ्रेंस आपके सामने हैं और यह सभी अपने प्रदेश की जनता के सामने आज काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
भारद्वाज के अनुसार पिछले साढे 4 साल के दौरान जाट वर्ग जो पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा से काफी नाराज था, दुष्यंत चौटाला से काफी नाराज रहा। दुष्यंत ने सोचा था कि भाजपा उनका साथ नहीं छोड़ेगी और अपने वोटरों को वह समय रहते मना लेंगे। लेकिन भाजपा ने उन्हें एकाएक अलग कर दिया। आज प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि प्रदेश में अभय चौटाला उनके नेता हैं। प्रदेश का स्वाभिमानी वोटर आने वाले समय में कांग्रेस- जेजेपी और बीजेपी को पूरी तरह से नकार देगा और अभय सिंह चौटाला एक बड़े नेता के रूप में स्थापित होंगे।