टेकचंद को मिली हार पर बोली माता- अचानक गेम चेंज होने से चूके वरना गोल्ड पक्का था

Edited By Shivam, Updated: 27 Aug, 2021 10:24 PM

tekchand s defeat suddenly missed game change or else gold was sure

टोक्यो पैरालिंपिक में आज रेवाड़ी के टेकचंद का जलवा देखने को मिला। उनका मैच भारतीय समय अनुसार दोपहर साढ़े 3 बजे हुआ। मुकाबला देखने के लिए उनके घर में काफी लोग जुटे। हालांकि एथलीट मेडल नहीं जीत पाए लेकिन उनकी मां विद्या बेटे की परफॉर्मेंस देखकर बहुत...

बावल (मोहिंदर भारती): टोक्यो पैरालिंपिक में आज रेवाड़ी के टेकचंद का जलवा देखने को मिला। उनका मैच भारतीय समय अनुसार दोपहर साढ़े 3 बजे हुआ। मुकाबला देखने के लिए उनके घर में काफी लोग जुटे। हालांकि एथलीट मेडल नहीं जीत पाए लेकिन उनकी मां विद्या बेटे की परफॉर्मेंस देखकर बहुत खुश हैं। 

टेकचंद की माता ने कहा कि उनके बेटे ने अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दी है, उसके प्रदर्शन पर खुशी है। हालांकि वह मेडल नहीं जीत पाया, लेकिन अगली बार जरूर देश की खातिर मेडल लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि अचानक गेम चेंज होने की वजह से पूरी तैयारी नहीं हो पाई। टेकचंद ने जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस की थी, लेकिन दो दिन पहले कैटेगरी और गेम दोनों चेंज हुए, जिसकी वजह से प्रदर्शन पर असर पड़ा। मुझे अपने बेटे पर गर्व है, क्योंकि पैरालंपिक में पहुंचने वाला वह जिले में अकेला खिलाड़ी है।

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एफ-54 की बजाय एफ-55 हुई कैटेगरी
बावल के रहने वाले पैरा एथलीट टेकचंद का इसी वर्ष जून में टोक्यो पैरालिंपिक के लिए चयन हुआ था। उनकी कैटेगरी एफ-54 थी, लेकिन पैरालिंपिक कमेटी ने जांच के बाद उनकी कैटेगरी को एफ-55 कर दिया है। एफ-54 कैटेगरी में उनको जैवलिन थ्रो में हिस्सा लेना था, लेकिन एफ-55 कैटेगरी चेंज होने के बाद उन्हें शॉटपुट में हिस्सा लेना पड़ा।

ये है टेकचंद का परिवार
टेकचंद के पिता रमेशचंद का वर्ष 1994 में निधन हो गया था। 24 जुलाई 1984 को जन्मे टेकचंद के परिवार में मां विद्या देवी, बड़े भाई दुलीचंद, भाभी शीला देवी, भतीजी व भतीजा है। दुलीचंद बिजली निगम में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर नारनौल में कार्यरत हैं।



प्रदेश सरकार ने दिया सम्मान
टेकचंद को हरियाणा सरकार द्वारा खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रशिक्षक नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वह महेंद्रगढ़ जिला में खेल प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों के मद्देनजर रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में अभ्यास करने के साथ अन्य दिव्यांग खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण भी दे रहे थे।

टेकचंद की कई और बड़ी उपलब्धियां
टेकचंद वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो में विश्व में छठे नंबर पर रहे। 36 वर्षीय टेकचंद वर्ष 2005 में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद करीब 10 साल तक बिस्तर पर रहे। फिर उन्होंने 2016 से जैवलिन, डिस्कस, शॉटपुट खेलों में हिस्सा लेते हुए राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाई। इसी वर्ष 29 मार्च को बेंगलुरु में संपन्न 19वीं नेशनल पैराएथलेटिक प्रतियोगिता में शॉटपुट, जैवलिन और डिस्कस थ्रो तीनों में स्वर्ण पदक जीता था।

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