हरियाणा में भाजपा के ‘चाणक्य’ बने तरुण भंडारी! कांग्रेस के कईं मजबूत पिलर कर चुके धराशाई

Edited By Manisha rana, Updated: 19 Jun, 2024 03:11 PM

tarun bhandari became the  chanakya  of bjp in haryana

हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल में भी भारतीय जनता पार्टी को मजबूती प्रदान करने में लगे पार्टी के नेता तरुण भंडारी लगातार बीजेपी का कुनबा बढ़ाने के काम में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में...

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल में भी भारतीय जनता पार्टी को मजबूती प्रदान करने में लगे पार्टी के नेता तरुण भंडारी लगातार बीजेपी का कुनबा बढ़ाने के काम में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से ही तरुण भंडारी लगातार अपने राजनीतिक कौशल के चलते विरोधी दलों के मजबूत पिलर को बीजेपी में लाने का काम कर रहे हैं। इसी के चलते किसी समय अकेले मनोहर लाल के नवरत्नों में से एक माने जाने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी प्रदेश में बीजेपी के चाणक्य बनते जा रहे हैं। भंडारी हरियाणा के साथ हिमाचल में भी अपने राजनीतिक कौशल का जलवा दिखाते हुए संख्या बल के अभाव में राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा बंधवा चुके हैं।

100 के करीब नेताओं को करवाया शामिल

बता दें कि तरुण भंडारी ने 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी। उसके बाद से ही अब तक लगातार वह पूरे देश में कांग्रेस के 100 के करीब बड़े चेहरों को बीजेपी में शामिल करवा चुके हैं। किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी का बीजेपी में शामिल होना तरुण भंडारी की राजनीतिक रणनीति का एक हिस्सा है। मनोहर लाल के बीरबल के रूप में भूमिका निभाने वाले तरुण भंडारी मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सैनी के भी खास व्यक्तियों में शुमार हो चुके हैं। किरण और श्रुति चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भी तरुण भंडारी प्रमुख चेहरे के रूप में नजर आ रहे थे। 

तंवर और जिंदल को करवाया था शामिल

इससे पहले हरियाणा में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तरुण भंडारी ने कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को भी बीजेपी में शामिल करवाया था, जिन्हें पार्टी ने क्रमश: कुरुक्षेत्र और सिरसा से लोकसभा चुनाव में उतारा था। इनमें नवीन जिंदल चुनाव जितने में कामयाब हो गए थे, लेकिन अशोक तंवर चुनाव नहीं जीत पाए थे। हालांकि तंवर के चुनाव हारने के पीछे कई कारण बताए जा रहे है, जिनमें उनकी ओर से लगाया गया पार्टी पदाधिकारियों के भीतरघात का आरोप भी एक है। 


हिमाचल में किया था ‘खेला’

हरियाणा में मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी ने पूर्व में हिमाचल में हुए राज्यसभा चुनाव में सत्ता दल कांग्रेस में तारपिडो करते हुए कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों से बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान कराया था। ऐसा करके जहां तरुण भंडारी ने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। वहीं, उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। नतीजा ये हुआ कि हिमाचल में सत्ता पक्ष की ओर से शिमला में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई गई, जिसमें एक दिन पूर्व ही हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने उनसे पूछताछ की है।


किरण चौधरी ने भी मंच से की तारीफ

दिल्ली में अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने भी मंच से तरुण भंडारी का नाम लिया। किरण ने साफ तौर पर कहा कि यहां तक पहुंचने में तरुण भंडारी का सबसे अधिक सहयोग रहा है। मतलब साफ है कि किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति समेत उनके हजारों समर्थकों को बीजेपी में लाने का श्रेय तरुण भंडारी को ही जाता है। बताया जाता है कि बीजेपी में शामिल होने से पहले भंडारी इन दोनों की केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग भी करवा चुके थे। यहीं कारण है कि अपने कुशल राजनीतिक कौशल का परिचय दे चुके तरुण भंडारी मनोहर लाल के अलावा हरियाणा में पार्टी के चाणक्या बनते जा रहे हैं। उनके कुशल राजनीतिक कौशल का ही कारण है कि वह पार्टी हाई कमान के भी चहेते नेताओं में शुमार होते जा रहे हैं।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)  



 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!