बजट के लिए 450 लोगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सुझाव मांगे गए: CM मनोहरलाल

Edited By Isha, Updated: 01 Mar, 2022 08:22 AM

suggestions were sought from 450 people directly and indirectly for the budget

2 तारीख से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर बिजनेस एडवाइजरी कमिटी ने पूरी रूपरेखा तय कर दी है।बजट के लिएव450 लोगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सुझाव मांगे गए थे, जिसमें कुछ बैठकर आमने-सामने बैठकर हुई और कुछ ऑनलाइन चर्चा हुई।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): 2 तारीख से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर बिजनेस एडवाइजरी कमिटी ने पूरी रूपरेखा तय कर दी है।बजट के लिएव450 लोगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सुझाव मांगे गए थे, जिसमें कुछ बैठकर आमने-सामने बैठकर हुई और कुछ ऑनलाइन चर्चा हुई। इस बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी और इस अभिभाषण पर 2-3-4 और 7 तारीख को चर्चा और धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। 8 तारीख को बजट का पूरा आंकलन पेश किया जाएगा। इस बजट सत्र में सबसे खास पहलू जोकि बजट सत्र पर पहली बार अपने सुझाव पेश करने की पहल हरियाणा विधानसभा में निकाला गया है। जिसे लेकर कुछ कमेटियों का गठन किया गया है। 9-10-11-12 और 13 मार्च को यह कमेटियां इस पर चर्चा करके उसके बाद सरकार के सामने सुझाव पेश करेंगी। इन कमेटियों में प्रदेश के सभी सत्तापक्ष- विपक्ष के विधायकों को सदस्य बनाया गया है, ताकि पेश किए गए बजट में सभी वर्गों और क्षेत्रों का लाभ सुनिश्चित हो सके। प्रदेश के वित्त मंत्री (मुख्यमंत्री) मनोहर लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन कमेटियों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों में सेक्टर वाइज बजट का आंकड़ा उतना ही रखा जाएगा दिए गए सुझावों में इन आंकड़ों के अंदर ही अलग अलग तरीके से कम या ज्यादा किया जा सकेगा। लेकिन कुल आंकड़ों को घटाया या बढ़ाया नहीं जाएगा। 18-19 और 20 तारीख को छुट्टी रहने के बाद 21 तारीख को चर्चा का समापन किया जाएगा और 22 तारीख को बिल पास होंगे।


मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सेशन की पूरी रूपरेखा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है। अगर विधायकों को सेशन का समय कम लगेगा तो विधान सभा स्पीकर के सामने समय बढ़ाने का अनुरोध किया जाता है तो स्पीकर के पास पावर रहती है कि वह समय को बढ़ा सकता है। लेकिन इस बार पर्याप्त चर्चा के बाद सेशन के लिए समय भी पर्याप्त दिया गया है, इसलिए समय बढ़ाने की किसी को जरूरत महसूस नहीं होगी। बजट पर चर्चा के लिए बनाई जाने वाली इन कमेटियों में विधानसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष और मंत्री शामिल नहीं होंगे। इसलिए कुल 90 विधायकों में से 73 विधायक इन कमेटियों के सदस्य होंगे और प्रत्येक कमेटी में लगभग 8 से 9 विधायक शामिल किए जाएंगे। इन कमेटियों का प्रस्ताव सदन में रखने के बाद सदन की सहमति से यह कमेटियां काम करेंगी, इन सुझावों को संबंधित विभागों और वित्त विभाग ने नोट किया है।सुझाव पर गहनता से विचार विमर्श करने के बाद बजट पेश करना प्रदेश हित में स्वाभाविक ही रहेगा।

इस बार के बजट में एक विशेष बदलाव यह भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया है कि जिस में अलग-अलग सेक्टर के विशेषज्ञों से बजट पेश करने वाले सुझाव मांगे गए थे। इस बारे वित्त मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि लगभग 450 लोगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सुझाव मांगे गए थे, जिसमें कुछ बैठकर आमने-सामने बैठकर हुई और कुछ ऑनलाइन चर्चा हुई। इसमें प्रदेश के विधायकों और सांसदों से भी राय मांगी गई थी। इस पहल के बाद आने वाले बजट पहले से काफी बेहतर होने की पूरी संभावनाएं मानी जा सकती है।

 

 

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