Edited By Mohammad Kumail, Updated: 04 Oct, 2023 07:46 PM

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सार्थक प्रयासों से हजारों बरस पहले जिस तरह ऋषि भागीरथ के तपोबल से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी, उसी तरह के प्रयासों से मुख्यमंत्री ने विलुप्त हो चुकी सरस्वती की धारा को प्रदेश में कलकल बहने का मार्ग प्रशस्त कर...
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सार्थक प्रयासों से हजारों बरस पहले जिस तरह ऋषि भागीरथ के तपोबल से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी, उसी तरह के प्रयासों से मुख्यमंत्री ने विलुप्त हो चुकी सरस्वती की धारा को प्रदेश में कलकल बहने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सरस्वती नदी प्रदेश में 400 किलोमीटर तक अस्तित्व में आ चुकी है।
कुदरती मार्ग से राजस्थान होते हुए पाकिस्तान सीमा तक इसका पानी पहुंच चुका है और 2024 तक हरियाणा में सालभर सरस्वती में पानी रहने की उम्मीद बंध गई है। नदी को आगे बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों से बातचीत भी शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार की ओर से स्थापित सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड इसके लिए विशेष तौर पर काम भी कर रहा है। बोर्ड की इच्छा है कि 2024 में हरियाणा की परिधि के अंदर सरस्वती का बहाव हो। इसके लिए आदिबद्री के पास बांध बनाया जाना है और इस तरफ तेज गति से काम हो रहा है।
हरियाणा सरस्वती विकास बोर्ड के चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच का कहना है कि सरस्वती की धार प्रदेश में बहने लगी है। इस बार तो 400 किलोमीटर एरिया में सरस्वती बही है। कोशिश यह है कि नदी बारामासी रहे। जो लोग इसको नाला कहते थे, वे भी इसे सरस्वती नदी मानने लगे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश के सांस्कृतिक माहौल को जिंदा करने के हर प्रयास में बड़ी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं। उन्होंने गांवों में तालाबों की बहाली के लिए वृहद स्तर पर प्रयास किए वहीं पुराने पेड़ों की पेंशन शुरू की ताकि इन प्राचीन दरख्तों को जिंदा रखा जा सके। इनकी देखभाल के लिए पेंशन की योजना सरकार ने जारी की है। मुख्यमंत्री ने हरियाणा की चौपालों व पंचायतों को समृद्ध करने के लिए अपने स्तर पर बहुत अच्छे प्रयास किए हैं जिनके परिणाम आने शुरू हो गए हैं। स्वयं ग्रामीण इस बात को मानते हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल के दौरान भी सरस्वती नदी के उद्गम स्थल को विकसित करने की दिशा में प्रयास हुए थे और करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस दिशा में सकारात्मक प्रयास के साथ सरस्वती को पुनजीर्वित करने में सफलता प्राप्त की है।
हरियाणा में यमुना का क्षेत्र भी है और टांगरी, घग्घर जैसी बरसाती नदियां भी हैं। अब सरस्वती की धारा प्रवाहित होने से प्रदेश में उत्साह का माहौल पैदा हुआ है। इन नदियों का पानी मिलने से जहां हरियाणा की धरती की प्यास बुझेगी वहीं बाढ़ जैसी समस्या का भी निदान होगा। हरियाणा में गीता उत्सव, विभाजन विभीषिका दिवस, योग दिवस, राहगीरी, साइक्लोथॉन व गुरू-पीर-फकीरों की जयंतियों व पुण्यतिथियों पर सरकारी स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करके हरियाणा के समृद्ध इतिहास को युवा पीढ़ी के समझ जिंदा करने के मनोहर प्रयास के लिए मुख्यमंत्री को हमेशा याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा की चौपाल संस्कृति, गाय, गांव, गीता, गंगा और गायत्री की सेवा के लिए जो संकल्पित कार्य किए जा रहे हैं उसके समूचे हरियाणा में चर्चे हैं और लोग इसके लिए सरकार को साधुवाद भी दे रहे हैं।
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