तल्ख बोली छोड़ अब तहजीब से पेश आएंगे रोडवेज के ड्राइवर-कंडक्टर, सीखेंगे बात करने का लहजा

Edited By vinod kumar, Updated: 02 Dec, 2019 11:36 AM

roadways drivers and conductors will learn the tone of talking

हरियाणा रोडवेज की बसों के ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को अब यात्रियों से बात करने का लहजा सिखाया जाएगा। यह सब होगा खड़ी बोली के लिए बदनाम हरियाणा रोडवेज के स्टाफ की छवि सुधारने के लिए। इसके लिए जल्द ही रोडवेज के सभी डिपो में ‘सेफ गाड़ी’ ट्रेनिंग...

चंडीगढ़(गौड़): हरियाणा रोडवेज की बसों के ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को अब यात्रियों से बात करने का लहजा सिखाया जाएगा। यह सब होगा खड़ी बोली के लिए बदनाम हरियाणा रोडवेज के स्टाफ की छवि सुधारने के लिए। इसके लिए जल्द ही रोडवेज के सभी डिपो में ‘सेफ गाड़ी’ ट्रेनिंग प्रोग्राम को शुरू किया जा रहा है। यह प्रोग्राम राज्य सरकार द्वारा परिवहन विभाग के करीब 10,000 बस ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के लिए शुरू किया गया है।

इसमें स्टाफ को बताया जाएगा कि यात्रियों से कैसे बात करनी है। साथ ही ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को काम दौरान पैदा होने वाले तनाव को आसानी से दूर करने के तरीके भी सिखाए जाएंगे। इस प्रोग्राम में ट्रेङ्क्षनग हेतु 2 घंटे का समय तय किया गया है। रोजाना 3 बैच को ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। गौरतलब है कि ‘सेफ गाड़ी’ प्रोग्राम को पिछले साल ही तैयार किया गया था, लेकिन पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव के चलते यह प्रोग्राम प्रदेश में लागू नहीं किया जा सका।

इस बारे में राज्य के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि रोडवेज के ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के व्यवहार में बदलाव लाने में यह प्रोग्राम अहम साबित होगा,क्योंकि परिवहन महकमे को ड्यूटी के समय कई तरह के तनावों का सामना करना पड़ता है,इसीलिए उन्हें तनाव को किस प्रकार से सुलझाना और यात्रियों से किस प्रकार बर्ताव करना सिखाया जाएगा।

यूनियन ने उठाया प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल
दूसरी ओर हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने मौजूदा प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन चंडीगढ़ के प्रधान चंद्रभान सोलंकी और सचिव महेंद्र मोहाली ने कहा कि रोडवेज का चंडीगढ़ डिपो राम भरोसे चल रहा है। प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। किसी भी कर्मचारी का कोई भी काम समय पर नहीं हो रहा है। इससे कर्मचारियों को काफी आॢथक नुक्सान हो रहा है। कार्यशाखा में कार्यरत कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं तथा मंथली न देने वाले कर्मचारियों को तंग किया जा रहा है।

इसके कारण काफी कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं। यूनियन की ओर से बताया गया कि डिपो महाप्रबंधक चार्ज लेने के बाद लगभग 3 महीने से लगातार डिपो में नहीं आ रहे हैं। केवल जरूरी फाइलों को स्टैनो द्वारा अपनी कोठी पर मंगवाकर निपटारा किया जा रहा है। बाकी कर्मचारियों के सभी काम पैंङ्क्षडग पड़े हैं। महाप्रबंधक के डिपो में न आने से कोई भी जूनियर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझकर काम नहीं कर रहा है।

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