Edited By Isha, Updated: 10 Jan, 2020 06:08 PM
ज्य के लोगों के लिए ये खबर राहत भरी होगी। अब गर्भवती महिलाओं व नवजात में खून से संबंधित बीमारी का जांच के बाद इलाज आसानी से संभव हो सकेगा। दरअसल गर्भवती
नूह मेवात(ऐ के बघेल)- जिले में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है। अल आफिया अस्पताल सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा एवं सीएचसी नगीना में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली की टीम ने प्रयोगशाला खोली है ताकि गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों में खून से संबंधित होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सके। हरियाणा प्रदेश में इस प्रकार की यह पहली प्रयोगशाला है। तो देश भर के सिर्फ 7 स्थानों में नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद इस तरह के जरूरी कदम उठाए गए हैं।
सिविल सर्जन डॉ राजीव बातिश ने बाताया कि 5 सदस्य विशेषज्ञों की टीम पिछले काफी समय से नूह जिले में डेरा डाले हुए है जिन्होंने दोनों स्थानों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला तैयार की है। इस प्रयोगशाला में 10,000 गर्भवती महिलाओं एवं करीब 5000से 6000 नवजात बच्चों में खून से संबंधित बीमारियों की जांच की जाएगी । आपको बता दें कि इस प्रकार की प्रयोगशाला पूरे प्रदेश में पहले कहीं भी नहीं थी ।
नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद यह प्रयोगशाला नूह जिले में खोली गई है, ताकि मातृ - शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ -साथ महिलाओं में नवजात की सेहत पर फोकस किया जा सके । कुल मिलाकर नीति आयोग में जो पैरामीटर पिछड़े जिलों की रैंकिंग के हिसाब से तय किए गए हैं, उनमें से 30 फ़ीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है । इसी के चलते नूह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं । प्रयोगशाला में जल्द ही जांच का काम शुरू हो जाएगा।इसके अलावा अगर किसी प्रकार का कोई टेस्ट गर्भवती महिलाओं या नवजात बच्चों का इस प्रयोगशाला में नहीं होगा तो उसके सैंपल दिल्ली भेजे जाएंगे।