प्रिंसीपल पर लगे 60 छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप, महिला आयोग ने की 24 घंटे में गिरफ्तारी की मांग

Edited By Manisha rana, Updated: 04 Nov, 2023 08:28 AM

principal accused of molesting 60 girl students

जींद की 60 स्कूली छात्राओं को उचाना सरकारी स्कूल में प्रिंसीपल द्वारा प्रताड़ित किए जाने के मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रिंसीपल को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की मांग की है।

चंडीगढ़ : जींद की 60 स्कूली छात्राओं को उचाना सरकारी स्कूल में प्रिंसीपल द्वारा प्रताड़ित किए जाने के मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रिंसीपल को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने पत्रकार वार्ता दौरान कहा कि प्रिंसीपल के खिलाफ इतना गंभीर मामला होने के बाबजूद पुलिस ने लापरवाही का रवैया अपनाया है। अगर पुलिस ने प्रिंसीपल को जल्द गिरफ्तार नहीं किया तो आयोग नियमों के अंतर्गत कार्रवाई करेगा। आरोपी 3 दिन से फरार है। 

अपनी हरकते छिपाने के लिए कैबिन में लगवाए थे काले शीशे

रेनू भाटिया ने कहा कि 12 सितम्बर को स्कूल की बच्चियों ने आयोग से शिकायत की थी कि स्कूल प्रिंसीपल उन्हें अपने कैबिन में बुलाकर अश्लील हरकतें करता है। अपना कारनामा छिपाने के लिए प्रिंसीपल ने कैंबिन के शीशे पर काला रंग करवा रखा है। स्कूल की एक शिक्षिका भी प्रिंसीपल के इस कारनामे में सहयोग देती थी। प्रिंसीपल बच्चियों को मोबाइल पर अश्लील मैसेज भी करता था। लड़कियों को ब्लैकमेल भी किया जाता था कि अगर वह किसी से कुछ कहेंगी तो उनके पैरेंट्स को उनके ब्यॉयफ्रेंड के बारे में बता दिया जाएगा। बच्चियों की शिकायत के बावजूद 29 अक्तूबर तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, दुख की बात है कि जींद के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ने प्रिंसीपल की गिरफ्तारी को लेकर ढीला रवैया अपनाया।

रेनू भाटिया ने कहा कि 29 अक्तूबर की रात बच्चियों ने जब दोबारा संपर्क किया तो मैं हैरान रह गई कि बजियों की शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन बच्चियों को शिकायत में कार्रवाई करने से रोक रहा है और उन्हें स्कूल में डराया भी जा रहा है। रेनू भाटिया ने कहा कि उसके बाद 2 नवम्बर को उन्होंने स्कूल स्टाफ, पुलिस अधिकारियों और प्रिंसीपल के परिवार को आयोग कार्यालय में तलब किया। प्रिंसीपल के बेटे ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि उनके पिता कहाँ चले गए हैं। वह 3 दिन से घर नहीं आए हैं।

पुलिस ने लगाया समय

रेनू भाटिया ने कहा कि प्रिंसीपल के खिलाफ छात्राओं ने 12 सितम्बर को लिखित शिकायत भेजी थी लेकिन पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज करने में पहले तो कई सप्ताह का समय लगा दिया जबकि मामला पॉक्सो एक्ट से संबंधित है और अब आयोग के दबाव पर जब एफ. आई. आर. दर्ज की तो प्रिंसीपल गिरफ्तारी से पहले ही फरार हो गया। डी.जी.पी. शत्रुजीत कपूर को जांच करनी चाहिए कि क्या कोई बड़ी शख्सियत का प्रिंसीपल के बचाव में हाथ तो नहीं है। 

5 में से 3 मोबाइल से भेजता था अश्लील मैसेज

रेनू भाटिया ने कहा कि अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रिंसीपल के पास 5 मोबाइल फोन थे। 2 फोन का इस्तेमाल प्रिंसीपल आधिकारिक तौर पर करता था जबकि बाकी 3 मोबाइल फोन से वह लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजता था और उन्हें ब्लैकमेल करता था। आयोग ने स्कूल प्रिंसीपल के कमरे से काले शीशे हटवा दिए हैं और उस महिला शिक्षक की भी पहचान की जा रही है जो प्रिंसीपल का साथ देती थी।प्रिंसीपल का पुराने स्कूलों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। रेन भाटिया का कहना है कि अगर किसी भी छात्रा को स्कूल का कोई व्यक्ति या कोई अन्य व्यक्ति प्रताड़ित करता है तो वह आयोग से संपर्क करें, लड़की का नाम गुप्त रखा जाएगा और संबंधित व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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