Edited By Nitish Jamwal, Updated: 25 Aug, 2024 07:49 PM
हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं और 1 अक्तुबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। हरियाणा की बात करें तो जींद का जिक्र हर चुनाव में होता है क्योंकि जींद को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी कहा जाता है।
जींद (अमनदीप पिलानिया): हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं और 1 अक्तुबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। हरियाणा की बात करें तो जींद का जिक्र हर चुनाव में होता है क्योंकि जींद को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी कहा जाता है। चुनाव को लेकर सभी उम्मीदवार धरातल पर कड़ी ज़ोर मेहनत कर रहे हैं। जींद की बात करे तो जींद में प्रबल दावेदार प्रदीप गिल भी है जो लगातार भाईचारा बैठक के बाद एक यात्रा उन्होंने जींद विधानसभा के 36 गांव और 31 वार्ड में निकाली थी। हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा के माध्यम से प्रदीप गिल ने जींद के विधायक कृष्ण मिड्डा से जींद के कार्यों का हिसाब मांगा। वही पर दीपेंद्र हुड्डा प्रदेश स्तर पर भाजपा से 10 सालों का कार्य का हिसाब मांग रहे है। विधान सभा चुनाव को महज एक महीने का समय रह चुका है। हरियाणा में टिकटों के लिए कड़ी मेहनत सभी उम्मीदवार करें।
कांग्रेस नेता प्रदीप गिल ने पंजाब केसरी टीवी से बात करते हुए कहा भाईचाररा बैठक ओर पदयात्रा में भाई ना तो ये जनसंख्या थी ना ये सिर्फ और सिर्फ ऐसे भीड़ थी। ये वो लोग थे जिन्होंने पिछले 14 साल में मुझे मजबूत करने का काम किया। 2010 में जब मैंने पहली बार एक आम परिवार से मैंने राजनीति में शुरुआत करी। 2010 का पहला जिला परिषद का चुनाव मेरी वाइफ ने लड़ा उसके बाद से लगातार मैं इन लोगों से इन टॅच था और 2011 से फिर मुझे जिम्मेवारियां भी रही। पार्टी में बड़े-बड़े पदों पर रहा। तो मैंने धरातल पर काम किया। अपने आपको कभी बड़ा नहीं माना तो लोगो से बीच का आदमी था, इसलिए लोगों ने मुझे इसलिए ताकत दी कि वो बदलाव चाहते हैं। जींद में पुराने घरानो से छुटकारा चाहते हैं उन लोगों से छुटकारा चाहते हैं जिन लोगो ने जींद को ग्रद में ले जाने का काम किया।
पत्रकार का सवाल : जींद के इतिहास की बात करे तो लम्बे समय से मिढा परिवार का यहाँ पर विधायक है और आप लगातार मेहनत कर रहे हैं कि अबकीबार चुनाव लड़ना है। आप कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधायक को किस प्रकार देखते हैं। आपकी लड़ाई किस प्रकार देखते हैं ।
गिल ने कहा जो कार्य विकास कार्य इनके देखिये दो चीज़े मैं मानता हूँ। धरातल पर अगर आज आप आपके कैमरे को लेकर जाएंगे, मैं विपक्ष में हूँ इसलिए ये नहीं की मैं विपक्ष की वजह से बोल रहा हूँ। इस कैमरे को ले के जाओ गली में, मोहल्ले में, गांव में कहीं चले जाओ जिन गांव को विधायक न3 गोद लिया मैं खुद पैदल यात्रा के दौरान उन गांव में से जब निकला तो गलियों में गोढ़े-2 खांचा था। अगर मैं कहूँ तालाबों की हालत इतनी गंदी है की सारा पानी निकासी का उनके अंदर जाता है, वही पशु पीते है वही बीमार होने के लिए फिर हमारा जो दूध पीने वाली बात आती है, जो पशु लेता है, ग्रहण करता है, उसी से दूध बनता है। लेकिन आज चाहे वो ग्रामीण अंचल की दुर्दशा के लिए मिड्डा जिम्मेदार है, आज चाहे जिनके ये जो बाहर देखोगे, ये जो सेक्टर है इसके अंदर भी ब्लॉक बिछा दिए गए। आज सेक्टर को भी इस तरह से बना दिया गया कि वह एक समृद्ध गांव कह सकते हो। आप इसको शहर नहीं कह सकते। जहाँ रोजगार की बात आती है तो ये लॉलीपोप दे दिया गया। कि कौशल का रोजगार या टेंपररी नौकरियों का रोजगार आज सारी फैक्टरियां जीन्द से प्लायन कर गई कोई भी फैक्टरी यहाँ चालू नहीं है जिससे आम व्यक्ति को रोजगार मिल सके आज जिस प्रकार से खुल करके कहूंगा कि मैंने जिस दिन प्रेस कान्फरेन्स की थी। हरियाणा मांगे जवाब के तहत मैंने जींद मांगे जवाब कार्यक्रम भी चलाया था। उस यात्रा के दौरान तो जींद के अंदर मैंने हजारो बातें आपके सामने रखी थी जैसे इन्होंने करोड़ रुपए की मशीन खरीदी जो सफाई के लिए वो मशीन कहाँ है धूल उठाती है। सारी सड़कों के किनारों पर बड़े बड़े ढेर लगे हैं। उसका मतलब जो है कूड़े के जो करोड़ों रुपए का बजट हर साल आप लेते हो सरकार से वह कौन डकारता है इन सब मुद्दों को लेकर के यह पता चलता है कि दोनों हाथों से इस हरियाणा प्रदेश को जहाँ बीजेपी ने और उनके नुमाइंदों ने लूटने का काम किया। जींद के अंदर भी चाहे वो पिछला चैयरमैन था चाहे आज के चेयरमैन है इनके बीच में और मिढ़ा साहब के बीच में जिस प्रकार से लोगों ने देखा है की बंदरबाट जैसी चीजों का जो है ना सरेआम लोगों ने देखा है। इन्होंने कोई विकास काम नहीं किया। तो मेरा तो सीधा सा ये है की जिस दिन भी मुझे टिकट पार्टी कांग्रेस पार्टी देगी। उसके बाद लगातार जो आज जनाधार बढ़ रहा है वो कम से कम 20 से 30 हजार वोटों से हम जो हैं जीत हासिल करेंगे।
पत्रकार का सवाल : जींद में आपने इतनी कमियां और खामियां बताई हैं। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जब जींद में हरियाणा मांगे हिसाब पद यात्रा निकाली तो जींद के विधायक से हिसाब से मांगा था तो विधायक ने प्रेस वार्त्ता करके जींद की विकास कार्य गिनवाए थे।
गिल ने कहा मैं आज कह रहा हूँ मैं तो खुल के कह रहा हूँ कि मिढ़ा साहब को भी की अभी जींद की गलियों में ले के चलो साथ में चलूँगा, वहां होगी पारदर्शिता बैठ करके ये कहना मैंने करोडो की ग्रांट वहा दे दी। करोडो ग्रांट वहा दे दी। आज एससी समाज का धरना 14 महीने से लगा हुआ है। एक आपने कबीर चौक बनाया, उसके अंदर भी कितनी खामियां है। एक कार्नर में आपने कबीर जी की मूर्ति लगाकर के ऐसे कर दिया कि बस कि मेरे पास शब्द नहीं है कि मैं क्या बोलूं और वहाँ पर उसी के बराबर में जहाँ अंडे शराब की बोतल है इस प्रकार से इससे बैठे तो इस प्रकार से अपमान भी आप लोगों ने किया। 14 महीने से वो लोग बैठे हैं। 14 महीने में आज तक कोई सुनवाई नहीं है तो किस प्रकार की बात कर रहे हैं।आज मेरे साथ रोड़ पे चलेंगे जब रोड़ पे गांव में चलेंगे जिन गांव को आपने गोद लिया वो तो मॉडल होना चाहिए था।चाहिए आप उनके साथ चलिये। विधायक जी जिन गांव को आपने गोद ले रखा हैं उन गांव के अंदर वीडियो बनाते हैं। अगर चल पड़े तो मेरी गारन्टी हैं, मैं राजनीति छोड़ दूंगा या फिर वो चले।
पत्रकार का सवाल : चुनाव को महज एक महीने का समय रह चूका है। 1 अक्तुबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। लम्बे समय से बात करे तो जाट कम्यूनिटी का कोई भी विधायक यहाँ से नहीं बना है। उपचुनाव हुए जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी चुनाव लड़ा। आप भी मेहनत कर रहे हैं पार्टियों का नजरिया किस प्रकार है जाट को टिकेट देगी।
गिल ने कहा इस बार इसी बात को बदलने के लिए मैं लड़ रहा हूँ कि सभी कम्यूनिटी का हम सम्मान करते है। आदमी का पैमाना क्या है क्या उसकी कम्यूनिटी है या उसका अपना डिज़र्विंग होना है, काबिल होना है, आज लड़ाई है काबिल की डिज़र्विंग की। आज कोई हमारी जातिगत कोई लड़ाई नहीं है और पार्टियां भी समझेंगी समझ रही है। पार्टी ने हमारी तो यहाँ तक कहां है की हम जो धरातल पर जो मजबूत होगा हम उसी टिकट देने का काम करेंगे और 100 प्रतिशत मुझे लगता है की काबिलियत और मेरे काम के उस पर पार्टी नेतृत्व राहुल गाँधी से लेकर के भूपेंद्र हुडा जी दिपेन्द्र हुड्डा जी, उदय भान जी और शीर्ष नेतृत्व प्रभारी जी हमारे बावरिया जी इन सब को ये पता है की धरातल पर मजबूत है।
पत्रकार का सवाल : लगातार आप मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ से अगर आपके इतिहास की बात करें तो लंबे समय से आप युवा इनैलो के प्रदेश अध्यक्ष हैं रहे हैं। अब चुनाव आ गया, चुनाव में कहीं ना कहीं चर्चाए भी चलती हैं। एक चर्चा ये भी चल रही है सोशल मीडिया पर प्रदीप गिल को अगर कांग्रेस टिकट नहीं देती तो वो लोकदल का दामन थाम सकते है।
गिल ने कहा धन्यवाद है आपका इस सवाल के लिए कुछ मेरे प्रतिद्वंदी जो मुझसे घबराए हुए थे जिन लोगों ने ये यात्रा देखी जिसमे इस यात्रा में 7 दिन में उमड़ा जनसैलाब ठीक है, उस यात्रा को किस तरह से कन्डम किया जाए और प्रदीप गिल का कैडर किस तरह से कम किया जाए। कुछ लोग इसी बात पे लगे हुए है। मैंने छोटी मानसिकता का कभी परिचय नहीं दिया। मैंने किसी को संबोधन में भी कभी ऊँचा नीचा नहीं बोला। मैंने आज तक मेरी लाइन लम्बी की है मेरा काम करके। लोगों ने इस बार इस मानसिकता का भी परिचय दे दिया की उन्होंने ये कहा भाई वो वहां जा सकते है वहां जा सकते है इधर जा सकते है मैं भूपेन्द्र हुड्डा जी का सिपाई हूँ। जब साल 2019 में भूपेन्द्र हुड्डा लोकसभा का चुनाव लड़ने आये तो मैंने उस वक़्त में पार्टी का दामन थामा था जब कोई भी बड़ा चेहरा उस वक़्त पार्टी में नहीं शामिल हुआ था। आज तो बहुत सारे लोग आये है उसके बाद बड़े बड़े चेहरे आये है मैंने 2019 में चौधरी भूपेंद्र हुडा जी के चुनाव में उनके यहाँ चुनाव में मैंने शुरुआत की थी और आज टिल डेट तक मैंने कभी आप तो लोकदल की बात कर रहे हो। मैंने हुड्डा जी के अलावा तो दूसरी खिड़की भी नहीं देखी। कौनसी खिड़की से टिकेट मिलती है, कौनसी खिड़की है, मेरी एक ही खिड़की है, चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा एक ही खिड़की है । फिर दूसरी बात आती है लोकदल की अब लोकदल के अंदर जब वो खुद हाशिए पे खड़े है मैं आज जहां ये तो कहूँगा कि वो अपनी लड़ाई लड़ रहे है। लेकिन मेरी मजबूती आज मेरे से है। मुझे उनकी जरूरत भी नहीं है कि भाई मुझे अगर कोई आदमी कहता है आज की डेट में टिकट ना भी मिलती है कोई बात नहीं । नहीं मिलती है पिछली बार भी नहीं मिली 2019 में क्या मुझे मिली उस टाइम भी मैं शामिल हो चुका था। लड़ाई लड़ता है इंसान लेकिन छोटी मानसिकता का परिचय जो लोग दे रहे है उनको खास तौर पर करारा जवाब मैं दे रहा हूँ। आज कोई भी व्यक्ति इस तरह के प्रचार से कभी बड़ा नहीं होता। आप अपनी लड़ाई लड़े, अच्छी मानसिकता का परिचय दे और अगर आपको ये है कि भाई मेरा कद बढ़ रहा है या मेरे कद से आपको प्रॉब्लम है तो आप जाकर के जब भी पार्टी या चुनाव लड़े आप निर्दलीय लड़ ले, आप कोई और काम कर ले। लेकिन किसी व्यक्ति को इस तरह से छोटी मानसिकता का परिचय नहीं देना चाहिए। मैं तो यही कहूँगा और इसके इलावा क्या कहूँ किसी को गाली देना तो मेरी आदत नहीं हैं ना मैं किसी को ये कहता की वो वहां चला गया वो वहा चला गया। मैं अभी भी दिल्ली से आया हूँ। पार्टी नेतृत्व को मैंने अपना किया हुआ काम दिखा दिया। अब पार्टी नेतृत्व ने फैसला करना हैं ठीक हैं इसको टिकट देनी हैं। किसको नहीं देनी।
पत्रकार का सवाल : लगता हैं की सर्वे में मतलब लड़ाई लड़ी जाएगी।
गिल ने कहा : मैं टिकट के लिए अस्वस्थ हूँ,
मैं आश्वस्त 100 प्रतिशत हूँ जिस प्रकार मेरे नेता की एक सोच रही है चौधरी दीपेंद्र हुड्डा जी से लेकर चौधरी भूपेन्द्र हुडा और उदय भान से लेकर के श्री राहुल गाँधी जी तक की एक तो वो चाहते हैं कि नए नौजवान चेहरे आएं जो ऊर्जावान हो काम करने वाले हो और जो जिनका जो है ना अपने धरातल पर वो मजबूत भी होने चाहिए और मुझे लगता है की इस बार जितनी मेहनत मैंने और मेरी टीम ने की है और लोगों ने जितना मुझे प्यार दिया सम्मान दिया है उससे ऊपर कैडर पे एक बहुत अच्छी आवाज मैं दिल्ली गया था तो वहाँ पर भी मुझे लगा की इस बार 100 प्रतिशत मैं आश्वस्त हूँ कि जींद की जनता और कांग्रेस पार्टी बदलाव 100 प्रतिशत करेगी।
पत्रकार का सवाल : चुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं। आप भी अपने लेवल पर तैयारियां कर रहें हैं। मुख्य रूप से सभी धरातल पर अपने अपने एजेंडो को लेकर चलते हैं। जींद के लिए आपने क्या सोचा हैं।
गिल ने कहा सबसे बड़े तो यह एक प्रथा खत्म करना चाहूंगा कि आज इस जींद में कुछ घरानों का ही दबदबा रहा। क्यों अगर वो अच्छे होते मुझे डॉक्टर के बेटे में डॉक्टर बनने में मुझे कोई आपत्ति नहीं की बनने चाहिए। अच्छा आई ए एस ऑफिसर बनना चाहिए उसका बेटा भी बन सकता है लेकिन इन्होंने इस जींद को दीमक की तरह खोखला करने का काम किया है इस बार लड़ाई इनके खिलाफ़ है। 100 प्रतिशत इनके खिलाफ़ लड़ाई है और अगर मुझ जैसे व्यक्ति को अगर मौका मिला तो एक बात कहूंगा हमारा विधायक इजी अवेलेबल होना चाहिए हमें आसानी से मिल सके। क्योंकि मैं कार्यकर्ता हूँ इसलिए मुझे पता है की वर्कर की पीड़ा क्या होती है। वर्कर की पीड़ा ये होती है की वो कोई भी समस्या लेकर के जाता है अपनी मोहल्ले की अपने घर की अपने परिवार की अपने रोजगार की ले के जाता है तो उसकी सुनवाई होनी चाहिए।उसकी बात को सुना जाना चाहिए लेकिन यहाँ तो इस तरह के लोगों ने अपना जो है ना वो किया है लोगों ने राज़ किया है। मैं कहूंगा क्योंकि वो लोग राजे थे ना की वो सेवक थे तो उस पैमाने को बदलेंगे और जींद की जनता को एक विश्वास दिलाता हूँ गली से लेकर के।आपके पानी की समस्या से लेकर के आपके स्वास्थ्य की समस्या से लेकर के आपके बच्चों की रोजगार की समस्या से लेकर के आपकी अच्छी एक अच्छी लेवल की एजुकेशन से लेकर के हर उस पे काम करने का मैं प्रयास करूँगा। अगर आपने मुझे और पार्टी ने मुझे मौका दिया तो 100 प्रतिशत ये बदलाव।
पत्रकार का सवाल : चुनाव के समय देखते है मेहनत करने वाले नेता कार्यकर्ता देखते रह जाते हैं पैराशूट कैंडीडेट आते हैं और टिकट को ले जाते हैं। किस प्रकार देखते हैं अगर ऐसा हुआ तो ।
गिल ने कहा देखिए शायद इस बार ऐसा नहीं होने वाला और मैं लगातार फील्ड में हूँ। 7 दिन की पैदल यात्रा 125 से 150 किलोमीटर के बीच में हम लोगों ने की। पार्टी नेतृत्व ने सारी वो देखी भी है और दिन प्रतिदिन लोग जहाँ कूलर के अंदर, ए सी के अंदर से नहीं निकलते उस यात्रा में युवाओं का जोश मातृशक्ति का आर्शीवाद और पिता तुल्य बुजुर्गों ने अपनी एनर्जी और अपना आर्शीवाद देकर के मजबूत किया है। वो पार्टी नेतृत्व का काम है की जो उनके पैमाने है उनपे अगर मैं खरा उतरता हूँ तो 100 प्रतिशत एक वादा मेरा है की इस बार जींद का विधायक कांग्रेस पार्टी का होगा।