करनाल में आयोग नहीं करा सकता उपचुनाव, विधानसभा चुनाव में 1 वर्ष से कम का समय, हाईकोर्ट में याचिका दायर

Edited By Saurabh Pal, Updated: 28 Mar, 2024 09:55 PM

petition filed in high court against by election in karnal

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला  कानूनी पचड़े में फंस गया है। पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट  में इस बाबत दायर एक याचिका में कानून का हवाला देकर  कहा  गया है...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला  कानूनी पचड़े में फंस गया है। पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट  में इस बाबत दायर एक याचिका में कानून का हवाला देकर  कहा  गया है कि आयोग उपचुनाव नहीं करा सकता, क्योंकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम है। यह मामला पंचकूला निवासी रविंदर सिंह द्वारा  दायर एक जनहित याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट  के समक्ष पहुंचा है। याचिका में भारतीय चुनाव आयोग  को करनाल विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी चुनाव कार्यक्रम को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

करनाल विधानसभा सीट 13 मार्च को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। खट्टर ने नवगठित नायब सिंह सैनी सरकार द्वारा राज्य विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास करने के तुरंत बाद अपना इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा में विधानसभा के आम चुनाव इस साल अक्टूबर में होने हैं। याचिकाकर्ता द्वारा चुनाव आयोग तथा हरियाणा सरकार को दी गई याचिका की अग्रिम प्रतियों के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151ए के परविधान (ए) के अवलोकन से ही पता चलता है कि यदि विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो चुनाव आयोग के पास उपचुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।

याचिका में  इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि  महाराष्ट्र के अकोला निर्वाचन क्षेत्र के संबंधित उप चुनाव बारे चुनाव आयोग ने 15 मार्च को  चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था। इस बाबत 28 मार्च को अधिसूचना जारी होनी थी और 26 अप्रैल को चुनाव होना था। चुनाव आयोग  के इस फैसले को बाम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि, बाम्बे हाई कोर्ट ने चुनाव  अधिसूचना को इस  आधार पर रद्द कर दिया कि विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में एक वर्ष से भी कम समय बचा है।बाम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ  के इस आदेश के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने 27 मार्च को अकोला निर्वाचन क्षेत्र के संबंधित उपचुनाव को रोक दिया।

याचिका में कोर्ट को बताया गया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151-ए की व्याख्या बहुत सरल और स्पष्ट है और इसमें कोई अस्पष्टता नहीं है। यह  स्पष्ट है कि जब विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम हो तो कोई चुनाव नहीं हो सकता है। याचिका में कहा गया है, चूंकि बाम्बे हाई कोर्ट के फैसले का चुनाव आयोग  द्वारा अनुपालन किया गया है, इसलिए यह स्पष्ट है कि वर्तमान मामले में भी यही रास्ता अपनाने की आवश्यकता थी, क्योंकि 21-करनाल के साथ-साथ 30-अकोला पश्चिम (महाराष्ट्र) में उप चुनाव कराने का निर्णय चुनाव आयोग ने  एक ही  आदेश में लिया था।  हाई कोर्ट से मांग की  गई कि वह चुनाव आयोग को करनाल उप चुनाव को रद करने का आदेश दे।

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