दिव्यता का प्रतीक श्रीरामशरणम्: उद्घाटन दिवस पर श्रद्धा और स्मृति का संगम

Edited By Deepak Kumar, Updated: 08 Oct, 2025 02:04 PM

panipat news shri ram sharnam inauguration day shri ram sharnam symbol of divini

''श्रीरामशरणम्" वह दिव्य स्थल, जो अनगिनत श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शान्ति और राम नाम के प्रचार का केन्द्र बन चुका है। इस वर्ष अपने उद्घाटन दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

पानीपत: "श्रीरामशरणम्" वह दिव्य स्थल, जो अनगिनत श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शान्ति और राम नाम के प्रचार का केन्द्र बन चुका है। इस वर्ष अपने उद्घाटन दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम 11 अक्टूबर को प्रातः 9:30 बजे से 10:45 बजे तक आयोजित होगा, जिसमें संत-वाणी, भजन, कीर्तन एवं आध्यात्मिक संदेशों की वर्षा होगी।

संतों की दिव्य धरोहर: श्रीरामशरणम् का आरंभ

"श्रीरामशरणम्" की स्थापना का बीज सन्त शिरोमणि स्वामी सत्यानन्द जी महाराज के हृदय में उस समय अंकुरित हुआ जब उनके सम्पर्क में माँ शकुन्तला देवी जी जैसी तपस्विनी शिष्या आईं। यह दिव्य धरोहर एक पवित्र हाथों में सौंपने योग्य थी, और माँ के माध्यम से इस मिशन का स्वरूप स्थिर हुआ। 9 अक्तूबर 1960 की करवाचौथ के अगले दिन, जब हजारों श्रद्धालु हर्ष और श्रद्धा से भर उठे, उस दिन महाराज जी ने उद्घाटन करते हुए कहा, "मैं तो अपनी जीवन-यात्रा समाप्त कर चुका था, पर कोई काम राम ने लेने होंगे, इस के लिए उस ने इस देह-दिये में अपनी शक्ति का तेल डाला है।" यह वाक्य उद्घाटन के एक महीने पश्चात सत्य सिद्ध हुआ, जब 13 नवम्बर 1960 को महाराज जी ने देह त्याग दी।

माँ शकुन्तला देवी और माँ दर्शी जी: दो दिव्य व्यक्तित्वों की साधना का फल

माँ शकुन्तला देवी जी ने स्वामी सत्यानन्द जी द्वारा प्रज्वलित राम-नाम की लौ को एक विराट मशाल का रूप दिया। उनकी तपस्या और सेवा भावना के परिणामस्वरूप "श्रीरामशरणम्" पानीपत ही नहीं, अनेक नगरों में फैल गया। आज इसकी शाखाएं जालंधर, अमृतसर, जम्मू, चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित अन्य शहरों में स्थापित हैं, और सहारनपुर में निर्माणाधीन है। माँ दर्शी जी के रूप में संगठन को एक और दिव्य नेतृत्व मिला, जिन्होंने न केवल इस स्थान की गरिमा और आध्यात्मिकता को बनाए रखा, बल्कि अपने तप और दृष्टिकोण से इसे और भी अधिक प्रभावशाली बना दिया।

साल भर चलने वाले आध्यात्मिक कार्यक्रम

श्रीरामशरणम् में रामनवमी, जन्माष्टमी, होली जैसे प्रमुख पर्वों पर विशेष कार्यक्रम होते हैं। रामनवमी से पूर्व 2 माह तक रामायण पाठ होता है। जन्माष्टमी से पूर्व 18 दिवसीय गीता ज्ञान यज्ञ आयोजित होता है, जिसमें माँ दर्शी जी द्वारा श्रीकृष्ण के उपदेश साकार रूप में सुनाए जाते हैं।

सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी

श्रीरामशरणम् न केवल आध्यात्मिक सेवा, बल्कि सामाजिक सेवा में भी अग्रणी है। हर वर्ष सैंकड़ों मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता व छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं आश्रम परिसर में निःशुल्क होम्योपैथिक व ऐलोपैथिक चिकित्सा की सुविधा दी जाती है। इस सेवा कार्य का विस्तार निरंतर जारी है

उद्घाटन दिवस पर विशेष प्रार्थना

इस पावन अवसर पर श्रद्धालु "श्रीरामशरणम्" की भूमि को नमन करते हुए अपने हृदयों में यह प्रार्थना करते हैं कि परम पूज्या माँ दर्शी जी अपने ज्ञान, ऊर्जा और करुणा से इसी प्रकार लाखों लोगों का कल्याण करती रहें।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!