केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने का विरोध, जानें क्या है वजह...

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 30 Jul, 2024 08:52 AM

opposition to sending ravneet bittu to rajya sabha from haryana

केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्य मंत्री स. रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने के भाजपा के प्रयासों का आंतरिक विरोध शुरू हो गया है। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं और लोकसभा चुनाव...

हरियाणा डेस्क: केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्य मंत्री स. रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने के भाजपा के प्रयासों का आंतरिक विरोध शुरू हो गया है। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया था, लेकिन रवनीत बिट्टू कांग्रेस उम्मीदवार राजा अमरिंदर सिंह वडिंग से पराजित हो गये थे। लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्र में मंत्री बनाया हुआ है।

हरियाणा की एकमात्र खाली सीट से राज्यसभा जाने का सपना देख रहे भाजपा नेताओं को जब रवनीत सिंह बिट्टू को यहां से राज्यसभा भेजने की तैयारी का पता चला तो उन्होंने इस पर ये कहते हुए सवाल खड़े कर दिए कि पंजाब ने हमेशा हरियाणा के हितों की अनदेखी की है। हरियाणा और पंजाब सरकारों के बीच SYL नहर के पानी का विवाद साढ़े चार दशक से लंबित है। एसवाईएल के अलावा अलग राजधानी और हाई कोर्ट सहित विभिन्न मुद्दों पर पंजाब के नेताओं की हरियाणवियों से अलग राय होती है।

कार्यकर्ताओं में बढ़ सकती है नाराजगी 

रवनीत बिट्टू आनंदपुर साहिब और लुधियाना से तीन बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें हरियाणा में भाजपा सिख चेहरे के रूप में स्थापित करेगी तो इससे पार्टी के साथ पहले से जुड़े सिख नेताओं व राज्यसभा की दौड़ में शामिल पार्टी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ेगी। राज्यसभा के लिए रवनीत बिट्टू का नाम आने के बाद हरियाणा के भाजपा नेताओं ने पार्टी हाईकमान के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। साथ ही हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे अंतरराज्यीय विवादों का हवाला देते हुए कहा है कि यदि राज्यसभा में किसी हरियाणवी को नहीं भेजा गया तो विधानसभा चुनाव में इसका नुकसान हो सकता है। भाजपा यदि किसी सिख को ही राज्यसभा में भेजना चाहती है तो वह हरियाणा मूल का होना जरूरी है। पिछले दिनों कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी भाजपा में शामिल हुए हैं। श्रुति चौधरी राज्यसभा की प्रबल दावेदार हैं।

हिसार में लोकसभा के टिकट से वंचित भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई भी राज्यसभा के टिकट के प्रबल दावेदार हैं, जबकि विधानसभा स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता भी दिल्ली दरबार की लगातार परिक्रमा कर रहे हैं। भाजपा के सिख नेताओं में मनिंदरजीत सिंह सिरसा के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर और पूर्व सांसद संजय भाटिया के नाम राज्यसभा के दावेदारों में लिए जा रहे हैं।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें) 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!