स्कूली छुट्टियों के फैसले पर "निसा" ने उठाए सवाल, कहा- गरीब व अमीर बच्चों की शिक्षा के बीच पैदा हो रही है खाई

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 08 Jan, 2025 08:51 PM

nisa raised questions on decision of school holidays poor rich children

कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को 15 दिन तक 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बंद करने के फैसले पर निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है।

चण्डीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को 15 दिन तक 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बंद करने के फैसले पर निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। दरअसल बोर्ड की परीक्षाएं बेहद नजदीक हैं, शर्मा ने इसलिए छुट्टियों की नीति को बदलने की पुरजोर मांग उठाई है। 

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि देश की आजादी के वक्त केवल स्कूल ही शिक्षा का एकमात्र साधन हुआ करते थे, इसी पद्धति से बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे और बोर्ड की परीक्षा में बैठते थे। लेकिन आज कोचिंग सेंटर्स के रूप में एक ओर विकल्प बच्चों के पास आया है। लेकिन यह भी सच है कि कोचिंग क्लासेस का खर्च केवल अमीर वर्ग ही उठा सकता है। अमीर वर्ग के बच्चे स्कूल बंद होने के बावजूद रेगुलर क्लासेस ले रहे हैं और प्रोफेशनली आगे बढ़ रहे हैं। 

वहीं गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे इस आर्थिक बोझ को नहीं उठा सकते। वह केवल स्कूलिंग के सहारे ही शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा गर्मी- बरसात और सर्दी के समय हर वर्ष छुट्टियां घोषित करने का एक सिस्टम है और इस बार भी उसी के तहत राज्य सरकार द्वारा छुट्टियां घोषित की गई हैं।

बोर्ड की परीक्षाओं की नजदीकी के चलते 3-4 घंटे तक खुलें स्कूल : शर्मा

शर्मा ने कहा कि कोचिंग सेंटर सरकार द्वारा रेगुलेटेड नहीं होने के कारण वह उस कानून में नहीं आते और अमीर वर्ग के बच्चे जाकर अपने परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। जिस कारण से गरीब और अमीर वर्ग के बच्चों की शिक्षा के बीच एक बड़ी खाई बनती जा रही है। अमीर वर्ग के बच्चों के डाउट्स क्लियर हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों की शिक्षा का मुख्य साधन स्कूल बंद होने के कारण उनके डाउट्स क्लियर नहीं हो रहे। 

शर्मा ने बताया कि 2017 में भी जब वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए तो हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डायरेक्टर को इस मामले में चिंतन करने के बाद फैसला लेने का आदेश दिया था। जिस पर डाउट्स क्लियर करने के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले गए। 

शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस बार भी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से गुहार और उम्मीद की है क्योंकि गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे स्कूलों के ही सहारे बैठे हैं। इसलिए अमीर और गरीब बच्चों के बीच बराबरी का मौका हो, इसके लिए कम से कम तीन-चार घंटे तक डाउटस क्लियर करने के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले जाएं ताकि वह बच्चे पीछे ना रह जाए, उनके भविष्य को कोई नुकसान ना हो। इसलिए यह फैसला हरियाणा सरकार को लेना चाहिए।

शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं शर्मा

कुलभूषण शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को ज्ञापन भी वह दे चुके हैं। मुख्यमंत्री -शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र भी लिखे गए हैं। शर्मा ने बताया कि छुट्टियों को लेकर एक अच्छी विस्तारित नीति बनाई जाने की बेहद आवश्यकता है। पहले की बजाय अब मौसम भी लगातार परिवर्तित हुआ है, स्कूलों में जाने के लिए बस भी माध्यम बनी है। 

सरकार के नियमानुसार स्कूल 220 दिन तक लगाया जाना भी जरूरी है। इसलिए सरकार को छुट्टियों पर एक बड़ा फैसला लेना चाहिए ताकि बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित न हो पाए। इसके लिए पूरे विस्तार से चर्चा करके नई नीति बनाए जाने की पुरजोर हम मांग करते हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!