Edited By Saurabh Pal, Updated: 21 Aug, 2023 12:10 PM

कहते हैं जीवन का सबसे मुश्किल वक्त वह होता जब आंखों के सामने कोई अपना दम तोड़ दे और आप कुछ ना कर पाएं। ऐसा ही एक मामला करनाल से आया है। जहां पैसे के आभाव में एक नवजात की जान चली गई।
करनालः कहते हैं जीवन का सबसे मुश्किल वक्त वह होता जब आंखों के सामने कोई अपना दम तोड़ दे और आप कुछ ना कर पाएं। ऐसा ही एक मामला करनाल से आया है। जहां पैसे के आभाव में एक नवजात की जान चली गई। जानकारी देते हुए असंध के वार्ड नंबर-9 निवासी तन्नु ने बताया कि उसने शादीशुदा महिला से शादी की थी। उसकी पत्नी काफी उम्मीदों के बाद अब गर्भवती हुई थी। 2 दिन पहले उसकी पत्नी के पेट में दर्द हुआ। जिसके बाद वह उसको पानीपत के निजी अस्पताल में लेकर गया, जहां उसने 7 महीने के गर्भ के बाद बच्चे को जन्म दिया, लेकिन बच्चे में ऑक्सीजन की कमी थी।
निजी अस्पताल में खर्च बहुत ज्यादा था, इसलिए डॉक्टरों ने उसे सिविल अस्पताल में रेफर दिया। लेकिन वहां बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया तो डॉक्टरों ने करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। जब करनाल आए तो यहां पर भी नवजात शिशु को वेंटिलेटर नहीं मिला। जिसके बाद उसे रोहतक PGI रेफर कर दिया गया, लेकिन बच्चे की रास्ते में ही मौत हो गई।
जबकि इलाज करने के लिए परिजन डॉक्टरों के आगे हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन 2 जिलों के डॉक्टर बच्चे को इलाज नहीं दे पाए। परिवार में यह पहला प्री-मैच्योर बच्चा था। नवजात की मौत के बाद खुशियां मातम में बदल गईं।
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