Edited By Manisha rana, Updated: 23 Apr, 2023 10:30 AM

यमुनानगर जो एक तरफ हिमाचल दूसरी तरफ उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ है, उसमें हजारों की संख्या में छोटे बड़े कारखाने...
यमुनानगर (सुरेंद्र) : यमुनानगर जो एक तरफ हिमाचल दूसरी तरफ उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ है, उसमें हजारों की संख्या में छोटे बड़े कारखाने हैं। जहां लाखों मजदूर कार्यरत हैं। इन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता है लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों के लंबे समय से पद खाली होने के कारण मरीज इधर से उधर भटकते रहते हैं। फिर उन्हें महंगे अस्पतालों में जाने को मजबूर होना पड़ता है।
मेडिकल अफसरों के 191 पद में से 93 खाली
बता दें कि यमुनानगर जिले में मेडिकल अफसरों के 191 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 93 पद खाली हैं। यमुनानगर मुख्यालय पर स्थित अस्पताल में मेडिकल अफसरों के 16 पद खाली हैं जबकि जगाधरी सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 25 पद खाली हैं। मेडिकल अफसरों के रादौर में 11 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 8 पद खाली हैं। इसी तरह पीएचसी अलाहर में मेडिकल अफसरों के 2 पद हैं, जो दोनों ही खाली हैं। मोहड़ी पीएससी में एक पद खाली है। खिजराबाद में 7 सवकृति पद हैं जिनमें से 4 पद खाली हैं।
जिला जेल में जहां 12 सौ से अधिक विभिन्न अपराधों के कैदी व बंदी हैं वहां मेडिकल अफसर के तीन पद स्वीकृत हैं और तीनों ही पद खाली हैं। यमुनानगर में कोई स्किन स्पेशलिस्ट व सेक्रेटरीस्ट नहीं है और ना ही कोई एमडी मेडिसिन है। जिले में अगर किसी दिव्यांग को मेडिकल करवाना है तो उसके लिए भी विशेषज्ञ नहीं है, जिसके चलते उसे अंबाला और कुरुक्षेत्र अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इस समय ट्रॉमा सेंटर में ही सरकारी अस्पताल बनाया हुआ है जबकि नया भवन बनकर तैयार है उसके उद्घाटन की प्रतीक्षा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसका उद्घाटन करेंगे।
डॉक्टरों के भारी संख्या में पद खाली होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
सिविल सर्जन डॉ मंजीत सिंह ने कहा कि डॉक्टरों के भारी संख्या में पद खाली होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि जो स्टाफ है उसी से ही हम काम चलाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार को हर महीने खाली पदों की रिपोर्ट भेजी जाती है । मुख्यालय व सरकार के स्तर पर डॉक्टरों की भर्ती की जानी है भर्ती होने के बाद उम्मीद है कि यह सभी पद भर दिए जाएंगे।
बताया जाता है कि यमुनानगर का सरकारी अस्पताल पिछले लंबे समय से सो बेड का था, लेकिन वर्तमान मनोहर सरकार ने उसे 200 बेड का किया है। लेकिन डॉक्टरों की संख्या अभी तक नहीं बढ़ाई गई और जो पद 100 बेड के लिए सवीकृत थे। वह पद भी आधे से ज्यादा खाली हैं। ऐसे में कैसे होगा गरीबों का इलाज और कैसे सरकार सभी को स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावों को पूरा करेगी।
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