मनोहर लाल जातिगत भेदभाव में विश्वास नहीं रखते, एक अच्छे CM हैं - दादा राम कुमार गौतम

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 04 Mar, 2024 05:31 PM

manohar lal does not believe in caste discrimination

अपने असूलों से कभी समझौता न करने वाले, बेहद राजनीतिक अनुभवी, बेहद निडर-बेबाक व स्पष्टवादी नेता दादा रामकुमार गौतम ने पंजाब केसरी से कई महत्वपूर्ण वर्तमान के गर्म मुद्दों पर बातचीत की। जिसमें उन्होंने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को लेकर कई कड़ी...

चंडीगढ (चंद्र शेखर धरणी): अपने असूलों से कभी समझौता न करने वाले, बेहद राजनीतिक अनुभवी, बेहद निडर-बेबाक व स्पष्टवादी नेता दादा रामकुमार गौतम ने पंजाब केसरी से कई महत्वपूर्ण वर्तमान के गर्म मुद्दों पर बातचीत की। जिसमें उन्होंने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को लेकर कई कड़ी टिप्पणियां की। उन्होंने जेजेपी को लेकर भाजपा को आगाह करते हुए स्पष्ट कहा कि अगर यह समझौता भाजपा ने रखा तो हरियाणा से भाजपा का खेल खत्म हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाये की जेजेपी एक पार्टी नहीं बल्कि लुटेरों का एक गिरोह है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू हृदय सम्राट और एक अच्छा व्यक्ति बताते हुए कहा कि अगर जेजेपी से पीछा छुड़वाकर भाजपा प्रदेश में चुनाव लड़ेगी तो सभी 10 सीटों पर इनके उम्मीदवारों का जीतना लगभग तय हो जाएगा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी एक अच्छा राजा बताया। ओर भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

 

प्रशन:- हाल ही में हुई ओलावृष्टि व बरसात से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ, क्या कहेंगे ?

उत्तर:- इस बारिश और ओलावृष्टि से किसानों का बहुत भारी नुकसान हुआ। इसलिए ज्यादा से ज्यादा मुआवजा किसानों को दिया जाना चाहिए। अगर किसान मजबूत है तो देश मजबूत है। किसान कमजोर है तो देश कमजोर है। किसान का बेटा ही सीमा पर देश की रक्षा करता है और दूसरी तरफ किसान देश का पेट पलता है। अन्न उगाता है। इसकी मदद होनी चाहिए।

 

प्रशन:- लोकसभा चुनाव कभी भी घोषित हो सकते हैं राजनीतिक माहौल क्या संकेत दे रहे है ?

उत्तर:- आज हर आदमी जानता है कि नरेंद्र मोदी की हवा है और तीसरी बार फिर से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी के बैठने के संकेत हैं।

 

प्रशन:- हरियाणा में इन लोकसभा चुनावों का राजनीतिक तापमान क्या कहता है ?

उत्तर:- पूरे देश की ही तरह प्रदेश में भी नरेंद्र मोदी का माहौल है। लेकिन कैंडिडेट आने के बाद सब स्थितियां क्लियर हो पाएंगीं।

 

प्रशन:- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साझे उम्मीदवार सुशील गुप्ता कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, उस सीट पर क्या रहेगा ?

उत्तर:- कांग्रेस खुलकर अच्छी तरह से मदद तो करेगी ही, इसलिए मुकाबला तो रहेगा।  फिर भी समय नजदीक आने के बाद क्लियर हो पाएगा।

 

प्रशन:- जेजेपी भी भाजपा के साथ समझौता करके एक दो टिकट लोकसभा की लेना चाहती है, आपका क्या मानना है ?

उत्तर:- अगर भारतीय जनता पार्टी इस पार्टी (जेजेपी) के साथ समझौता करेगी तो बहुत भारी नुकसान में जाएगी। मोदी की हवा घुल जाएगी। यह समझौता हरियाणा में मोदी की हवा को खत्म कर देगा। जेजेपी की कोई रेपुटेशन नहीं है। सिवाय धन के इन्होंने कुछ नहीं कमाया। यह चौधरी देवीलाल के पड़पोत्र थे और अजय चौटाला उनके पौत्र थे, उनके इस फैसले से इनका पूरा परिवार खिलाफ था। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अभय चौटाला, उनके सारे रिश्तेदार बहन- बेटियां -बुआ फूफा सभी खिलाफ थे। लेकिन ऐसा वातावरण बन गया कि मेरे जैसे व्यक्ति को भी उनकी मदद करनी पड़ी और उनकी सीट आ गई। लेकिन यह उसे संभाल नहीं पाए। उनके पास केवल जाट वोट ही था जो कि अब इनके साथ नहीं है। जाट अब इनसे दूर है। अगर बीजेपी ने यह गलती की तो उन्हें बड़ा भारी नुकसान होने वाला है। हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी खत्म हो जाएगी। हरियाणा में किसी भी आम व्यक्ति का इंटरव्यू ले लो यही बात सभी के मुंह से सुनोगे।

 

प्रशन:- विधानसभा में उपमुख्यमंत्री व आपका तनावपूर्ण माहौल भी बन गया था, शब्दों के बाण चले, इस पर क्या कहेंगे ?

उत्तर:- यह दुष्यंत चौटाला मेरे विधानसभा में गया, उचाना में भी गया, जहां से उसका एक बयान वायरल हुआ। उन्होंने यह बात मंच से कही कि दादा गौतम को सोते बैठते सिर्फ मंत्री पद चाहिए, जबकि वह विधायक की ड्यूटी सही से नहीं निभा सके, अगर उन्हें विधायक पद अच्छा नहीं लगता तो वह इस पद को छोड़ दें। मुझे लोगों ने जब सुनाया तो मुझे बहुत भारी दुख हुआ। जबकि मेरे पास अपने 35000 वोट थे वो तो 10000 वोट से हार गया था नारनौंद विधानसभा से ही केवल इसकी जीत हुई थी। तेरे पास तो कुछ था ही नहीं। अगर यह मंत्री पद छोड़ दे तो मैं भी अपना यह पद छोड़ दूंगा। मैं केवल एक विधायक हूं मेरे पास है ही क्या छोड़ने के लिए। मैं किसी को नौकरी नहीं दे सकता, ट्रांसफर नहीं करवा सकता, क्योंकि नौकरी मेरिट पर है और ट्रांसफर ऑनलाइन है। लेकिन वो तो पूरी मौज ले रहा है। हां मैं भी मंत्री बनना चाहता था। क्योंकि मैंने पावरफुल सरकार में दूसरे नंबर के ताकतवर व्यक्ति कैप्टन अभिमन्यु को हराया था। अभिमन्यु बड़ा पुर्जा था। उसके पास 14 महकमें थे। लेकिन मुझे मंत्री नहीं बनाया तो मैं कह दिया था कि तुम्हारे मार्फत अगर मुझे ब्रह्मांड का राज भी मिलता हो तो मैं उस पर ठोकर मार दूंगा। मुझे बहुत सी मनाने की कोशिशें हुई। मैसेज आए। लेकिन मैं समझ चुक चुका था कि यह नालायक और नासमझ लड़का है। जिसे केवल पैसे की भूख है। राजस्थान में भी यह टक्कर मार आए। बापू बेटे खूब घूम रहे हैं। लेकिन इन्हें कोई पानी पिलाने वाला भी नहीं पाएगा। यह कुछ सौदा नहीं है। बीजेपी इनके साथ समझौता करने की गलती करेंगी मैं यह सोच नहीं सकता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी इससे शुरू में ही निजात पा लेनी चाहिए थी। अगर ऐसा होता तो उनके (दुष्यंत) पास कुछ भी नहीं बचता। लेकिन भाजपा उस वक्त यह फैसला नहीं ले पाई। मुझे यह बात नहीं समझ में आता कि भाजपा इनसे क्या चाहती है।

 

प्रशन:- जेजेपी के अन्य विधायकों से भी कई बार नाराजगी के सुर सुनाई दिए, लेकिन फिर वह शांत हो जाते हैं, ऐसा क्यों ?

उत्तर:- वह क्यों ऐसे बयान देते हैं और फिर क्यों शांत हो जाते हैं, यह बात तो वही बता पाएंगे। लेकिन मेरे खिलाफ जो दुष्यंत ने बयान दिया मैं इस पर क्लियर हूं कि मैंने इन से दूरी बना ली है। फिर वाहियात की बात यह लोग क्यों करते हैं। मैं उनसे कुछ नहीं चाहता। मैं उनकी किसी मीटिंग में नहीं जाता। यह मेरे घर आकर चाय पीना चाहते थे तो भी मैंने मना कर दिया। कह दिया था कि मेरे पास मत आना। मैसेज आते थे कि मंत्री बना सकते हैं, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं थूकता हूं तुम्हारे मंत्री पद पर।

 

प्रशन:- किसके माध्यम से आपसे बात करने की कोशिश हुई थी ?

उत्तर:- इन्होंने शुरू में काफी कोशिश की लेकिन मैं सारी बातें नहीं बता पाऊंगा। क्योंकि सारी बात बताने की नहीं होती। हालांकि उनका कसूर भी नहीं है। पहले दिन जो इन्होंने कसूर किया था मैंने अच्छी तरह से समझ लिया था कि यह क्या चीज है। उसके बाद मैंने इनसे वास्ता नहीं रखा। दिसंबर में मेरे विधानसभा के एक गांव में 12 गांवो का एक बड़ा प्रोग्राम था, मैंने उसमें घोषणा कर दी थी कि इस पार्टी से मेरा कोई लेना-देना और वास्ता नहीं रहा। मुझे इन्होंने ऑल इंडिया का वाइस प्रेसिडेंट बनाया, लेकिन यह खुद ऑल इंडिया की पार्टी तक नहीं है और ना ही यह हरियाणा लेवल की पार्टी हैं। यह हमारी मेहनत और बेवकूफी के कारण सत्ता में शामिल हो गए। इनके पास कोई सौदा नहीं है।

 

प्रशन:- कारण बताओं नोटिस भी आपके खिलाफ  जारी हुए थे ?

उत्तर:- कई बार जारी हुए, लेकिन मैंने किसी का जवाब नहीं दिया। अगर यह पहले ही मुझे पार्टी से निकाल देते, मुझे आजाद छोड़ देते तो मैं इनके खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलता। मैं अपनी ताकत से बना हूं। बल्कि इन लोगों ने मेरी मदद ली है। मैंने इन्हें अपनी ताकत से बनाया है। नरवाना विधायक रामनिवास ने इनकी पैसों से भी मदद की और 5-6 दिन इनके साथ भी रहे। इन्होंने इसे पार्टी नहीं बल्कि एक गिरोह बना डाला। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने आदमपुर में शादी के दौरान दुष्यंत चौटाला को कहा कि पहले दादा गौतम बनाया, मुझे छोड़ दिया अब कौन सा दादा ढूंढोगे। मैं यही चाहता था कि यह बच्चा अच्छे कुल से है, चौधरी देवीलाल का पड़पोत्र है इसे मुख्यमंत्री बनाऊंगा। इसके साथ इसके लिए मेहनत करूंगा। लेकिन मुझे नहीं पता था कि इसका गोरखधंधा केवल और केवल पैसा है।

 

प्रशन:- चौधरी देवीलाल- चौधरी बंसीलाल- चौधरी भजनलाल और अब मनोहर लाल सभी का आपने राज देखा, तुलना और समीक्षा कैसे करेंगे ?

उत्तर:- मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं। कम विधायकों के कारण जेजेपी की इन्हें मदद लेनी पड़ी थी। लेकिन इन्हें तुरंत इनसे किनारा कर लेना चाहिए था। क्योंकि इनके पास एक भी वोट नहीं है। अगर भाजपा इनसे वोट चाहती है तो यह उनकी गलतफहमी है। देश के प्रधानमंत्री को इनसे तुरंत पीछा छुड़ा लेना चाहिए। नरेंद्र मोदी युग पुरुष है, हिंदू हृदय सम्राट है, वह साधारण आदमी कतई नहीं है। धारा 370 तोड़ना और राम मंदिर निर्माण करना जैसा बड़ा कार्य भला कौन सोच सकता था। जबकि कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने खुद कहा था कि 5- 10 साल तक राम मंदिर मामले का फैसला ना हो तो अच्छा होगा। प्रधानमंत्री कहीं भी जाते हैं तो राम राम भाई बुलाते हैं। उन्होंने मुस्लिम बहन बेटियों को जो गुलाम की जिंदगी जी रही थी, दो टके का आदमी उन्हें तलाक तलाक तलाक बोल देता था और छोड़ देता था।  प्रधानमंत्री ने उन्हें इस समस्या से छुटकारा दिलवाया। मोदी का किसी से कोई कंपटीशन नहीं है। मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं और बहुत सम्मान करता हूं।

 

प्रशन:- सदन पटल पर उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देवेंद्र बबली को मंत्री बनाया गया इसलिए आप नाराज हैं ?

उत्तर:- वह झूठ बोल रहा था। पहले दिन अवश्य मै मंत्री बनना चाहता था। क्योंकि मैंने पावरफुल व्यक्ति को हराया था और पावरफुल मंत्री ही बनने की चाहत थी। लेकिन उसके बाद तो खेल खत्म हो गया था।  

बबली एक बहुत अच्छा लड़का है। असल में तो यह जेजेपी  पार्टी रहेगी ही नहीं, लेकिन फिर भी अगर देवेंद्र बबली इस पार्टी से ही चुनाव लड़ा तो जमानत भी नहीं बचा पाएगा। वह एक ईमानदार काम करने वाला लड़का है। अन्य किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े तो 100 फ़ीसदी उसकी जीत होगी यह मेरा मानना है।

 

प्रशन:- राजनीतिक रूप से दादा रामकुमार गौतम का अगला कदम क्या रहेगा ?

उत्तर:- मेरा अगला कदम मेरा ईश्वर जानता है। मैं नहीं जानता क्योंकि मैं कुल्हाड़ी को कुल्हाड़ी कहने वाला व्यक्ति हूं। लेकिन अंदर से बहुत दुखी हूं। इस विधायक के पीरियड से मेरी उम्र घटी है। मुझे कोई खुशी नहीं मिली। हालांकि मनोहर लाल खट्टर जातिगत भेदभाव में विश्वास नहीं रखते। उस हिसाब से मनोहर लाल एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं और यह एक बढ़िया शाशक है। लेकिन इसकी मेरिट बहुत खतरनाक है। पहले भाजपा के हिस्सेदारी में चौधरी देवीलाल और चौधरी बंसीलाल की भी सरकारें रही। तब भी नौकरियां लगती थी लिस्ट बनती थी। मुख्यमंत्री के घर पर बैठकर फैसला होता था। आज सरकार बदली है पहले जिन लोगों का कभी राज में हिस्सेदारी नहीं रही वह पिछड़ गए हैं। मनोहर लाल खट्टर के पास उन लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। मैंने कई बार उन्हें समझाया लेकिन वह समझते नहीं है। उनका यही कहना है कि अंतोदय के तहत अंतिम श्रेणी वालों को सब कुछ देना चाहता हूं। लेकिन अंतिम श्रेणी वालों को भी वह कुछ नहीं दे पा रहे। फिर भी मनोहर लाल खट्टर ने किसी के साथ जातिगत भेदभाव नहीं किया। उस एंगल से वह एक अच्छे इंसान है। अच्छे इंसान का यही काम है कि सभी को सबका हक दे। सभी को एक नजर से देखें। क्योंकि राजा के लिए प्रजा संतान की तरह होती है और उस पद पर बैठकर जो व्यक्ति भेदभाव करता है वह गलत होता है। अनेक व्यक्तियों ने इस प्रदेश में राज किया, किसान  किसान किसान पुकारते रहे और जातिगत भेदभाव करते रहे। नाम किसान का लिया लेकिन अपनी जाति के लिए काम किया। मैं आज ऐसे पड़ाव पर हूं किसी के साथ लम्बी दुश्मनी नहीं निभा सकता। मैं राम का नाम लेना चाहता हूं, सोचता हूं कि अच्छा समय बीत जाए। बहुत थोड़ा समय मेरे पास बचा हुआ है। इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता।

 

प्रशन:- चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आपका व्यक्तिगत नजरिया क्या है ? 

उत्तर:- मेरी सोच है कि देश के प्रधानमंत्री किसानों को बुलाकर जितनी ज्यादा से ज्यादा उनकी मांगे मान सकते हैं तो मान लेनी चाहिए। मैं खुद किसान हूं मेरी रगों में किसान का खून है। मैंने हालांकि ज्यादा किसानी नहीं की। बचपन में थोड़ी बहुत मेहनत की है। फिर पढ़ाई की। लेकिन मैं किसान से बहुत प्यार करता हूं।

 

प्रशन:- हिमाचल प्रदेश में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर आपके क्या विचार हैं ?

उत्तर:- जिन्होंने भी वोट दिया वह अच्छा नहीं किया था। अपने मसले पार्टी में बैठकर सुलझाने चाहिए। पार्टी की खिलाफत करनी अच्छी बात नहीं थी। वोट खिलाफ में देना कैसे अच्छा हो सकता है। अब उन्हें बाहर निकाला गया तो वह नाराज हो रहे हैं। भला ऐसे व्यक्तियों को क्यों ना निकाला जाए।

 

प्रशन:- हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा वर्सेस त्रिमूर्ति को लेकर आपकी टिप्पणी क्या है ?

उत्तर:- कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक छत्र नेता है। हरियाणा में सबसे बड़ी कोम जाट कोम है और जाट ने राज को भोगा है। जाट एक बुद्धिमान कौम है और उन्होंने सर्वमान्य नेता हुड्डा को चुन लिया है। हरियाणा में दूसरे नंबर पर जनगणना के आधार पर हरिजन बिरादरी है और उनकी हरियाणा में सबसे बड़ी नेता कुमारी शैलजा है। उत्तर भारत में अगर कहें तो उनकी नेता मायावती है। बाकी इन सभी नेताओं के पास कोई वोट नहीं है। रणदीप सुरजेवाला खुद चुनाव हार गए। किरण चौधरी ने दुष्यंत की मां को वोट ट्रांसफर करवा कर विधायक पद पाया। जिनकी कर्म भूमि- जन्म भूमि सदा से भिवानी रही, वहां से बंसीलाल ने सदा राज किया। जहां कभी कुछ नहीं होता था। पानी तक बंसीलाल ने पहुंचाया। बहुत तरक्की करवाई। आज वहां से विधायक बनने तक के लिए उस परिवार तक को भी समझौता करना पड़ा।

 

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