सोनीपत में गुरुवार को होगी शराब ठेकों की नीलामी, पारदर्शिता बनाए रखना पुलिस के लिए चुनौती

Edited By Saurabh Pal, Updated: 24 May, 2023 03:01 PM

liquor contracts will be auctioned in sonipat on thursday

जिले में गुरूवार को शराब के ठेकों की निलामी होगी। नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गैंगेस्टरों के गुर्गे सक्रिय हो गए हैं। एसीपी क्राइम राहुल देव ने बताया कि नीलामी पूरी तरह से पारदर्शी होगी। मामले को लेकर हमारी टीम कड़ी निगरानी कर रही है...

सोनीपत (सन्नी मलिक) : जिले में गुरुवार को शराब ठेकों की नीलामी होनी है। नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गैंगस्टर और उनके गुर्गे सक्रिय हो गए हैं। जिले में आधे से ज्यादा शराब ठेकों की नीलामी को गैंगस्टर प्रभावित करा सकते हैं। उनकी सबसे ज्यादा दखल मुरथल, राई, कुंडली, मोहाना और गोहाना थाना क्षेत्र में आवंटित होने वाले शराब ठेकों पर है। ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एसटीएफ व सोनीपत पुलिस  ने कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। इसके साथ ही चार टीम गैंगस्टरों की गतिविधियों पर निगरानी कर रही हैं। नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने की पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है।  

हरियाणा में शराब ठेकों की अच्छी कमाई के चलते इनमें गैंगस्टरों की दखल रही है। ज्यादा कमाई वाले क्षेत्रों में शराब के ठेकों पर गैंगस्टरों की भागीदारी के मामले जिले में हर साल सामने आते हैं। जिले में माफिया के डर से राई कुंडली क्षेत्र में 2 साल पहले कई शराब ठेकों की नीलामी हो ही नहीं पाई थी। हालात यह हैं कि गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब ठेकों के आवंटन की ऑनलाइन बिड को भी प्रभावित करते रहे हैं। वहीं कई क्षेत्रों में शराब ठेकों के आवंटन में गैंगस्टर अपनी हिस्सेदारी रखते रहे हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए शराब ठेकों की आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी रखना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन अबकी बार जिस तरीके से एनआईए ने गैंगस्टरों को फंडिंग करने वालो पर शिकंजा कंसा है उसको देखकर लग रहा है कि इस बार शराब के ठेकों की ऑनलाइन बिड अच्छे से होगी।

आपको बता दें कि सोनीपत में शराब के कुल 74 जोन हैं। जिसमें 148 शराब के ठेके आते हैं और इन जोनों में 5 मिक्स जोन, ग्रामीण जोन 31 व शहरी जोन 38 हैं। सोनीपत आबकारी विभाग भी लगातार पुलिस के संपर्क है और आबकारी विभाग को उम्मीद है कि अबकी बार सभी ठेकों की नीलामी होगी और किसी भी गैंगस्टर व माफिया का कोई भी दखल नहीं होगा।  

गैंगस्टर शराब ठेकों की निलामी प्रक्रिया को चार प्रकार से प्रभावित करते हैं। गैंगस्टर और उनके गुर्गे बाहर होने के साथ ही जेल में बंद रहकर भी ठेकों की चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करते हैं। ऐसे में प्रत्येक पर नजर रखने के लिए एसटीएफ की टीम लगाई गई हैं। चयन प्रक्रिया की बिड ऑनलाइन होने के चलते एसटीएफ आईटी एक्सपर्ट की भी मदद ले रही है। एक- धमकी देकर: गैंगस्टर शराब के ठेके लेने वालों को धमकी दिलवाते हैं। जिससे उनकी इच्छा वाले ठेकेदार ही प्रक्रिया में भाग ले पाते हैं। इससे ठेकों की नीलामी प्रक्रिया निर्धारित राजस्व से भी काफी कम पर छूट जाती है।

दूसरा  उगाही-गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब के ठेके लेने वालों से उगाही करते हैं। मोटी धनराशि वसूलने के बाद ही उनको नीलामी में शामिल होने दिया जाता है। वहीं ठेकेदारों से उगाही की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जाता है।  तीसरा  साझेदारी: कई क्षेत्रों में गैंगस्टर और उनके गुर्गे ठेकों में साझीदार बन जाते हैं। वह बराबर के हिस्सेदार बनकर ठेकों से होने वाली आय में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं। जो ठेकेदार उनको साझीदार बनाने को तैयार नहीं होते हैं। उनको चयन प्रक्रिया से रोकने या हत्या करने जैसे कदम उठाते हैं। चौथा  स्वयं नीलामी: कई क्षेत्रों के शराब ठेकों की नीलामी गैंगस्टर और उनके गुर्गें अपने परिचितों और रिश्तेदारों को करा लेते हैं। इन ठेकों की आय गैंगस्टर की होती है। उन ठेकों की नीलामी में अन्य ठेकेदार भाग नहीं लेते हैं। 

सोनीपत एसीपी क्राइम राहुल देव ने बताया कि अबकी बार शराब के ठेकों की बोली सुचारु रूप से हो इसके लिए हम लगातार उन इलाको में नज़र बनाए हुए हैं, जहां गैंगस्टर व उनके गुर्गे सक्रिय हैं। हमारी कई टीमें इस पुरे मामले पर नज़र गड़ाए हुईं हैं। शराब ठेकेदारों से हम संपर्क कर रहे ताकि वो किसी भी बदमाश के दबाव में ना आए और बोली में कोई खलल ना डाल सकें।  

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