इंसानों की तरह कुत्तों में भी फैल रही है एड्स की बीमारी, ईलाज नही किया तो 3 दिन में हो सकती है मौत

Edited By Isha, Updated: 17 Sep, 2020 10:37 AM

like humans aids disease is spreading in dogs

एडस जैसी घातक बीमारी को इसंान को  प्रभावित करती आई है अब भारत देश के कुत्तों में एड्स की बीमारी फैल रही है अगर कुत्तों की एड्स की बीमारी का ईलाज तीन दिन तक नही होता तो उसकी मौत निश्चित है। हिसार के लाला लाजपत राय  यूनिवस्टी के लुवास के जीव विज्ञान...

हिसार(विनोद): एडस जैसी घातक बीमारी को इसंान को  प्रभावित करती आई है अब भारत देश के कुत्तों में एड्स की बीमारी फैल रही है अगर कुत्तों की एड्स की बीमारी का ईलाज तीन दिन तक नही होता तो उसकी मौत निश्चित है। हिसार के लाला लाजपत राय  यूनिवस्टी के लुवास के जीव विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने पाया कि कुत्तो में एड्स के पॉजिटीव पाएं गए।  हिसार के  लाला लाजपत राय यूनिवस्टी के परजीवी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुखदीप वोहरा व डा. साइटिस्ट डा. अनिल नेहरा ने  लंबी रिसर्च के बाद पाया गया कि एड़स एर्लिचिया नामक परजीवी से कारण होता है यह चीचड़ से खून में फैलता है जिससे यह बीमारी अपना रुप धारण कर लेती है। उन्होंने बताया कि  विश्व भर में कुत्तों की कुल संख्या 90 करोड कुत्ते है।

भारत में कुत्तों की संख्या 195 लाख
भारत में इस समय भारत में कुत्तों की संख्या 195 लाख तथा हरियाणा प्रदेश में भी करीब 19 लाख कुत्तों की सख्ंया है। वैज्ञानिकों के अनुसार विदेशी नसल के कुत्तों में एडस की बीमारी ज्यादा फैल रही है और भारत के कुत्तों में यह बीमारी ज्यादा फैल रही है। यह बीमारी चिचडी का रुप है जिससे खून में फैलती है बहुत कोमन पाई जाती है ज्यादा गर्मी होने के कारण यह बीमारी कुत्तो में देखी गई है। साऊथ अफ्रीका में यह बीमारी कुत्तों में ज्यादा है और अब अमेरिका तथा भारत मे लगातारं फैल रही है।

ये हो सकते है लक्षण
साइटिस्टों के अनुसार  भारत में हर राज्य से एडस की बीमारी की शिकायते आ रही है। यह बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है और ब्लैड में जाने के बाद कुत्ते को प्रभावित करती है अगर तीन चार दिनों तक ईलाज नही किया तो कुत्तों की मौत हो जाती है। वैज्ञानिकनों के अनुसार कुत्ते में बुखार आना,  खाना पीना कम कर देना, आखों से कम दिखना, अनियमा हो जाना है, पेट के नीचे पाव में सूजना आना, कुत्ते का वजन कम हो जाता तथा नाक से खून निकलना तथा अंडाश्य में सूजन आना कुत्तों की एडस की बीमारी के मुख्य लक्षण है। इसके बचाव के लिए डिक्सीसाइक्लीन दवाई देनी चाहिए और जो कि 21 दिन देनी चाहिए। इस बीमारी के दौरान 21 दिन में दो तीन बार पशु चिकित्सीय जांच करवानी चाहिए ऐसे में कुत्ते को बचाया जा  सकता है।

विदेशी नसल में इस तरह की बीमारी ज्यादा फैलती
साइटिस्टों के अनुसार विदेशी नसल में इस तरह की बीमारी ज्यादा फैलती है। उन्होंने बताया कि देश भर के एक हजार कुत्तों की जांच की गई थी  जिसमें पचा चला कि कुत्तों में एड्स की बीमारी बहुत ज्यादा फैल रही है इसका बचाव करना बहुत जरुरी है कुत्ते चिचड आए हुए है। 90 करोड कुत्ते पाए और भारत में 195 लाख कुत्ते पाए गए है तथा हरियाणा में 19 लाख है।  लुवास के परजीवी विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सुखदीप वोहरा और वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार नेहरा ने बताया कि  अभी तक एड्स बीमारी विदेशी कुत्तों में ही पाई जाती थी। भारत में कुत्तों में एड्स नहीं फैल रहा था।

समय पर उपचार कर बचाया जा सकता है 
रिसर्च में पाया गया है कि एर्लिचिया केेनिस नाम के परजीवी के कारण एड्स कुत्ते चपेट में ले रहा है। यह चीचड़ के कारण होता है। पाया गया है कि समय पर यदि उपचार किया जाएं तो पशु को बचाया भी जा सकता है। उन्होने बताया कि कुत्तोंं की जांच के लिए उनके खून का सैंपल लिया जाता है। सैंपल लेने के करीब आधा घंटे बाद ही रिपोर्ट आ जाती है। हालांकि बाद में पीसीआर मशीन से भी जांच की जाती है। पीसीआर मशीन से रिजल्ट आने में तीन से लेकर चार घंटे तक का समय लग जाता है। पीसीआर मशीन से होने वाली जांच के बाद ही पॉजिटीव या निगेटिव घोषित किया जाता है।

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