Edited By Nitish Jamwal, Updated: 10 Aug, 2024 06:04 PM
फतेहाबाद के अशोक नगर स्थित दाना फैक्टरी में करंट लगने से शुक्रवार को मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस द्वारा मामले में फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज भारी संख्या में मजदूर और परिजनों ने शनिवार को शहर थाना परिसर में पहुंचकर...
फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फतेहाबाद के अशोक नगर स्थित दाना फैक्टरी में करंट लगने से शुक्रवार को मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस द्वारा मामले में फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज भारी संख्या में मजदूर और परिजनों ने शनिवार को शहर थाना परिसर में पहुंचकर हंगामा किया। हंगामा करने वालों ने मामले में फैक्टरी मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस पर भी ढुलमुल कार्रवाई के आरोप जड़े गए।
जानकारी के अनुसार 34 वर्षीय सुखबीर सिंह फतेहाबाद के अशोक नगर स्थित दाना फैक्टरी में लेबर के तौर पर काम करता था। उसके भाई ने बताया कि वीरवार शाम को अचानक काम करते समय दाना बनाने का माल मशीन में फंस गया, उसे निकालने के लिए वह मशीन पर चढ़ा था कि अचानक उसे करंट का जोरदार झटका लगा। उसने बताया कि फैक्ट्री से अगली ही गली में वह काम करता है, लेकिन फैक्ट्री मालिक ने उसे सूचना तक नहीं दी और करंट लगने के बाद उसके भाई को अस्पताल ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में उसे अन्य व्यक्ति से पता चला कि उसके भाई के साथ यह घटनाक्रम हो गया है।
पहले भी आया था करंट
मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी कई बार करंट आया था और मजदूरों द्वारा फैक्टरी मालिक को इसके बारे में शिकायत दी गई थी। मगर फैक्ट्री मालिक ने कभी भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण अब उसके भाई की जान चली गई। उसने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने भी इस मामले में ढुलमुल कार्रवाई करते हुए यह बयान उनसे जबरदस्ती लिखवा लिए कि ये हादसा इत्तेफाक से हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में रखा गया है। मृतक के भाई ने कहा कि अब उसका भाई तो वापस आ नहीं सकता है। मगर भाई के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा है। एक बेटी तो मात्र एक साल की है। उनके लिए मुआवजा चाहिए ताकि वो भविष्य में अच्छे से पढ़ाई कर सकें।
मौके पर पहुंचे DSP जयपाल सिंह ने कहा कि परिजनों के द्वारा अभी पुलिस को शिकायत नहीं दी गई है। परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें उचित मुआवजा मिल जाता है, तो वह मामले में राजीनामा करेंगे। मृतक के तीन बच्चे हैं इसलिए परिजन पहले राजीनामे का प्रयास कर रहे हैं।
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