Edited By Manisha rana, Updated: 27 May, 2023 11:59 AM
जिंदगी में हर इंसान के सपने हैं और उनको पूरा करने के लिए वह मेहनत करता है। आज हम आपको मिलवा रहे है एक पर्वतारोही से जो भारत के कई पर्वतों पर चढ़ चुका है और अब उसने विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर फतेह हासिल की है।
करनाल : जिंदगी में हर इंसान के सपने हैं और उनको पूरा करने के लिए वह मेहनत करता है। आज हम आपको मिलवा रहे है एक पर्वतारोही से जो भारत के कई पर्वतों पर चढ़ चुका है और अब उसने विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर फतेह हासिल की है।
बता दें कि सुनील करनाल के ही गांव रसूलपुर का रहने वाला है और सरकारी बैंक में काम करता है। उन्होंने 2015 में अपनी जर्नी की शुरुआत की और भारत के कई अलग-अलग शिखर पर जाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी एक लय बनाई और 2021 में पर्वत सतोपन जो कि उत्तराखंड में है उस पर चढ़कर अपनी प्रैक्टिस पक्की कर ली। हालांकि बीच में पैसों की कमी से कार्यक्रम में देरी हुई लेकिन उसके बाद स्पॉन्सर मिले और सुनील ने माउंट एवरेस्ट पर जाने की सोची। उनके ग्रुप में 12 लोग है जिसमें 7 भारतीय, 4 पोलैंड और 1 यूएसए का था और इन 12 में 5 लोग ही माउंट एवरेस्ट की यात्रा पूरी करके नीचे आ पाए, जिसमें करनाल का सुनील भी शामिल है।
सुनील अपने अनुभव बताते हुए कहते हैं कि रास्ते में बहुत सारे लोगों की तबियत खराब हो जाती है। कई लोग कैंप 2 और 3 से वापिस आ जाते हैं और कैंप 4 के बाद जब एवरेस्ट की चढ़ाई के 8000 मीटर पूरे हो जाते हैं तो ऑक्सीजन पूरी खत्म हो जाती है जिसे डेथ प्वाइंट बोला जाता है, लेकिन सुनील ने हार नहीं मानी और उसने 8848 मीटर पूरा किया और माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फहराया।
वहीं सुनील का सफर यहीं नहीं रुका उन्होंने बताया कि जब माउंट एवरेस्ट से नीचे आकर कैंप 4 से एक रास्ता माउंट ल्होत्से की तरफ जाता है जो कि विश्व की 4 नंबर की सबसे ऊंची चोटी है, वहां पर जाने के लिए कदम आगे बढ़ाए और चलते गए। माउंट एवरेस्ट के टॉप से माउंट ल्होत्से के टॉप पर जाने में सुनील ने 23 घंटे का समय लिया। उनका दावा है कि हरियाणा के वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने 23 घंटे में माउंट एवरेस्ट के टॉप से माउंट ल्होत्से के टॉप को पूरा किया। सुनील का अगला टारगेट कंचनजंगा पर्वत है और वो भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि जो पर्वतारोही नेपाल में जाकर अलग-अलग माउंट की चोटियों पर जाते हैं वो भारत में भी आएं।
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