Edited By Gourav Chouhan, Updated: 16 Oct, 2022 08:36 PM
उम्मीदवार को महज खुद से सत्यापित एक शपथ-पत्र (एफिडेविट) देना होगा, जिसमें अपने से संबंधित सभी पुलिस केस की जानकारी उस शपथ पत्र में देनी होगी। इसी के आधार पर नामांकन भरा जा सकता है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में अलग-अलग पदों के लिए नामांकन कर रहे उम्मीदवारों को पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आयोग ने इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। उम्मीदवार को महज खुद से सत्यापित एक शपथ-पत्र (एफिडेविट) देना होगा, जिसमें अपने से संबंधित सभी पुलिस केस की जानकारी उस शपथ पत्र में देनी होगी। इसी के आधार पर नामांकन भरा जा सकता है।
उम्मीदवारों को मूल निवासी प्रमाण पत्र देने की नहीं है आवश्यकता
धनपत सिंह ने कहा कि पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार को मूल निवासी प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) देने की आवश्यकता नहीं है। जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, सिर्फ उसका नाम संबंधित पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद की मतदाता सूची में दर्ज होना जरूरी है। धनपत सिंह ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों से अपील की कि वे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हिदायतों पर ही विश्वास करें, अन्य अफवाहों पर ध्यान न दें।
प्रत्याशी को देना होगा सिर्फ अपने से जुड़ा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट
धनपत सिंह ने कहा कि पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, उसे सिर्फ अपने से जुड़ा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट देना होगा। उस व्यक्ति पर यदि कोई देनदारी नहीं है तो वह चुनाव लड़ सकता है। श्री धनपत सिंह ने कहा कि यह संशय बना हुआ था कि यदि परिवार के किसी सदस्य पर सहकारी बैंक, बिजली विभाग, कृषि लोन की देनदारी है तो उस परिवार का अन्य सदस्य क्या चुनाव लड़ सकता है या नहीं? आयोग ने इस संबंध में अब स्थिति को साफ कर दिया है।
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