हरियाणा : नहीं रुक रही मानव तस्करी; 2 वर्ष में दर्ज हुए 30 मामले

Edited By vinod kumar, Updated: 23 Dec, 2019 09:42 AM

human trafficking is not stopping 30 cases filed in 2 years

हरियाणा में मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। 2 वर्षों में मानव तस्करी के 30 मामले सामने आ चुके हैं। हरियाणा स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो मौजूदा साल में नवम्बर महीने तक तस्करी के 8 मामले दर्ज हुए हैं जबकि बीते साल 2018...

चंडीगढ़(अर्चना सेठी) : हरियाणा में मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। 2 वर्षों में मानव तस्करी के 30 मामले सामने आ चुके हैं। हरियाणा स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो मौजूदा साल में नवम्बर महीने तक तस्करी के 8 मामले दर्ज हुए हैं जबकि बीते साल 2018 दौरान इससे जुड़े 22 मामले रिकार्ड किए गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि तस्करी के बहुत सारे मामले न तो लोगों के सामने आ पाते हैं और न ही दर्ज हो पाते हैं। असल तस्करी का रिकार्ड 30 से कहीं ज्यादा होगा। 

हरियाणा पुलिस सूत्रों की मानें तो असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, कोलकाता जैसे राज्यों से गरीब परिवार की लड़कियों को शादी के नाम पर 50 से 60 हजार रुपए में खरीदा जाता है और उन्हे आगे दलालों को लाख-लाख रुपऐ में बेच दिया जाता है। ज्यादा मामलों में लड़कियों को घरेलू काम करवाने हेतु असम, बिहार से खरीदकर लाते हैं और उन्हें आगे दलालों को बेच दिया जाता है जो लाखों रुपए के सुरक्षा शुल्कों के नाम पर लड़कियां सिर्फ बेचते ही नहीं बल्कि महीने के रुपए भी हड़पते रहते हैं। 

छोटे बच्चों को भी रोजगार का लालच देकर दूसरे राज्यों से खरीदकर यहां पर बेच दिया जाता है। हरियाणा की ङ्क्षलगानुपात दर में अब सुधार आना शुरू हुआ है लेकिन सालों पहले यहां के लोग लड़कियों का गर्भ में ही खून कर दिया करते थे। राज्य की ङ्क्षलगानुपात दर वर्ष 2011 में 834/1000 थी और इससे पहले के सालों में यह दर इससे भी कम थी जिसकी वजह से शादी लायक युवकों को लड़कियों की कमी रहती है और वह दूसरों राज्यों से लड़कियां खरीदकर हरियाणा में लाते हैं हालांकि वह खरीददारी को शादी के खर्च का नाम देते हैं। कहा जाता है कि गरीब परिवार की लड़कियों के मां-बाप के पास बेटी की शादी के लिए पैसे नहीं होते। 

हरियाणा में मानव तस्करी से जुड़े ये रहे मामले
करनाल जिले में मौजूदा साल के अगस्त महीने में एक गांव की नाबालिग लड़की को बेचने का 
मामला सामने आया था। मामले में 5 लोग संलिप्त पाए गए थे। लड़की को शादी का झांसा देकर 70 हजार रुपए में बेच दिया गया था। परिजनों ने लड़की के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लड़की को पुलिस ने सोनीपत से 23 दिनों बाद बरामद किया था। बेचने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।  


 मौजूदा साल के जून महीने में असम की 15 साल की लड़की अपने दोस्त के साथ हरियाणा आई थी। लड़का उसे प्यार के जाल में फंसाकर शादी का लालच देकर साथ ले आया और उसके बाद लड़की को ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट को एक लाख रुपए में बेच दिया था। लड़की के साथ गैंगरेप भी हुआ और उसको आगे भी बेचा गया। लड़की को हरियाणा की एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट और असम पुलिस ने रैकेट से छुड़ाया। आरोपियों को गिरफ्तार कर लड़की को वापिस असम भेजा गया। 

 मौजूदा साल के फरवरी महीने में हरियाणा पुलिस ने भिवानी से एक महिला को लड़कियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। महिला लड़कियों को शादी का झांसा देकर बेच देती थी। काम के बहाने से वह दूसरे राज्यों से गरीब लड़कियां लेकर आती थी और आगे उन्हें बेचती रहती थी। महिला के साथ 3 लड़कियां भी पुलिस ने बरामद की थी जिन्हें उसने आगे बेचना था। 

 मौजूदा साल जनवरी के महीने में पुलिस ने भिवानी से एक लड़की को छुड़ाया था। उड़ीसा की 15 साल की एक दलित लड़की को उससे दोगुनी उम्र के व्यक्ति को बेच दिया गया था। दलाल ने उसका मोल एक लाख रुपए लगाया था। लड़कियों को मोल की बहु बनाकर बेचने का काम राज्य में सालों से चल रहा है। 3साल पहले झारखंड की 15 साल की लड़की को भी दोगुनी उम्र के व्यक्ति के साथ शादी के लिए बेच दिया गया था। लड़की को जूतों और चप्पलों से पीटा जाता था। पति व ससुर उसका बलात्कार करते थे। लड़की की बहन ने एन.जी.ओ. और पुलिस की सहायता से उसे छुड़ाया था। 

मानव तस्करी को रोकने के लिए तैयार कर रहे हैं योजना : प्रीति भारद्वाज
हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रीति भारद्बाज का कहना है कि नशे व हथियारों के बाद मानव तस्करी देश की तीसरी बड़ी तस्करी के श्रेणी में आती है। मानव तस्करी में 80 प्रतिशत मामले महिलाओं और बच्चों से जुड़े होते हैं। महिलाओं की तस्करी घरेलू कार्यों के साथ-साथ वेश्यावृत्ति के लिए की जाती है। बच्चों को भी घरों में काम के लिए खरीदा-बेचा जाता है। मानव तस्करी में 20 प्रतिशत तस्करी के मामले पुरुषों से भी जुड़े होते हैं।

उन्हें भी नौकरी दिलाने के लालच में इधर से उधर खरीदा-बेचा जाता है। मानव तस्करी सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन चुकी है। हाल ही में कङ्क्षलगा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस ने दिल्ली में एक फैलोशिप का आयोजन कर मानव तस्करी रोकने के उपायों पर मंथन किया है। फैलोशिप में देश से ही नहीं बल्कि चीन और यूरोप से भी बड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर तस्करी के खात्मे को लेकर सिफारिशें तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। 

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