होम गार्ड के जवान मांगे ‘सुरक्षित रोजगार’, ना इन्हें मिलती है फिक्स सैलरी मिलती है और ना ही दूसरी सुविधाएं

Edited By Isha, Updated: 26 Jun, 2024 05:42 PM

home guard soldiers asked for  secure employment

पुलिस बल के साथ खाखी डालकर किसी भी विपरीत परिस्थिति में डटकर खड़े रहने वाले जवान हरियाणा में अपने लिए सुरक्षित रोजगार का इंतजार कर रहे हैं। अकेले हरियाणा में  ही हजारों की संख्या होने के बावजूद इन्हें पूरी तरह से साल भर रोजगार नहीं

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  पुलिस बल के साथ खाखी डालकर किसी भी विपरीत परिस्थिति में डटकर खड़े रहने वाले जवान हरियाणा में अपने लिए सुरक्षित रोजगार का इंतजार कर रहे हैं। अकेले हरियाणा में  ही हजारों की संख्या होने के बावजूद इन्हें पूरी तरह से साल भर रोजगार नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं, इनमें तो कुछ ऐसे भी हैं, जो अपने घर पर रहकर ड्यूटी के बुलावे का इंतजार करते रहते हैं। जी हां, सही समझे आप हम बात कर रहे हैं हरियाणा के उन हजारों होमगार्ड के जवानों की, जो ड्यूटी तो पुलिस कर्मचारी की तरह से करते हैं, लेकिन उन्हें पुलिस कर्मचारियों की तरह से ना तो कोई मासिक फिक्स सैलरी मिलती है और ना ही दूसरी सुविधाएं।

‘रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा’

हरियाणा होमगार्ड एसोसिएशन के संयोजक संदीप शर्मा ने अपनी एसोसिएशन के साथियों को दुख सांझा किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा में होमगार्ड के जवानों के लिए रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा है। पुलिस बल और सैनिक के पैटर्न पर उन्हें खाखी वर्दी तो दी गई है, लेकिन रोजगार नहीं मिलता। उनकी माने तो जब भी सरकार को उनकी जरूरत होती है तो सबसे पहले होमगार्ड की ही याद आती है। उसके बाद उन्हें बुलावा भेजा जाता है। काम पूरा हो जाने के बाद सरकार की ओर से उनके बारे में पूछा भी नहीं जाता और ना ही उनके परिवार के बारे में कुछ किया जाता है। 

‘10 साल से लगा रहे गुहार’

संदीप ने बताया कि वह लगातार पिछले 10 सालों से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में होमगार्ड एक सहायक पुलिस बल के रूप में काम करता है। पूरे देश में होमगार्ड का संगठन है। हर विपरीत परिस्थिति में होमगार्ड का बल पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना देता है, लेकिन उसके बावजूद उन्हें स्थाई रूप से रोजगार नहीं मिल पाता।

 

‘हजारों जवानों को बुलावे का इंतजार’

हरियाणा होमगार्ड एसोसिएशन के संयोजक ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से उनका प्रतिदिन का ड्यूटी भत्ता 738 रुपए तय किया गया है। इसमें उनका ड्यूटी स्थल तक का किराया भत्ता और खाना भी शामिल है। इसके बाद भी उन्हें साल में पूरे 12 महीने कभी भी काम नहीं मिलता। केवल जरूरत के समय ही इन्हें बुलाया जाता है। संदीप ने बताया कि हरियाणा में होमगार्ड के 14025 पद स्वीकृत है। इनमें मौजूदा समय में 12 हजार पद ही भरे हुए है। इसमें से केवल 9 हजार ही वर्किंग हैं, जबकि शेष 3 हजार घर पर ही रहकर ड्यूटी के लिए बुलावे का इंतजार करते हैं। उन्होंने सरकार से होमगार्ड के जवानों को भी साल भर काम और एक तय मानदेय देने की मांग की है।

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