अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट का काम शुरु, अब गर्भवती महिलाओं को नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली

Edited By Isha, Updated: 14 Jan, 2020 11:35 AM

high dependency unit work started in hospital pregnant women not go to delhi

बीके अस्पताल में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के उपचार का रास्ता जल्द ही साफ हो सकता है। सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी 2020 में अस्पताल में हाई रिस्क डिपेंडेंसी यूनिट का काम पूरा हो सकता.....

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : बीके अस्पताल में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के उपचार का रास्ता जल्द ही साफ हो सकता है। सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी 2020 में अस्पताल में हाई रिस्क डिपेंडेंसी यूनिट का काम पूरा हो सकता है। वर्तमान में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को दिल्ली के सफ दरजंग अस्पताल में रेफर किया जाता है। कई बार हाई रिस्क प्रसूताओं को आईसीयू सुविधा नहीं मिल पाने और दिल्ली सफदरजंग पहुंचने में देरी होने से रास्ते में ही मौत हो जाती है।

यदि बीके अस्पताल में एचडीयू की सुविधा मिलेगी तो महिलाओं की मौत की संभावना खत्म हो जाएगी। सूत्रों की माने तो अस्पताल में 8 बेडेड एचडीयू बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग करीब 13 लाख रुपए खर्च करेगा। बीके अस्पताल प्रबंधन ने निर्माण कार्य के लिए उक्त राशि पीडब्ल्युडी को दिया है। अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है एचडीयू के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करते हुए टेंडर जारी कर दिया गया है।

कार्य को इसी हफ्ते से शुरू कर दिया जाएगा और फ रवरी तक इसको पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा। इसके बाद से अस्पताल में पहुंचने वाली हाई रिस्क प्रेग्नेंसी महिलाओं का भी बीके में उपचार किया जाएगा। इससे जिले की 23 लाख आबादी संग पलवल और मेवात के लोगों भी फायदा होगा। गंभीर हालत में इन जिलों के मरीजों को भी बीके अस्पताल रेफर किया जाता है।अधिकािरयों के अनुसार एचडीयू लेबर रूम के बगल में बनाया जाएगा। इसके लिए जगह चिन्हित कर लिया गया है। इसमें 8 बेड होंगे। यहां आईसीयू से लेकर हर प्रकार की आधुनिक सुविधा होगी।

ऑक्सीजन से लेकर हाईटेक तरीके से ऑपरेशन करने की भी व्यवस्था होगी। यहां पहुंचने वाले हाई रिस्क प्रेग्नेंसी केस को हैंडल करने के लिए 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध होंगे। अधिकारी बताते हैं, जब एचडीयू बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय से इसके लिए कर्मचारियों की मांग की जाएगी। यह आईसीयू की तरह होगा। इसमें अति आधुिनक उपकरण होंगे। यह ईमरजेंसी की तरह 24 घंटे चलेगा। 

यह है हाई रिस्क प्रसूताएं : पीएमओ डॉ सविता यादव के अनुसार अगर किसी गर्भवती महिला को खून की कमीं है। ब्लड प्रेशर की समस्या है या वह डायबिटिक (मधुमेह) से पीड़ित हैए इसके अलावा पूर्व में ऑपरेशन से डिलीवरी हो चुकी है तो ऐसी महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) की श्रेणी में रखा जाता है। इसलिए ऐसे महिलाओं को गर्भावस्था में काफ ी सावधानी बरतनी होती है।

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