Edited By Isha, Updated: 28 Jan, 2021 12:27 PM

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सेना की रोड ओपनिंग पार्टी पर आतंकियों द्वारा आईईडी से किए गए हमले में शहीद हुआ जवान दीपक कुमार जिला के गांव जुड्डी (कोसली) का रहने वाला था। जैसे ही यह दुखद समाचार परिजनों को मिला तो वहां कोहराम मच गया।
रेवाड़ी (मेहेन्द्र): दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सेना की रोड ओपनिंग पार्टी पर आतंकियों द्वारा आईईडी से किए गए हमले में शहीद हुआ जवान दीपक कुमार जिला के गांव जुड्डी (कोसली) का रहने वाला था। जैसे ही यह दुखद समाचार परिजनों को मिला तो वहां कोहराम मच गया। पत्नी व माता सहित पूरे परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए लोग निरंतर आ रहे हैं। 37 वर्षीय दीपक वर्ष 2005 में सेना में भर्ती हुआ था और इस समय आरआर बटालियन 24 में कार्यरत होते हुए कुलगाम जिले में ड्यूटी लगी हुई थी। आतंकियों ने घात लगाकर रोड ओपनिंग पार्टी पर निशाना लगाया जिसमें तीन जवान घायल हो गए और दीपक शहीद हो गया।
विवाहित दीपक अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उनके पिता कृष्ण कुमार का आर्मी से सेवानिवृत होने के बाद देहांत हो चुका है। गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह ने कहा कि दीपक की शहादत से पूरा गांव सदमे में हैं। उनकी शहादत की सूचना परिजनों को कल दोपहर को ही मिली थी। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार की दोपहर तक गांव पहुंचने की उम्मीद है। सरपंच ने बताया कि दीपक की शहादत पर पूरे गांव को गर्व है दीपक बहुत मेहनती और होनहार था। परिजनों को ब्रिगेडियर ने जानकारी देते हुए बताया कि आज दोपहर कश्मीर से फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना होगी लेकिन उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव में कल दोपहर बाद तक पहुंच पाएगा।
दीपक के चचेरे भाई अनिल ने बताया कि गांव के राजकीय स्कूल में प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बाद वह निजी स्कूल में पढ़े और उसके बाद सेना में भर्ती हुए। उन्होंने बताया कि दीपक बड़ा ही मिलनसार था जब छुट्टी आता था तो गांव में सभी से मिलकर जाता था। दीपक की शहादत पर पूरे गांव को गर्व है दीपक बहुत ही होनहार था।