Edited By Deepak Kumar, Updated: 26 Dec, 2024 03:05 PM
नायब सैनी की सरकार ने निजी ब्लड बैंकों को खुली छूट दे दी है। जारी किए आदेश में निजी ब्लड बैंकों के लिए रक्तदान शिविर लगाने के लिए सीएमओ से मंजूरी लेने की शर्त को हटा दी है।
हरियाणा डेस्कः नायब सैनी की सरकार ने निजी ब्लड बैंकों को खुली छूट दे दी है। ये फैसला राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य औषधि सलाहकार बोर्ड की बैठक में लिया। जारी किए आदेश में निजी ब्लड बैंकों के लिए रक्तदान शिविर लगाने के लिए सीएमओ से मंजूरी लेने की शर्त को हटा दी है। हालांकि शिविर के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होगा।
सरकार की ओर से जारी लेटर
निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूशन काउंसिल की ओर से सभी सीएमओ को जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के निजी लाइसेंस धारक ब्लड बैंक को रक्तदान शिविर लगाने के लिए सीएमओ को अग्रीम अनुमति की जरूरत नहीं है। केवल संबंधित सीएमओ को ब्लड कैंप के बारे में जानकारी देनी होगी। जबकि पहले निजी ब्लड बैंकों को 15 दिन पहले सीएमओ को पत्र लिखकर इसकी अनुमति लेनी होती थी। इस दौरान बकाया संबंधित ब्लड बैंक को अपनी क्षमता, उपकरणों और स्टाफ की जानकारी देनी होती थी। पत्र में ये भी कहा गया है कि इन ब्लड कैंपों में से एकत्रित होने वाले खून का 10 से 30 प्रतिशत अगर जरूरत होगी तो सरकारी ब्लड बैंक को देना होगा। हरियाणा में बाहर से आकर शिविर लगाने वाले अन्य राज्यों के ब्लड बैंकों को पुराने नियमों के तहत पहले की तरह पूर्व अनुमति लेनी होगी। इस आदेश से राज्य में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सरकार के फैसले पर इन संस्थाओं ने मोर्चा खोला
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस फैसले का मकसद रक्तदान को बढ़ावा देना और सरकारी ब्लड बैंकों में पर्याप्त रक्त यूनिट सुनिश्चित करना है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के इस फैसले के खिलाफ सामाजिक और सरकारी संस्थाओं ने मोर्चा खोल दिया है। फैसले को वापसी की मांग की है।
हरियाणा में 42 सरकारी और 104 निजी ब्लड बैंक केंद्र
हरियाणा में 42 सरकारी और 104 निजी ब्लड बैंक केंद्र हैं। सालाना हरियाणा में औसतन साढ़े 5 लाख यूनिट ब्लड रक्तदान शिविरों में एकत्र किया जाता है। इनमें से 3.46 लाख यूनिट रेडक्रास के माध्यम से एकत्र होता है, जबकि अन्य निजी केंद्रों द्वारा एकत्र होता है।