Edited By Isha, Updated: 22 May, 2020 01:31 PM
हरियाणा कृषि विभाग टिड्डी दल को देखते हुए सर्तक हो गई है। राजस्थान से साथ लगते जिलों में टिड्डी दल हमले को देखते हुए कृषि विभाग ने सर्तकता को लेकर किसानों में इसके प्रति जागरुक करने करने का काम शुरु किया है। जिला में
हिसार(विनोद)- हरियाणा कृषि विभाग टिड्डी दल को देखते हुए सर्तक हो गई है। राजस्थान से साथ लगते जिलों में टिड्डी दल हमले को देखते हुए कृषि विभाग ने सर्तकता को लेकर किसानों में इसके प्रति जागरुक करने करने का काम शुरु किया है। जिला में टिड्डी के आने के खतरे को देखते हुए कृषि विभाग ने विभाग के सभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर गांव में किसानों को जागरूक करने के लिए कहा है। कृषि विभाग ने डॉ. अरूण कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। हिसार के कृषि विभाग के अनुसार अगर टिड्डी दल आ जाता है। तो किसान डीजे, थाली ढोल पीपे बजा कर उन्हें उडाने का काम करे।
डिप्टी डारेक्टर विनोद कुमार फोगाट ने बताया कि टिड्डी झुंड के रूप में चलता है तथा मादा टिड्डी नरम मिट्टी में छेद करके 5 से 15 सेंटीमीटर गहरी उचित नमी में 60 से 80 अंडे देती है। अंडे चावल के दाने के समान 7 से 9 मी.मी. लंबे तथा पीले रंग के होते हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डी के उडऩे की क्षमता 13 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। तथा इसका झुण्ड 200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। टिड्डी दल रात को झाडिय़ों एवं पेड़ों पर विश्राम करती है। तथा सुबह उडऩा प्रारंभ करती है। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल दिखाई देने पर डीजे, थाली, ढोल एवं खाली पीपे इत्यादि बजाकर जितना संभव हो सके बैठने से रोकें।