कैथल में किसानों के धरने पर पहुंचे चढूनी, बोले- सरकार ने बैठक में शामिल होने के लिए नहीं भेजा निमंत्रण

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 22 Jan, 2023 07:27 PM

gurnam singh chadhuni reached farmers  protest in kaithal

चढूनी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने चहेतों को बुलाकर मीटिंग करने के बाद गोलमोल फैसला कर कह देंगे कि किसानों ने हमारी बात मान ली है और आंदोलन को खत्म किया जाए।

कैथल(जयपाल) : शुगर मिल में किसानों की तालाबंदी का आज तीसरा दिन है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी आज कैथल में किसानों से मिलने पहुंचे और 23 जनवरी को कुरुक्षेत्र में होने वाले किसानों की बैठक के बारे में राय मशवरा किया। पत्रकारों को जानकारी देते हुए चढूनी ने बताया कि किसानों के साथ होने वाली मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें कोई निमंत्रण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि हम किसानों के गन्ने के भाव बढ़वाने की बात करेंगे। इसलिए सरकार ने उन्हें मीटिंग में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया है। चढूनी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने चहेतों को बुलाकर मीटिंग करने के बाद गोलमोल फैसला कर कह देंगे कि किसानों ने हमारी बात मान ली है और आंदोलन को खत्म किया जाए।

 

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गन्ने के दाम को लेकर मुख्यमंत्री के बयान कि दिया जवाब

 

गन्ने के दाम न बढ़ाने के पीछे चीनी के काम दामों की दुहाई देने पर चढूनी ने मुख्यमंत्री के बयान पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गन्ने से केवल चीनी ही नहीं बनती है, बल्कि गन्ने का इस्तेमाल कर इथेनॉल और बिजली भी पैदा की जाती है। उन्होंने कहा कि गन्ने से महंगी तो गन्ने की खोई बिक जाती है। किसान नेता ने कहा कि चीनी के दामों को नियंत्रण में रखना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है क्योंकि चीनी की बिक्री 65% कमर्शियल यूज में जाती है।

 

गोहाना में अमित शाह की रैली को लेकर किसानों की रणनीति पर बोले चढूनी

 

वहीं अक्सर राजनीति बदलने का बयान देने वाले गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि राजनीति करना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति में किसानों की एंट्री से सिर्फ उन लोगों को हैं जिन्हें सत्ता छिनने का डर है। उन्होंने बिना नाम लिए कुछ संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद को अराजनीतिक कहते हैं और फिर जाकर नेताओं के ही तलवे चाटते हैं। गोहाना में 29 जनवरी को होने वाली अमित शाह की रैली को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी के बयानों से टकराव की स्थिति बनने की आशंका पर किसान नेता ने कहा कि किसानों ने पहले कई टकराव झेले हैं। उन्होंने कहा कि किसान मरने से नहीं डरते, परंतु फिलहाल सरकार के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही किसान बीजेपी की गोहाना रैली में विरोध करने को लेकर अंतिम फैसला लेंगे।

 

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