Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 20 Jun, 2024 04:27 PM
सोहना क्षेत्र को अलग पहचान देने वाली दमदमा झील इन दिनों सूखने के कगार पर पहुंच गई है। गुड़गांव जिले का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र होने के बावजूद भी अधिकारी इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): सोहना क्षेत्र को अलग पहचान देने वाली दमदमा झील इन दिनों सूखने के कगार पर पहुंच गई है। गुड़गांव जिले का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र होने के बावजूद भी अधिकारी इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हालात यह है कि यहां न केवल टूरिज्म समाप्त हो रहा है बल्कि इस झील के कारण वन्य जीव भी प्रभावित हो रहे हैं। इसके साथ ही यहां पर्यटकों का आना भी कम हो गया है। यह बात सेक्टर-67 स्थित अंसल एसेंसिया सोसाइटी आरडब्ल्यूए के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र तंवर ने कही।
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धर्मेंद्र तंवर ने बताया कि एक समय में दमदमा झील को निहारने और इसकी खूबसूरती का आनंद लेने के लिए लोग दूर-दूर से इसकी तरफ खिंचे चले आते थे, लेकिन रेगिस्तानीकरण और भूजल की कमी के कारण यह झील सूखने की कगार पर पहुंच गई है। झील में अब कुछ फीट पानी ही बचा है। पहले बरसात के समय में यह झील पानी से पूरी तरह से लबालब हो जाती थी और पूरे वर्ष भर इस झील में पर्याप्त मात्रा में पानी रहता था, लेकिन दक्षिण हरियाणा में जिस तरह से भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है उसका असर सीधे तौर पर इस झील पर भी पड़ रहा है। हैरत की बात यह है कि प्रशासन हर साल मानसून के दौरान होने वाली बरसात के पानी को बाहर निकालने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है ताकि जल भराव को रोका जा सके। इसके साथ ही करोड़ों रुपए खर्च कर तालाबों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है, लेकिन दमदमा झील की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। दमदमा झील में एक बार में ही कई लाख लीटर पानी को स्टोर किया जा सकता है।
आपको बता दें कि दमदमा झील के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार के लिए पहले कई योजनाएं बनाई गई थी, लेकिन इन योजनाओं को ठप कर दिया गया जिसके कारण आज दमदमा झील का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। धर्मेंद्र तंवर ने कहा कि हरियाणा सरकार को दमदमा झील से गाद निकालने, तटबंधों को हटाने का कार्य जल्द से जल्द शुरू करे ताकि फलती-फूलती इस जल निकाय को रिचार्ज करने के लिए पानी मिल सके। दमदमा झील को बचाने के लिए सभी विशेषज्ञों की मदद लें। हमारा भविष्य इसी पर निर्भर करता है।
आपको बता दें कि दमदमा झील के सूखने के कारण कई लोगों का रोजगार भी खत्म होता जा रहा है। इसमें नौकायान कराने वालों सहित आसपास दुकाने लगाने वालों का रोजगार भी खतरे में आ गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस ओर ध्यान देकर गुड़गांव के इस पर्यटन स्थल को पुर्नजीवित करने के लिए ठोस कदम उठाए।