लापता व्यक्तियों से संबंधित मामलों की जांच के लिए हरियाणा सरकार ने तैयार की SOP: विज

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 11 Nov, 2022 09:35 PM

government has prepared sop to investigate cases of missing persons

इस एसओपी के तहत यदि 4 माह के भीतर जिला पुलिस द्वारा गुमशुदा बच्चों का पता नहीं लगाया जाता है, तो राज्य अपराध शाखा में गुमशुदा व्यक्तियों से संबंधित मामलों को अपने हाथ में ले लिया जाता है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने लापता व्यक्तियों से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के तहत यदि 4 माह के भीतर जिला पुलिस द्वारा गुमशुदा बच्चों का पता नहीं लगाया जाता है, तो राज्य अपराध शाखा में गुमशुदा व्यक्तियों से संबंधित मामलों को अपने हाथ में ले लिया जाता है और लापता व्यक्तियों को ढूंढने के लिए कार्यवाही में तेजी लाई जाती है।

 

लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए सीसीटीएनएस में डाटा भरने के दिए निर्देश- विज

 

विज ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पुलिस विभाग और बाल कल्याण समितियों द्वारा ढूंढे गए लापता व्यक्तियों हेतु क्राइम एवं क्रिमिनल टैªकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में इंटीग्रेटिड इस्वैस्टीकेट फार्म (आईआईएफ-9) को भरने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाए ताकि लापता व्यक्तियों के लिए बने सीसीटीएनएस के आईआईएफ 8 के साथ इन आंकड़ों का मिलान किया जा सकें। इन दोनों के मिलान से लापता व्यक्तियों का पता लगाने में सहयोग मिलेगा और पाए गए व्यक्तियों और बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया जा सकेगा।

 

विज ने कहा कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों तथा जिला पुलिस द्वारा वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्टूबर, 2022 तक कुल 39830 गुम हुए बालकों व व्यक्तियों को रिकवर करने और बाल भिक्षुकों तथा बाल श्रमिकों का बचाव करने की उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों द्वारा वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्टूबर, 2022 तक कुल 11353 गुम हुए बालकों व व्यक्तियों को रिकवर करने और बाल भिक्षुकों तथा बाल श्रमिकों का बचाव करने की उपलब्धि हासिल की है। इसी प्रकार, जिला पुलिस द्वारा कुल 28477 गुम हुए बालकों व व्यक्तियों को रिकवर करने और बाल भिक्षुकों तथा बाल श्रमिकों का बचाव करने की उपलब्धि हासिल की है।

 

मानव तस्करी रोधी इकाइयों द्वारा वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्टूबर, 2022 तक 18 साल से ऊपर के गुम हुए 650 पुरुषों तथा 884 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 836 लड़के और 651 लड़कियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्तूबर, 2022 तक बाल भिक्षुकों में 2653 लडकें और 1256 लडकियों और बाल श्रमिकों में 4144 लड़के तथा 279 लड़कियों को  बचाया गया। श्री विज ने बताया कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों द्वारा वर्ष 2020 में 18 साल से ऊपर के गुम हुए 5 पुरूषों तथा 22 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 204 लड़के और 100 लड़कियों को रिकवर किया गया।

 

इसी प्रकार, वर्ष 2020 में बाल भिक्षुकों में 858 लडकें और 366 लडकियों और बाल श्रमिकों में 978 लड़के तथा 110 लड़कियों को  बचाया गया। इसी तरह, मानव तस्करी रोधी इकाइयों द्वारा वर्ष 2021 में 18 साल से ऊपर के गुम हुए 377 पुरुषों तथा 546 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 374 लड़कें और 348 लड़कियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, वर्ष 2021 में बाल भिक्षुकों में 1247 लड़कें और 651 लड़कियों और बाल श्रमिकों में 1970 लड़कें तथा 122 लड़कियों को बचाया गया। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों द्वारा 31 अक्टूबर, 2022 तक 18 साल से ऊपर के गुम हुए 268 पुरूषों तथा 316 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 258 लड़के और 203 लड़कियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, 31 अक्तूबर, 2022 तक बाल भिक्षुकों में 548 लडकें और 239 लडकियों और बाल श्रमिकों में 1196 लड़के तथा 47 लड़कियों को बचाया गया।

 

उन्होंने बताया कि जिला पुलिस द्वारा वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्टूबर, 2022 तक 18 साल से ऊपर के गुम हुए 7379 पुरूषों तथा 14989 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 2365 लड़के और 3478 लड़कियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्तूबर, 2022 तक बाल भिक्षुकों में 46 लडकें और 14 लडकियों और बाल श्रमिकों में 194 लड़के तथा 12 लड़कियों को बचाया गया।

 

ऐसे ही, वर्ष 2020 में 18 साल से ऊपर के गुम हुए 2030 पुरुषों तथा 4576 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 595 लडकें और 894 लडकियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, वर्ष 2020 में बाल भिक्षुकों में 21 लडकें और 12 लडकियों और बाल श्रमिकों में 82 लडकें तथा 12 लडकियों को बचाया गया। इसी तरह, वर्ष 2021 में 18 साल से ऊपर के गुम हुए 2594 पुरूषों तथा 5391 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 854 लडकें और 1406 लडकियांे को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, वर्ष 2021 में बाल भिक्षुकों में 25 लडकें और 02 लडकियांे और बाल श्रमिकों में 71 लडकों को बचाया गया। इसी प्रकार, 31 अक्तूबर, 2022 तक 18 साल से ऊपर के गुम हुए 2755 पुरूषों तथा 5022 महिलाओं, 18 साल से नीचे के गुम हुए बालकों में 916 लडकें और 1178 लडकियों को रिकवर किया गया। इसी प्रकार, 31 अक्तूबर, 2022 तक बाल श्रमिकों में 41 लडकों को बचाया गया।

 

मानव तस्करी को रोकने के लिए उठाए विशेष कदम- विज

 

उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए मानव तस्करी एक बुराई है और मानव (विशेषकर महिलाओं और बच्चों) को वेश्यावृत्ति, घरेलू कामगारों, भीख मांगने, जबरन विवाह और जबरन श्रम के उद्देश्य से तस्करी की जा रही है। उन्होंने ऐसे घिनोने कार्य में संलिप्त लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे इस कार्य को छोड दें अन्यथा हरियाणा को छोड दें वरना उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

 

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