मैदान में आमने सामने उतरे चार ताकतवर नेता, हॉट सीट बनी टोहाना विधानसभा

Edited By Shivam, Updated: 08 Oct, 2019 10:43 PM

four powerful leaders face to face in assembly election on tohana seat

हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रत्येक दल एक दूसरे को टक्कर देने के लिए अपने चुने हुए खिलाडिय़ों को मैदान में उतार दिया है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में फतेहाबाद जिले में पडऩे वाली टोहाना विधानसभा सीट इस बार हॉट...

टोहाना (सुशील सिंगला): हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रत्येक दल एक दूसरे को टक्कर देने के लिए अपने चुने हुए खिलाडिय़ों को मैदान में उतार दिया है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में फतेहाबाद जिले में पडऩे वाली टोहाना विधानसभा सीट इस बार हॉट सीट बन गई है, क्योंकि इस सीट पर एक साथ चार दलों के प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, जो अपने आप में बड़ा रसूख रखते हैं। हालांकि यह तो जनता तय करेगी कि इस सीट का ताज किसके सिर चढ़ता है, लेकिन परिणाम आने तक यहां कांटे की टक्कर होने वाली है। आईए जानते हैं इन चार टक्करदार प्रत्याशियों के बारे में- 

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला का नेतृत्व मजबूत
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला टोहाना विधानसभा से चौथी बार चुनाव लड़ रहे है। बराला वर्ष 2004 व 2009 में टोहाना से दो बार विधानसभा चुनाव हारे थे। 2014 में मोदी लहर व डेरा समर्थकों के सहयोग से बराला विधानसभा में पहुंचे तथा पार्टी ने उन्हे प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद पर आने के बाद बराला के नेतृत्व में भाजपा ने पंचायती राज, नगर निगम, जींद उपचुनाव व लोकसभा की दस की दस सीट जीतने का काम किया। बराला वर्ष 2019 में अब विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी हैं। बराला को वर्ष 2014 में हुए मतदान में कुल मतदान के 28.6 प्रतिशत मत मिले थे।

2014 में आजाद प्रत्याशी देवेन्द्र बबली अब जजपा के पाले में दिखाएंगे दम
जजपा नेता देवेंद्र सिंह बबली ने वर्ष 2014 में आजाद प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा का चुनाव लड़ा, जिसमें वे लगभग 38 हजार वोट लेकर चुनाव में तीसरें नंबर पर रहे। चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर से नजदीकी के चलते बबली कंाग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में गुटबाजी का नुकसान के चलते तंवर की कुर्सी चली गई तथा बबली की कांग्रेस की टिकट भी गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद देवेंद्र सिंह बबली ने कांग्रेस का दामन छोड़कर जजपा का दामन थाम लिया। इस बार देवेंद्र सिंह बबली जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इनेलो की तरफ से चुनाव लड़कर दूसरे नंबर पर रहे निशान सिंह भी इनका साथ दे रहे हैं, जो जजपा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। 2014 में चुनाव में देवेंद्र सिंह बबली को 22.1 प्रतिशत मत मिले थे, इनेलो प्रत्याशी निशान सिंह 24.6 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर थे।

दूसरे नंबर पर रहने वाली इनेलो ने पार्षद राजपाल सैनी को दिया टिकट
इनेलो ने इस बार अपने प्रत्याशी के रूप में शहर के वार्ड़ नंबर तीन से पार्षद राजपाल सैनी को टिकट दिया है। राजपाल सैनी शहर के तीन नंबर वार्ड से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर नगर परिषद में पहुंच रहे हैं। शहर व वार्ड की जनता से मिले प्यार के चलते इनेलों ने राजपाल सैनी को दावेदार बनाया तथा इनेलो सुप्रीमों के दोहते कुणाल करण सिंह राजपाल सैनी का सहयोग कर रहे हैं। राजपाल सैनी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्व कृषि मंत्री रह चुके परमवीर सिंह को कांग्रेस का टिकट
कांग्रेस की टिकट पर जीतकर कृषि मंत्री व सीपीएस जैसे पदों पर रहने वाले परमवीर सिंह को कांग्रेस ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। परमवीर सिंह के परिवार का टोहाना की सीट पर दबदबा रहा है, जिसके चलते अब तक हुए 13 बार चुनावों में से 8 बार इनके परिवार का दबदबा रहा है। परमवीर सिंह को पिछले बार हुए चुनावा में 19.1 प्रतिशत मत मिले थे, जिसके बाद वे कृषि मंत्री होते भी चौथे नंबर पर रहे थे। परमवीर सिंह ने वर्ष 2005 व 2009 में चुनाव जीता था, लेकिन तीसरी बार वे 2014 के चुनाव में मोदी लहर में चुनाव हार गए थे।

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