Edited By Isha, Updated: 17 Aug, 2019 01:25 PM
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय 17 अगस्त को वीडियो काफ्रैंस के माध्यम से न्यायालय में मुकद्दमे की उपस्थिति को समाप्त करने व मामले को आनलाइन निपटाने के लिए फरीदाबाद में पहला वर्चुअल कोर्ट शुरू करेगा। एक प्रवक्ता ने बताया
चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय 17 अगस्त को वीडियो काफ्रैंस के माध्यम से न्यायालय में मुकद्दमे की उपस्थिति को समाप्त करने व मामले को आनलाइन निपटाने के लिए फरीदाबाद में पहला वर्चुअल कोर्ट शुरू करेगा। एक प्रवक्ता ने बताया कि यह वर्चुअल कोर्ट पूरे हरियाणा के ट्रैफिक चालान के मामलों को निपटाएगा। यह परियोजना भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के मार्गदर्शन में शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत, वर्चुअल कोर्ट में प्राप्त मामलों को स्क्रीन पर जुर्माना की स्वचालित गणना के साथ न्यायाधीश द्वारा देखा जा सकता है।
एक बार समन सृजित होने और आरोपी को ई-मेल या एस.एम.एस. पर जानकारी मिल जाने के बाद आरोपी वर्चुअल कोर्ट की वैबसाइट पर जा सकते हैं और संबंधित मामले का सी.एन.आर. नंबर या अभियुक्त का नाम या यहां तक कि ड्राइविंग लाइसैंस नंबर इत्यादि देकर केस सर्च कर सकते हैं। यदि आरोपी आनलाइन दोषी है तो जुर्माना राशि प्रदर्शित होगी और आरोपी जुर्माना अदा करने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। सफल भुगतान और जुर्माना राशि की वसूली पर मामला स्वत: ही निपट जाएगा। उन्होंने बताया कि जब अभियुक्त दोषी नहीं मानता है तो ऐसे मामलों को संबंधित न्यायालयों के साथ नियमित न्यायालयों को भेज दिया जाता है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति कृष्णा मुरारी ने न्याय वितरण प्रणाली में सभी हितधारकों के लाभ के लिए परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए उत्सुकता दिखाई है। कम्प्यूटर समिति के अध्यक्ष न्यायामूर्ति डा. रवि रंजन पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ द्वारा 2000 से अधिक जुर्माना राशि पर एम.डी.आर. शुल्क माफ करने पर प्रभावित हुए हैं। वर्चुअल कोर्ट नियमित अदालतों पर बोझ कम करेगा। निपटान की पूरी प्रक्रिया घंटों में आनलाइन होगी। न्यायालयों में लोगों का आना काफी कम हो जाएगा क्योंकि अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए अदालत में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।