Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 20 Dec, 2025 10:00 PM

जिले के विभिन्न सामाजिक संगठन व एनजीओ द्वारा शनिवार को प्रदेश सरकार के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर के आवास के सामने शांति पूर्वक प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों व एनजीओ के दर्जनों महिला व पुरुष शामिल रहे।
गुड़गांव,(ब्यूरो): जिले के विभिन्न सामाजिक संगठन व एनजीओ द्वारा शनिवार को प्रदेश सरकार के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर के आवास के सामने शांति पूर्वक प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों व एनजीओ के दर्जनों महिला व पुरुष शामिल रहे।
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अरावली बचाओ बैनर तले शामिल सदस्यों ने अरावली पर्वतमाला गलत व्याख्या व भविष्य में उसके कार्मशियल गतिविधियों को लेकर चिंता प्रकट की। हालांकि इस अवसर पर किसी तरह की नारेबाजी नहीं किया गया। बेहद शांतिपूर्ण तरीके से किए गए इस प्रदर्शन का उद्देश्य अरावली के प्रति चिंता प्रकट करना था। पर्यावरणविद व एक्टिविस्ट वैशाली चन्द्रा राणा ने कहा अरावली केवल जंगल नहीं यह हमारी सांसों का मुख्य स्रोत है। उन्होंने कहा कि अरावली का क्षेत्र एक लाख हेक्टेयर में फैला हुआ है। महाभारत काल से जुड़ी इस अरावली को नष्ट होने से बचाने के लिए ही वह आज यहां प्रदर्शन करने के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा अरावली पर्वत श्रृंखलाओं का महत्व केवल पर्यावरण व वन क्षेत्र के लिए उपयोगी नहीं बल्कि यह आम जनमानस के सांसों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया हर फैसला जनहित के दायरे में नहीं आता। ऐसे में सरकार को जनहित के उद्देश्यों को नकार व्यावसायिक व औद्योगिक फैसले लेना प्रदेश की जनता विश्वास पर कुठाराघात है। देर तक चल इस प्रदर्शन के बाद अरावली बचाओ समूह शांति पूर्वक वापस लौट गया। बताया गया है कि विधानसभा का सत्र चलने की वजह से पर्यावरण मंत्री अपने आवास पर नहीं थे। बता दें कि अरावली पर आए हाल के फैसलों को विभिन्न संगठन व पर्यावरण विशेषज्ञों की ओर से लगातार चिंता जताई रही है। इसे लेकर बड़ी संख्या में मार्च व शांति प्रदर्शन भी किए जा रहे है।