Edited By Manisha rana, Updated: 24 Apr, 2025 03:31 PM

पैसे की जरूरत किस कदर जरूरतमंद व्यक्ति को किसी के आगे लाचार बना देती है। इसका जीता जागता उदाहरण यमुनानगर के जगाधरी में देखने को मिला।
यमुनानगर (परवेज खान) : पैसे की जरूरत किस कदर जरूरतमंद व्यक्ति को किसी के आगे लाचार बना देती है। इसका जीता जागता उदाहरण यमुनानगर के जगाधरी में देखने को मिला। यहां रवि प्रकाश नामक एक वृद्ध को 5 लाख रुपए की जरूरत थी। वृद्ध तहसील में रजिस्ट्री करवाने का काम करता है। उसके थ्रु रवि प्रकाश एक फाइनेंसर के पास पहुंचा। रवि प्रकाश ने 5 लाख रुपए लेने की जगह फाइनेंसर को अपने एक प्लॉट का बयाना करवाने की बात कह दी, जिस पर फाइनेंसर और नवीस ने मिलकर रवि प्रकाश के प्लॉट का पक्का बयाना करने की जगह उसके प्लॉट की रजिस्ट्री ही करवा दी।
हालांकि इस बात से बेखबर रवि प्रकाश को तब भी कुछ पता नहीं चला। फाइनेंसर ने उनके खाते में 5 लाख की जगह 10 लाख रुपए डाल दिए। रवि प्रकाश ने जब अपने परिचित अर्जी नवीस से 10 लाख रुपए की बात कही तो उसने रवि प्रकाश से 5 लाख रुपए अपने खाते में डालने की बात कह दी और कहा कि यह उसने फाइनेंसर से लिए हैं, जो फाइनेंसर ने उसके खाते में डाल दिए। रवि प्रकाश ने 5 लाख उसके खाते में डाल दिए और बयाना के कागज को अपने घर ले आया लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद जब रवि ने प्लॉट को बेचने का मन बनाया तो तब उसके पांव तले से जमीन निकल गई जब उसे पता चला कि फाइनेंसर ने तो उसका 235 गज का प्लॉट अपने नाम करवा लिया है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अब रवि प्रकाश दर-दर की ठोकरे खा रहा है और प्लाट पर कंटीली तारे लगाकर वह बोर्ड लगाकर बैठ गया है कि यह प्लांट धोखे से फाइनेंसर ने अपने नाम कर लिया है। इस पूरे मामले की जांच अब इलाके के डीएसपी कर रहे हैं अब जांच में निकाल कर क्या आता है या देखने वाली बात होगी।
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