हथिनीकुंड बैराज की सुरक्षा दीवार में लगे ब्लॉक पानी में बहे, बाढ़ का खतरा बढ़ा... बैराज के सभी गेट भी खुले

Edited By Isha, Updated: 04 Sep, 2025 12:24 PM

concrete blocks installed in the security wall of hathinikund barrage were washe

हरियाणा के यमुनानगर में स्थापित हथिनी कुंड बैराज से पिछले 80 घंटे से पानी डिस्चार्ज हो रहा है, जो दिल्ली में यमुना के पानी में इजाफा कर रहा है। 1 सितंबर को सुबह 4:00 बजे हथिनीकुंड बैराज के गेट 1 लाख 65000 क्यूसेक पानी होने के बाद खोल दिए गए थे

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): हरियाणा के यमुनानगर में स्थापित हथिनी कुंड बैराज से पिछले 80 घंटे से पानी डिस्चार्ज हो रहा है, जो दिल्ली में यमुना के पानी में इजाफा कर रहा है। 1 सितंबर को सुबह 4:00 बजे हथिनीकुंड बैराज के गेट 1 लाख 65000 क्यूसेक पानी होने के बाद खोल दिए गए थे, जो लगातार अभी तक खुले हुए हैं। इस दौरान अधिकतम 3 लाख 29000  क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ और तब से अब तक मिनी फ्लड के रूप में लगातार पानी का डिस्चार्ज हो रहा है।

 इसी बीच बैराज के उत्तर प्रदेश की तरफ बनाया गया गाइड बंध के कंक्रीट ब्लॉक जो प्रोटेक्शन के लिए लगाए गए थे वह पानी की मार ना सहते हुए बह गए हैं। हालांकि अधिकारी इसकी वजह से बैराज को कोई खतरा नहीं मान रहे। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कैसे पानी के उस तरफ दीवार में कितनी दरार नजर आ रही है। सिंचाई विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल का कहना है कि जैसे ही पानी कम होगा इसकी मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैराज को इससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।

 
हथिनीकुंड बैराज से लगातार डिस्चार्ज होते पानी से यमुनानगर जिला के एक दर्जन से ज्यादा गांव में भूमि कटाव हो चुका है। सैकड़ो एकड़ भूमि यमुना में समा चुकी है। इन गांव में कमालपुर टापू, पोबरी, लाकड, बंजारा बॉस ,उन्हेड़ी ,बीबीपुर ,कालेश्वर आदि गांव शामिल है। यह सभी गांव यमुना के बिल्कुल किनारे स्थित है। सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर ने माना कि पोबरी और टापू कमालपुर में यमुना आबादी के नजदीक आ गई थी, जहां विभाग द्वारा प्रोटेक्शन वर्क शुरू किया गया, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

 
सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि 2023 में यमुना में सर्वाधिक 3 लाख 59000 क्यूसेक पानी आया था। उन्होंने बताया कि एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी आने के बाद उसे लो फ्लड  माना जाता है, और डेढ़ लाख से अधिक पानी आने के बाद उसे मीडियम फ्लड बताया जाता है। जबकि ढाई लाख पानी आने के बाद हाई फ्लड माना जाता है।
 बैराज से 18 घंटे तक हाई फ्लड चला रहा, जबकि 80 घंटे से मीडियम फ्लड के रूप में पानी का डिस्चार्ज किया जारी है।
 
 आर एस मित्तल ने बताया कि सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी के आदेश के बाद विभाग के सभी कर्मचारियों अधिकारियों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के आदेश दिए गए हैं। इस दौरान कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपना स्टेशन नहीं छोड़ सकता। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह यमुना में पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए यमुना के आसपास ना जाएं। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले बेलगढ़ में इसी तरह दो बच्चे डूब गए थे ।उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की की अपने बच्चों का ध्यान रखें उन्हें यमुना के पास न जाने दे।

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