पानीपत के कायाकल्प को लेकर मुख्यमंत्री ने ली खास बैठक, 60 करोड़ का बजट स्वीकृत

Edited By Shivam, Updated: 19 Jul, 2021 09:03 PM

cm took a special meeting regarding rejuvenation of panipat

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास पर पानीपत की सीवरेज, पेयजल और ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। ऐतिहासिक, औद्योगिक व धार्मिक रूप से विश्व में ख्याति प्राप्त पानीपत की चरमराई...

पानीपत/चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास पर पानीपत की सीवरेज, पेयजल और ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। ऐतिहासिक, औद्योगिक व धार्मिक रूप से विश्व में ख्याति प्राप्त पानीपत की चरमराई सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने 60 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया है।

पानीपत में मौजूद हुडा के क्षेत्र को सीवरेज व्यवस्था सुधारने के लिए तीन सूत्रीय फॉर्मूला मुख्यमंत्री ने दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस काम की जिम्मेदारी पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग को सौंपी है। यह विभाग इस काम की व्यवस्था को पूरी तरह से मॉनिटर करेगा, जिसके लिए अगले डेढ़ साल का समय निर्धारित किया गया है। इस महत्वपूर्ण बैठक में पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज और मुख्यमंत्री के ओएसडी ग्रीवेंसिस भूपेश्वर दयाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे। 

पानीपत का किला मैदान व किला आबादी क्षेत्र के लिए भी इस मीटिंग में कई फैसले लिए गए। बता दें कि आबादी क्षेत्र में 100 साल तक के पुराने मकान मौजूद हैं और कुछ साल पहले क्षेत्र के लोगों को अपने मकानों को लेकर बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था। क्योंकि मिट्टी के कटाव जैसी समस्या आने से कई मकानों में दरार आ गई थी, जिसे लेकर मौके पर पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज भी पहुंचे थे। जिन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान लाकर समाधान करवाने का वायदा किया था। इस बैठक में इस क्षेत्र के रखरखाव पर भी मुख्यमंत्री ने कई फैसले लिए हैं। क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को कोई क्षति न पहुंचे इसके आदेश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि किला मैदान वह क्षेत्र है जहां देश की आजादी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पहली बार पानीपत यहीं पर आए थे। किला के आसपास पुराने मकान और संकरी गलियां हैं। पीने के शुद्ध पानी और सीवरेज की व्यवस्था नहीं है। 

मुख्यमंत्री के ओएसडी ग्रीवेंसिस भूपेश्वर दयाल ने बताया कि इस क्षेत्र के लिए स्पेशल एडवाइजर अलग से रखने के मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं तथा सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ-साथ शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के आदेश दिए गए हैं। इस क्षेत्र के रखरखाव और अन्य प्रबंधों के लिए आवश्यक बजट सरकार वहन करेगी। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग को इस काम की देखरेख-निर्माण और सुधार कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किला क्षेत्र पानीपत की महत्वपूर्ण पहचान है।बहु आबादी किला क्षेत्र के साथ ही बू अली शाह पीर कलंदर की विश्व विख्यात दरगाह है। जहां दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

मुख्यमंत्री के ओएसडी ग्रीवेंसिस भूपेश्वर दयाल  के अनुसार मुख्यमंत्री ने पानीपत की फैक्ट्रियों का जहरीला पानी धार्मिक आस्था की प्रतीक यमुना नहर को दूषित ना करें, इसके लिए भी योजना सख्ती और स्पीड से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। सरकार इसके लिए एसटीपी और सीटीपी अलग-अलग लगाकर यमुना के पानी को शुद्ध रखने पर काम करेगी। पानीपत में इस वक्त दो एसटीपी प्लांट मौजूद हैं। एसटीपी प्लांट शहर के सीवरेज से आए गंदे पानी को तथा सीटीपी प्लांट फैक्ट्रियों से आए दूषित जल को रिसाइकल करने का काम करेगा। भूपेश्वर दयाल ने बताया कि पानीपत के कायाकल्प के लिए प्रारंभिक रूप से सीवरेज और ड्रेनेज व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है।

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