CM खट्टर और अमित शाह ने स्वीकारा, सिरसा में बिकता है चिट्टा, भीड़ भरी रैली में कही ये बात

Edited By Isha, Updated: 20 Jun, 2023 09:22 AM

cm khattar and amit shah accepted drugs is sold in sirsa

केंद्रीय गृह मंत्री अमीत शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार बढ़ रहे नशे और इससे होने वाली मौतों से चिंतित हैं। हम इसे खत्म करेंगे और इसकी शुरूआत हरियाणा प्रदेश से की जाएगी। शाह ने यह बात राजस्थान, पंजाब व हरियाणा की त्रिवेणी कहे...

सिरसा: केंद्रीय गृह मंत्री अमीत शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार बढ़ रहे नशे और इससे होने वाली मौतों से चिंतित हैं। हम इसे खत्म करेंगे और इसकी शुरूआत हरियाणा प्रदेश से की जाएगी। शाह ने यह बात राजस्थान, पंजाब व हरियाणा की त्रिवेणी कहे जाने वाले सिरसा की जमीन पर भीड़ भरी रैली में कही जो यहां रविवार को आयोजित की गयी थी। इतना ही नहीं स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ओढां की अपनी रैली में नशे से होने वाली मौतों का जिक्र किया था। इतने बड़े ओहदों पर बैठे राजनेताओं के संज्ञान में तमाम बातें और किस्से होने के बावजूद नशे का नेटवकर् टूटने का नाम नहीं ले रहा। हालात इतने गंभीर हैं सिरसा जिले में सालभर में सैंकड़ों युवक नशे के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं। इस नशे ने पंजाब में कैप्टन की सरकार को लील लिया। 

हरियाणा के राजनेताओं को गांवों में घुसने पर डर लगने लगा और केंद्र की सरकार तक के हाथ पांव फूल गए लेकिन नशे के कारोबारी इतने बरजोर हैं कि उनके गले तक कानून का फंदा नहीं पहुंच पा रहा। सिरसा की गौरवशाली भारत रैली में भारत का यही गौरव गान गृहमंत्री कर रहे थे कि उनके संज्ञान में नशे के कारोबार की बात है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पाया।  शाह हरियाणा आए तो नशे को रोकने की शुरूआत हरियाणा से करने का कहकर चले गए। पंजाब जाने पर यही बात वहां की जाती है। हर रोज बॉडर्र से खबरें आती हैं कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन पर करोड़ों रुपए की ड्रग्स उतरती है। ईस बार बीएसएफ ने नशा पकड़ा भी है लेकिन उसके कारोबारियों को धरती निगल जाती है या आसमान, इसका पता नहीं चलता। हरियाणा के सीमावर्ती सिरसा, राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़ व पंजाब के मानसा और मुक्तसर जैसे जिले इस अभिशाप से थक गए हैं। हर घर के नौजवान तिल-तिल कर इसकी मार से मारे जा रहे हैं। 


नशे के कारण काल के गाल में जाने वाले नौजवानों के घरों की असीम और अंतहीन विपदा को कोई समझ पाएगा, यह बड़ा सवाल है। बेरोजगारी से उपजने वाली इस बीमारी से लगभग हर दूसरा-तीसरा परिवार परेशान और प्रभावित है। चुनावों में नशा एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरता तो है लेकिन चुनाव के अवसान तक इसका खुमार उतर जाता है और जीतने वाले अपने काम पर लग जाते हैं। आम जनमानस के मुद्दों से इतर राजनेता नशे को लेकर आक्षेप, आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति करने लगे हैं। हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह पर उनके विधायक भतीजे अभय सिंह चौटाला खुल्लम खुल्ला इल्जाम लगाते हैं कि नशे के कारोबार में मंत्री के करीबियों के हाथ सने हुए हैं। मंत्री रणजीत सिंह इसी तरह के आरोप अपने भतीजे पर लगा देते हैं। ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद गृहमंत्री हरियाणा के मंत्री के यहां जलपान करने पहुंच गए जबकि स्वयं रणजीत सिंह अपने चुनाव के दौरान एक महीने में नशा खत्म करने के वादे करते रहे।  

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