आधुनिक हरियाणा के निर्माता के नाम से मशहूर बंसीलाल को हराकर चंद्रावती पहुंची थीं पहली बार संसद

Edited By Saurabh Pal, Updated: 24 Apr, 2024 09:35 PM

chandravati had defeated bansilal in the election from bhiwani

आधुनिक  हरियाणा के निर्माता तथा विकास पुरुष जैसे नामों से  ख्याति पाने वाले मुख्यमंत्री बंसीलाल को  लगभग 7 वर्ष हरियाणा का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद 1975 इमरजेंसी के बाद  साल 1977 में  बंसीलाल ने भिवानी लोकसभा से संसद  चुनाव में हार...

चंडीगढ़(चंद्र शेखऱ धरणी): आधुनिक  हरियाणा के निर्माता तथा विकास पुरुष जैसे नामों से  ख्याति पाने वाले मुख्यमंत्री बंसीलाल को  लगभग 7 वर्ष हरियाणा का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद 1975 इमरजेंसी के बाद  साल 1977 में  बंसीलाल ने भिवानी लोकसभा से संसद  चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था! जिन्हें लोक दल पार्टी की चंद्रावती ने हरा कर पहली बार संसद में दस्तक दी थी! साल 1968 में बड़े ही नाटकीय  अंदाज में बंसीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे! जब राव बीरेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद बाबू जगजीत सिंह, रणबीर हुड्डा , पंडित भगवत दयाल शर्मा जैसे नेताओं के होते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे! इस दौरान उपरोक्त नेताओं को यह लग रहा था कि बंसीलाल ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं टिके रहेंगे! लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल के चलते प्रदेश की राजनीति में ऐसी छाप छोड़ी की हर कोई उनके राजनीतिक कौशल का लोहा मानने लगा! उन्होंने आया राम गया राम पर अंकुश लगाने का कार्य भी किया था!

इस दौरान उन्होंने जहां स्कूल अध्यापकों का तबादला प्रदेश के दूर दराज  के क्षेत्र में किया जिसके लिए उन्हें उनके विरोध को भी अनसुना किया! लेकिन साल 1970 में प्रदेश के हर गांव में बिजली पहुंचाना प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाना दक्षिण व पश्चिम हरियाणा में सिंचाई परियोजनाएं में नहरों का  जाल बिछाने  में  उन्होंने अहम भूमिका निभाई! जिसके चलते उन्हें आधुनिक हरियाणा का निर्माता और विकास पुरुष भी कहा जाने लगा था! 1968 से लेकर 72 ,72 से लेकर 75 ,86 से लेकर 87 व 96 से लेकर 99 तक 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे! इसके अलावा  67, 68 72,86, 91 ,96  साल 2000 में 7 बार विधायक 4 बार लोकसभा सांसद 2  बार राज्यसभा सांसद भी रहे!  उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा विकास पार्टी का निर्माण किया !जिसके सिंबल पर उन्होंने साल 1996 में चौथी बार हरियाणा मुख्यमंत्री के बागडोर संभाली !हालांकि बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था!

नसबंदी कानून लागू करने के बाद जब जींद में एक चुनावी रैली को संबोधित कर  लोगों से वोट का समर्थन मांगा तो जनता के भीतर से आवाज आई कि ऑपरेशन के दौरान लगाए गए टांको में दर्द होता है! जैसे किस्से आज भी  चौपाल में बूढ़े बुजुर्गों के मुंह से सुनाई देते हैं!

पर्यटन को लेकर भी बंसीलाल का अलग ही दृष्टिकोण था! जिसको लेकर उन्होंने करनाल में एक खोखे पर चाय पीने के दौरान ही  करनाल झील बनाने की बात मौजूदा प्रधान सचिव से सांझा की! इसके बाद ही इस कृत्रिम झील को मूर्त रूप दिया गया! यह आज हरियाणा के मुख्य पर्यटन स्थलों में गिना जाता है! जहां पर लोग  रेस्टोरेंट में स्वादिष्ट लजीज खानों स्वाद लेते हैं! वही यहां बनी कृत्रिम झील में  नौका विहार का आनंद लेने से भी नहीं चूकते! 

देवीलाल ने सत्ता संभालते ही बंसीलाल को गिरफ्तार करवाया 

सुल्तान सिंह और बंसीलाल एक बार किसी काम से इकट्ठे दोनों कर में जा रहे थे जब बंसीलाल ने सुल्तान से किसी बात को लेकर सलाह मांगी तो सुल्तान सिंह को इस बात का डर था !उन्होंने बंसीलाल से कहा कि पहले सड़क पर कोई छायादार पेड़ देख लो कहीं आप गाड़ी से  ही न उतार दें!  जिस पर बंसीलाल हंस पड़े! उसके बाद सुल्तान सिंह और बंसीलाल अक्सर दोनों ही दिल्ली इकट्ठे कर में जाया करते थे!

एक और अन्य रोचक मामले में एक अधिकारी द्वारा बंसीलाल को बाथरूम में कैद कर दिया गया था! बताया जाता है कि उस वक्त पंडित  भगवत दयाल शर्मा की सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी जिसमें बंसीलाल पर भी शक की सुई घूम रही थी कि वह भी सरकार के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं !ऐसे में उन्हें विधानसभा जाने से रोकने के लिए यह प्लानिंग बनाई गई थी उसके बाद बंसीलाल ने सत्ता संभालते ही उक्त अधिकारी को कुछ समय बाद ही निलंबित करने का कार्य किया था!

वे केंद्र में रक्षा व रेल मंत्री जैसे पदों पर भी रहे इस दौरान रेल के आने पर घड़ियों का समय  मिलाते थे! क्योंकि बंसीलाल काम के में मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करते थे! मौजूदा समय में उनकी पुत्रवधू किरण चौधरी हरियाणा विधानसभा में विधायक हैं जबकि उनकी पोतरी  श्रुति चौधरी भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं।

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