भाजपा किसान, नौकरीपेशा व मध्यमवर्गी विरोधी सरकार हुई साबित : रणदीप सुरजेवाला

Edited By Isha, Updated: 29 Dec, 2023 06:36 PM

bjp government proved to be anti farmers employees and middle class

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी व भाजपा सरकार पर किसान विरोधी व मध्यमवर्गी विरोधी सरकार करार दिया। कैथल से एक बयान जारी करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा महंगाई की मार व प्रधानमंत्री किसान योजना

कैथल (जयपाल): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी व भाजपा सरकार पर किसान विरोधी व मध्यमवर्गी विरोधी सरकार करार दिया। कैथल से एक बयान जारी करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा महंगाई की मार व प्रधानमंत्री किसान योजना से किसान, नौकरीपेशा व मध्यमवर्ग से मुनाफाखोरी का गौरखधंधा चल रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) 19 महीने में 29% सस्ता होने के बाद भी जनता को कोई राहत नहीं मिल रही। लगातार तीन तिमाही में ही तेल कंपनियों का लगभग 2,12,000 करोड़ रुपए  मुनाफा हो चुका है।

कच्चे तेल का दाम 109 डालर प्रति बैरल से गिरकर 77 डालर प्रति बैरल तक सस्ता हुआ है। मगर पेट्रोल व डीजल के दाम में राहत की रकम मोदी सरकार की "वसूली" में जा रही है !
 उन्होंने कहा कि मोदी सरकार व तेल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹10 और डीजल पर प्रति लीटर ₹4 का मुनाफा, हो रहा है मगर जनता को महंगाई से राहत के नाम पर  "शून्य/सन्नाटा" ही नसीब हुआ है।  आसमान छूते महंगाई और बेरोजगारी की मार के बीच हर दिन "जेब कटाई" बढ़ती जा रही है। क्या डीजल/पेट्रोल के दामों में राहत के लिए भी अब भाजपा, लोकसभा चुनाव-2024 की तारीखों के ऐलान का इंतजार है? रणदीप सुरजेवाला ने पीएम किसान योजना में लाभार्थियों की संख्या कम होने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। सुरजेवाला ने मोदी सरकार से देश के किसानों की तरफ से चार सवालों के जवाब मांगे :- 

  • ▪️प्रधानमंत्री किसान योजना में 2,35,00,000 (2.35 करोड़) किसान एक साल में कम कैसे हो गए ?
  • ▪️क्या संसदीय चुनाव के तीन महीने पहले बात छुपाने के लिए 34 लाख किसान जोड़ने से बात बन जाएगी ? 
  • ▪️क्या ये 34 लाख वही किसान हैं जिनके नाम काटे गए थे या फिर कोई और हैं?
  • ▪️फिर भी सरकार ये तो बताये कि वो 2,00,00,000 (2 करोड़) किसान कहाँ गए, जिनके नाम अब भी ग़ायब हैं? कम कैसे हो गए? ये तो कुल किसानों की संख्या का 20% है, ये कैसे हुआ?
  • ▪️दो में से एक ही बात हो सकती है। क्या 2 करोड़ किसानों ने खेती बंद कर दी? अगर यह सही है तो ये देश में बहुत बड़े कृषि संकट की और ईशारा करता है? क्या इस बारे देश को नहीं बताना चाहिये? या फिर क्या पैसे बचाने के लिये सरकार ने उनके नाम काट दिये? अगर ये सही है तो PM किसान के 20% किसानों के नाम यकायक काटना एक बहुत बड़े किसान विरोधी षड्यंत्र को दर्शाता है। क्या इसके बारे PM को देश को नहीं बताना चाहिए।

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