आत्मरक्षा के जुनून में लक्की मनीदास बन गई कराटे कोच

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 08 Feb, 2024 04:51 PM

assam lucky manidas become karate coach in gurgaon

बेटियों की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित होता है, लेकिन आसाम की लक्की मनीदास को महिला सुरक्षा का ऐसा जुनून चढ़ा कि वह अब कराटे कोच बन गई। वह न केवल महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है बल्कि आगे आकर समाज को नई दिशा देने का कार्य भी कर रही हैं।

गुड़गांव, (ब्यूरो): बेटियों की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित होता है, लेकिन आसाम की लक्की मनीदास को महिला सुरक्षा का ऐसा जुनून चढ़ा कि वह अब कराटे कोच बन गई। वह न केवल महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है बल्कि आगे आकर समाज को नई दिशा देने का कार्य भी कर रही हैं। लक्की मनीदास ने बताया कि वह आत्मरक्षा के गुर सीखने के साथ ही कराटे चैंपियनशिप में भाग लेने लगी और इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिता में मेडल जीतकर देश का भी नाम रोशन करने लगी। इसके साथ ही आज वह कराटे कोच बनकर महिला सशक्तिकरण में भी अपनी भूमिका निभाने लगी है।

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लक्की मनीदास ने बताया कि वह मूल रूप से आसाम की रहने वाली हैं। दो महीने की थी जब पिता का देहांत हो गया। घर में मां और बड़ा भाई है। पिता के देहांत के बाद मां उन्हें लेकर गुड़गांव आ गई। आर्थिक तंगी होने के कारण वह 12वीं तक ही पढ़ाई कर पाई। गुड़गांव में बढ़ते महिला अपराध को देखते हुए उनका परिवार भी चिंतित रहता था। इस दौरान उन्होंने आत्मरक्षा के गुर सीखने की ठानी और कराटे सीखने लगी। अभी कराटे सीखने शुरू ही किए थे कि लॉकडाउन लग गया। इसके बाद उन्होंने योग क्लास की शुरूआत की और योग सीखने के साथ ही ऑनलाइन दूसरों को भी ऑनलाइन सिखाने लगी। लॉकडाउन में छूट मिलते ही वह दोबारा कराटे सीखने लगी और प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगी। उन्होंने बताया कि भाई सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें अकेले कहीं भी जाने नहीं देता था, लेकिन जब भाई को पता लगा कि वह डेढ़ साल से कराटे खेल रही है और प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी है तो उनके भाई ने भी उन्हें सपोर्ट किया। 

 

लक्की मनीदास ने बताया कि उन्होंने पहली बार डिस्ट्रिक्ट लेवल की प्रतियोगिता खेलते ही गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने मेडलों की झड़ी लगा दी। अब तक वह नेशनल लेवल के 8 मेडल और इंटरनेशनल लेवल के 5 मेडल जीत चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने सांई कराटे एकेडमी में बतौर कोच महिलाओं को कराटे सिखाना शुरू कर दिया। अब तक उनके सिखाए गए खिलाड़ी नेशनल लेवल पर कई मेडल ला चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह अपना आदर्श एंजलिका को मानती हैं। वह बचपन से ही उनकी वीडियो देखती थी। जब वह कराटे सीखने लगी और कोचिंग जॉइन की तो उन्होंने अपना आदर्श साईं कराटे एकेडमी के डायरेक्टर सुनील सैनी को माना और उनके मार्गदर्शन में ही नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। 

 

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