बिजली बिलों पर कांग्रेस के प्रहार के बाद भाजपा ने किया पलटवार, आंकड़ों के जरिये की तस्वीर स्पष्ट

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 07 Apr, 2025 09:07 PM

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प्रदेश में बिजली बिलों को लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से भाजपा सरकार पर किए गए प्रहार के बाद अब भाजपा नेताओं ने भी आंकड़ों व तथ्यों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा ने आंकड़ों के जरिए यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि सरकार ने...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : प्रदेश में बिजली बिलों को लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से भाजपा सरकार पर किए गए प्रहार के बाद अब भाजपा नेताओं ने भी आंकड़ों व तथ्यों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा ने आंकड़ों के जरिए यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि सरकार ने पिछले साढ़े 10 वर्षों में बिजली उपभोक्ताओं को बोझ देने की बजाय राहत देने का काम किया है। भाजपा के अनुसार न्यूनतम मासिक शुल्क को बिजली बिलों से हटाकर छोटे व मंझोले उपभोक्ताताओं को राहत दी है, जिसके बाद 25 यूनिट तक बिजली बिलों में साढ़े 72 प्रतिशत तो 50 यूनिट तक के बिलों में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि नायब सैनी की सरकार की ओर से बिजली उपभोक्ताओं के न्यूनतम मासिक शुल्क हटाए जाने के बाद बिजली बिलों की विभिन्न यूनिट श्रेणियों में साढ़े 6 प्रतिशत से 72.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 2014-15 में 25 यूनिट तक बिजली का बिल 68 रुपए आता था और 2015-16 वित्तीय वर्ष में यह 200 रुपए था। अब सरकार की ओर से बिजली दलों की प्रणाली में किए गए बदलाव के बाद 25 यूनिट तक के बिजली बिलों का केवल 55 रुपए बिजली बिल रहा है। ऐसे में इस श्रेणी में बिजली बिल में 72.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह से 2014-15 में 50 यूनिट का 153 रुपए बिल आता था जो अब कम होकर 110 रह गया है। इस श्रेणी में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे ही 2014-15 में 100 यूनिट तक 378 रुपए बिजली बिल आता था जो वर्तमान में 245 रह गया है और इस श्रेणी में करीब 35.19 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

इसी प्रकार से 2014-15 में 150 यूनिट तक औसत 603 रुपए बिल आता था जो चालू वित्त वर्ष में कम होकर 443 रुपए रह गया है। ऐसे ही 2014-15 में 200 यूनिट तक 828 रुपए बिजली बिल आता था जो चालू वित्त वर्ष में 14.86 प्रतिशत गिरावट के साथ 705 रुपए रह गया है। 2014-15 में 250 यूनिट तक 1053 रुपए बिजली बिल आता था जो अब 8.12 प्रतिशत गिरावट के साथ 968 रुपए रह गया है। इसी तरह से 300 यूनिट तक बिजली बिल 2014-15 में 1316 रुपए आता था जो अब साढ़े 6 फीसदी गिरावट के साथ 1230 रुपए रह गया है।

मनोहर लाल के बाद अब बिजली सुधारीकरण पर फोकस कर रहे हैं मुख्यमंत्री सैनी

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खास बात यह है कि 26 अक्तूबर 2014 से लेकर 12 मार्च 2024 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर ने बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार किया। इस कड़ी में गांवों में 24 घंटे बिजली देने के मकसद से म्हारा गांव-जगमग गांव योजना शुरू की। योजना के तहत मार्च 2025 तक 5881 से अधिक गांवों में 24 घंटे बिजली आपूॢत सुनिश्चित की गई। अक्तूबर 2014 तक 538 गांवों में ही 24 घंटे बिजली आपूॢत दी जा रही थी। अक्तूबर 2014 तक प्रदेश में बिजली का लाइन लोस 31 प्रतिशत था। इससे बिजली निगम सालाना 3 हजार करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा था। मनोहर लाल खट्टर ने अभूतपूर्व कदम उठाए। सार्थक परिणाम सामने आए और बिजली का लाइन लोस करीब 18 फीसदी कम करते हुए 13 प्रतिशत तक  ले आए। इससे घाटे में चल रहा बिजली निगम मुनाफे की पटरी पर आ गया। अक्तूबर 2014 तक बिजली बिलों की 50 प्रतिशत रिकवरी होती थी जो 2025 में 86 प्रतिशत तक पहुंच गई। अब मनोहर लाल खट्टर के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी बिजली के सुधारीकरण पर फोकस कर रहे हैं और लगातार उपभोक्ताओं को राहत देने का काम कर रहे हैं। 

इस तरह से बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना प्रदेश

खास बात यह है कि अक्तूबर 2014 से पहले बिजली का लाइन लोस 31 फीसदी था, जिसे कम करके 10 फीसदी तक लेकर आए और अब न हरियाणा का बिजली निगम न केवल आत्मनिर्भन बन गया है और दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल बन गया है। 2014 से पहले लाइन लोस के चलते पहले बिजली निगम सालाना करोड़ों रुपए के घाटे में था, तो लाइन लोस कम होने के बाद न केवल घाटा कम हुआ, बल्कि बिजली निगम मुनाफे में भी आ गया। बिजली उपभोक्ताओं भी लगातार सरकार ने राहत दी और यही वजह है कि दस वर्षों के बाद भी बिजली के बिल पहले की तुलना में कम आ रहे हैं। 

इसी प्रकार से प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत करीब 63 हजार सोलर पंप लगाए गए। उजाला योजना के तहत 1 करोड़ 60 लाख एल.ई.डी. बल्ब, सवा दो लाख एल.ई.डी. ट्यूबस, 61 हजार पंखे वितरित किए गए, जिससे 411 मैगावाट ऊर्जा की वार्षिक बचत हुई। मनोहर लाल के शासनकाल में 1 लाख 93 हजार नए ट्रांसफार्मर लगाए गए तो 52 हजार किसानों को नलकूप कनैक्शन दिए गए। घरों, कालोनियों व स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली 3151 खतरनाक लाइनों में से 3143 लाइनों को हटाया गया। खास बात यह है कि बिजली चोरी के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया और करीब आधा दर्जन भर एक साथ सैकड़ों टीमों ने हजारों स्थानों पर छापेमारी की, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आए।

कांग्रेस देती है आफत तो भाजपा जनता को देती है राहत: बराला

राज्यसभा के सदस्य सुभाष बराला का कहना है कि बिजली आज हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। भाजपा कभी जनता पर बोझ नहीं बढ़ाती है। कांग्रेस की संस्कृति रही है जनता को बोझ देने की, जबकि भाजपा हमेशा ही जनता को राहत देती है। भाजपा सरकार ने अब बिजली उपभोक्ताओं को भी राहत देने का काम किया है। बराला का कहना है कि कांगे्रेस गलत तथ्यों के साथ जनता को बरगलाने का प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी है और कांग्रेस गलत आंकड़े पेश कर गुमराह करने से बाज आए। अपने साढ़े 10 वर्षों के शासनकाल के दौरान भाजपा ने बिजली की क्षमता में वृद्धि की। आधारभूत ढांचे को मजबूत किया और लगातार जनता के हित में योजनाएं लागू की। आज सौर ऊर्जा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। सोलर पंप और घरेलू कनैक्शन के लिए सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जा रहा है। 

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इसी तरह से सरकार की ओर से बिजली की नई लाइनें बिछाने के साथ-साथ नए बिजली घरों का निर्माण किया गया है। 2014 से पहले प्रदेश में बिजली का ढांचा गड़बड़ाया हुआ था। खपत की तुलना में उत्पादन कम था। इस दिशा में मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने अनेक नई योजनाएं शुरू की। इसके अलावा मासिक न्यूनतम शुल्क को हटाकर पिछली सरकार की तुलना में भाजपा सरकार ने टैरिफ दरों में संशोधन से आम आदमी को राहत देने का काम किया है। अब मनोहर लाल की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा को ऊर्जा के क्षेत्र में अव्वल बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं।

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