ई-ऑक्शन के खिलाफ आढ़तियों की चेतावनी, 10 सितंबर को महारैली कर लड़ाई की करेंगे शुरुआत

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 29 Aug, 2022 07:57 PM

aadti association will holding a rally on september 10 agaisnt e auction

इसी के साथ चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को लेकर सही कदम नहीं उठाया, तो उसी दिन सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलन की  रूपरेखा की घोषणा की जाएगी।

रोहतक(दीपक): हरियाणा स्टेट आढ़ती एसोसिएशन ने ई-ऑक्शन सहित अन्य मांगों को लेकर रोहतक में प्रदेश स्तरीय बैठक की। इस बैठक में प्रदेश भर के आढ़ती एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने  हिस्सा लिया। इस बैठक में आढ़तियों ने सरकार द्वारा लाई जा रही ई-ऑक्शन योजना को लेकर नाराजगी जताई। इस बैठक में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात की गई है। हरियाणा स्टेट आढ़ती एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर आगामी 10 सितंबर को गोहाना में एक महारैली करने का ऐलान किया है। इसी के साथ चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को लेकर सही कदम नहीं उठाया, तो उसी दिन सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलन की  रूपरेखा की घोषणा की जाएगी।

 

प्रदेश की मंडियों में ई-ऑक्शन स्कीम लागू करने की तैयारी कर रही सरकार

 

दरअसल हरियाणा सरकार प्रदेश की अनाज मंडियों में ई-ऑक्शन स्कीम लागू करने जा रही है। इसके विरोध में सोमवार को प्रदेशभर के आढ़तियों ने रोहतक में एक बैठक की। हरियाणा स्टेट आढ़ती एसोसिएशन के राज्य प्रधान अशोक गुप्ता ने कहा कि सरकार ई-ऑक्शन स्कीम लागू करना चाहती है। प्रदेश के सभी आढ़ती सरकार की इस स्कीम का विरोध कर रहे हैं। यह स्कीम आढ़ती और किसान हित में नहीं है। एक आढ़ती के पास दस किसान फसल लाते हैं। उसमें दो की  एक तरह की क्वालिटी है, जबकि आठ की अलग फसल की क्वालिटी होती है। ऐसे में मापदंड तय कैसे होंगे। किसान की फसल का पेमेंट कैसे और कौन करेगा यह स्पष्ट नहीं है।

 

गोहाना में होने वाली रैली में आगामी रणनीति बनाएगी एसोसिएशन

 

उन्होंने कहा कि आढ़ती एसोसिएशन ई-ऑक्शन का पूरी तरह विरोध करती है। यह धरातल पर संभव ही नहीं है। सरकार द्वारा आढ़ती विरोधी नीतियां बनाने के खिलाफ 10 सितंबर को गोहाना अनाज मंडी में महारैली की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी एक मांग यह भी है कि सरकार आढ़तियों का कमीशन कम करने के फैसले पर दोबारा विचार करे। इसी के साथ लाइसेंस की अवधि को लेकर भी समस्या है। पड़ोसी राज्य पंजाब में 25 साल की सीमा है। ऐसी ही कई अन्य मांगे भी हैं। सरकार से हमारी यही मांग है कि सरकार आढ़तियों की मांगों को पूरा करे। अन्यथा सरकार आरपार की लड़ाई के लिए तैयार रहे।

 

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