Edited By Isha, Updated: 20 Dec, 2019 05:50 PM
हरियाणा की मिलर्स में हुए कथित धान घोटाले की जांच को लेकर फिर शनिवार से मीलों की फिजिकल वेरीफिकेशन शुरू होगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए प्रदेश की 1305 मि
चंडीगढ़(धरणी)- हरियाणा की मिलर्स में हुए कथित धान घोटाले की जांच को लेकर फिर शनिवार से मीलों की फिजिकल वेरीफिकेशन शुरू होगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए प्रदेश की 1305 मिलों की जांच के लिए 140 टीमें गठित की हैं। चंडीगढ़ में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि हर टीम में कृषि विभाग, खाद्य विभाग और खरीद एजेंसी के अधिकारियों के साथ अन्य स्टाफ शामिल किया गया है।
एसीएस पीके दास ने बताया कि एक टीम अधिकतम 2 मिलों के स्टॉक की ही 1 दिन में जांच कर सकेंगे। हर टीम को उसी दिन रिपोर्ट खाद्य एवं आपूर्ति विभाग चंडीगढ़ को भेजनी जरूरी होगी। यदि फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान किसी मील के स्टॉक में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके खिलाफ अपराधिक और दीवानी मामले भी दर्ज करवाए जाएंगे। 5 दिन में प्रदेश की सभी मिलों के स्टॉक की फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी होने की उम्मीद है।
पीके दास ने बताया कि भविष्य में मिल्स के स्टॉक में गड़बड़ियां रोकने के लिए विभाग ने कुछ कदम उठाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। जिसमें मील तक स्टॉक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था विभाग की तरफ से की जाएगी। दूसरे विकल्प में विभाग मिलों में महीने के हिसाब से स्टॉक भेजने की सोच रहा है। विभाग की तरफ से की जा रही जांच के चौथे दिन मुख्यालय से भी जिलों में टीमें भेजी जाएंगी जो रेंडमली मिल के स्टॉक की जांच भी करेगी।
शुक्रवार को लॉटरी यानी ड्रा के जरिये यह तय होगा कि कौन सी जांच टीम, किस-किस मिल में जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन करेगी। यही नहीं, फिजिकल वेरिफिकेशन का काम भी कम से कम 3 दिन चलेगा। इस बीच, बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबंधित 10 जिलों के डीसी और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उपायुक्तों से कहा गया है कि वे पुलिस को अलर्ट पर रखें।
अगर मिल मालिकों की ओर से फिजिकल वेरिफिकेशन में किसी तरह की रुकावट पैदा की जाती है तो पुलिस की मदद ली जा सकती है। जांच अधिकारियों व कर्मचारियों को बॉडी कैमरे लगाकर जांच करनी होगी। ये कैमरे जीपीआरएस सिस्टम से कनेक्ट होंगे। यही नहीं, पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग भी होगी। साथ ही, जांच टीम को निर्देश दिए गए हैं कि सरकार की ओर से मिलों को दिए धान स्टॉक की चैकिंग के दौरान उस जगह को चिह्नित करें जहां स्टॉक रखा गया है। विभाग का मानना है कि फिजिकल वेरिफिकेशन तीन दिन से अधिक भी चल सकती है। सरकार पूरी बारीकी से जांच करने के पक्ष में है।